नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले देश में रिकॉर्ड मात्रा में ड्रग्स और बेहिसाब धन जब्त किए गए हैं. चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान धन-बल के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की है. इस दौरान ड्रग्स को लेकर भी बड़ी कार्रवाई की गई.
प्रवर्तन एजेंसियों ने की रिकॉर्ड जब्ती की है. धनबल के खिलाफ चुनाव आयोग की कार्रवाई में 4650 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं. यह 2019 में पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान जब्त किए गए 3475 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. गौरतलब है कि 45 फीसदी जब्ती ड्रग्स और नशीले पदार्थों की है. जिन पर आयोग का विशेष ध्यान है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राजस्थान 778.52 करोड़ रुपये की जब्ती के साथ टॉप पर है. इसके बाद गुजरात में 605.35 करोड़ रुपये, तमिलनाडु में 460.84 करोड़ रुपये जब्त किए गए. महाराष्ट्र में 431.34 करोड़ रुपये, पंजाब में 311.84 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र में 281.43 करोड़ रुपये, नई दिल्ली में 236.06 करोड़ रुपये जब्त किए गए.
ड्रग्स के मामले में मूल्य के दृष्टिकोण से जब्त की गई राशि में शीर्ष पर रहने वाले राज्यों में गुजरात 485.99 करोड़ रुपये के साथ टॉप पर रहा. इसके बाद तमिलनाडु में 293.02 करोड़ रुपये, पंजाब में 280.81 करोड़ रुपये, नई दिल्ली में 189.94 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए गए. ड्रग्स के मामले में जब्त की गई कुल राशि 2068.85 करोड़ रुपये है.
शराब के मूल्य के संदर्भ में कर्नाटक में कुल 48.931 करोड़ रुपये (124.33 करोड़ रुपये) जब्त किए गए. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 51.17 करोड़ रुपये, राजस्थान और अन्य में 40.78 करोड़ रुपये जब्त किए गए. कैश जब्ती के संदर्भ में कम से कम 395.93 करोड़ रुपये जब्त किए गए. इसमें तमिलनाडु में 53.58 करोड़ रुपये, तेलंगाना में 49.18 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र में 40.05 करोड़ रुपये और अन्य शामिल हैं.
12 अप्रैल को आयोग का नेतृत्व सीईसी राजीव कुमार और ईसी ज्ञानेश ने किया. कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने चरण-एक में तैनात सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों की समीक्षा की. 19 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. प्रलोभन-मुक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सख्ती, निगरानी और जांच पर विचार-विमर्श का फोकस रहा. बढ़ी हुई बरामदगी विशेष रूप से छोटे और कम संसाधन वाले दलों के पक्ष में 'समान अवसर' के लिए प्रलोभनों की निगरानी करने और चुनावी कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए ईसीआई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है.