नई दिल्ली: केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को वामपंथी दलों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस बार हम भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस को इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारते समय गठबंधन सहयोगियों की समग्र संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए.
वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में राहुल का मुकाबला सीपीआई की एनी राजा से होगा, जो नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की महासचिव हैं. एनी राजा डी राजा की पत्नी हैं. के सुरेंद्रन वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं. गौरतलब है कि 2008 में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बाद गठन के बाद से वायनाड ने कांग्रेस उम्मीदवारों को चुना है. केरल की पूर्व कांग्रेस कार्य समिति के अध्यक्ष, दिवंगत एमआई शनावास, 2009 और 2014 में वायनाड से चुने गए थे.
राहुल गांधी ने 2019 में यह सीट जीती थी. पिछले संसदीय चुनाव में, राहुल गांधी ने वायनाड में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की, उन्होंने सीपीआई के अपने प्रतिद्वंद्वी पीपी सुनीर पर 4,31,770 वोटों से जीत हासिल की. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से नेहरू-गांधी वंशज की उम्मीदवारी की आलोचना करते हुए राजा ने कहा कि वायनाड और केरल के लोग देख रहे हैं.
केरल के लोगों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ना क्यों चुना. राजा ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी ने वायनाड में सीपीआई के खिलाफ राहुल गांधी को मैदान में उतारने का फैसला क्यों किया.
राजा के मुताबिक बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए राहुल गांधी हिंदी बेल्ट की किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते थे. राजा ने कहा कि वह (राहुल गांधी) केरल की किसी अन्य लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन वायनाड से नहीं उम्मीदवारी पेश नहीं करनी चाहिए थी.
राहुल गांधी ने दो यात्राएं कीं, जिनमें भारत जोड़ो और भारत न्याय यात्रा शामिल है. अपनी दो यात्राओं के दौरान उनका फोकस बीजेपी और आरएसएस की राजनीति पर हमला और आलोचना करना था. राजा ने बताया कि जब चुनावी लड़ाई की बात आती है, तो गांधी ने भाजपा से सीधे लड़ने का विकल्प नहीं चुना है. उन्होंने कहा कि उन्होंने वामपंथियों के खिलाफ लड़ना चुना है. इसी पर लोग सवाल उठा रहे हैं. केरल में मुख्य मुकाबला एलडीएफ और यूडीएफ के बीच होगा.
राजा के इसी विचार को दोहराते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि राहुल गांधी किसी अन्य लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते थे. करात ने कहा कि हमारी तरह, कांग्रेस को भी इंडिया ब्लॉक गठबंधन के साथ सीट बंटवारे के फार्मूले के सिद्धांत का पालन करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केवल अन्य विपक्षी सहयोगियों के साथ हमारी समझ के कारण हम इस बार केवल 50 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक समझ और चुनाव लड़ना हर राज्य में अलग-अलग होता है. येचुरी ने कहा कि हालांकि, अगर वायनाड को लेकर लेफ्ट और कांग्रेस के बीच सहमति होती तो ऐसा हो सकता था, क्योंकि हम बीजेपी के खिलाफ मिलकर लड़ रहे हैं. गौरतलब है कि केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अप्रैल है.