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लालू की 'सेना' तैयार, विरोधियों को कितना दे पाएंगे टक्कर? ऐसा विश्लेषण आप नहीं पढ़े होंगे - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 12, 2024, 6:33 AM IST

Lalu Yadav
Lalu Yadav

Lalu Yadav राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी हैं. उन्होंने टिकटों का बंटवारा सभी समीकरणों को देखते हुए किया है. लालू यादव ने जातिगत समीकरणों के जरिए ऐसा चक्रव्यूह रचा है जिसे भेद पाना NDA के लिए आसान नहीं है. 23 में से 22 सीटों पर आरजेडी ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिया है. लेकिन सिवान सीट शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब के लिए छोड़ रखी है. ऐसे में सीट दर सीट विश्वलेषण करना जरूरी हो जाता है.पढ़ें-

पटना : 2024 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने अपनी 22 प्रत्याशियों लिस्ट जारी कर दी है. एक सीट सिवान पर अभी तक आरजेडी ने अपना प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में बहुत ही कांटे की टक्कर होने की बात कही जा रही है, क्योंकि आरजेडी ने समीकरण के हिसाब से 22 प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश : 2024 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने यादव जाति से 8 उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि 2 रविदास, 3 कुशवाहा, पासवान, धानुक, गंगोता चौपाल से 1-1 और दो सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

9 सीटों पर BJP और RJD में सीधा मुकाबला : 2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी जिन 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसमें 9 सीट पर उसका बीजेपी से मुकाबला है. नवादा, सारण, दरभंगा, बक्सर, पाटलिपुत्र, औरंगाबाद, उजियारपुर, अररिया और मधुबनी सीट पर आरजेडी का सीधा मुकाबला बीजेपी से है.

नावादा का रण : नावादा से श्रवण कुमार कुशवाहा को आरजेडी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. नवादा सीट BJP का गढ़ कहा जाता है. पहले भोला सिंह, 2014 में गिरिराज सिंह, 2019 में चंदन सिंह यहां से सांसद चुने गए. 2024 में BJP ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. आरजेडी ने श्रवण कुशवाहा को टिकट देकर कुशवाहा वोट में सेंध लगाने की कोशिश की है.

पाटलिपुत्र में चाचा Vs भतीजी : पाटलिपुत्र से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को आरजेडी से एक बार फिर टिकट मिला है. 2014 और 2019 में भी मीसा भारती यहां से चुनाव लड़ चुकी है. यहां उनका मुकाबला एक बार फिर से कभी लालू यादव के सबसे करीबी रहे रामकृपाल यादव से है. 2014 और 2019 में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को चुनाव में हराया था. इस बार भी चुनाव बड़ा दिलचस्प है. दोनों एक-दूसरे को चाचा-भतीजी कहकर पुकारते हैं.

सारण में रूडी के सामने रोहिणी : सारण से राजद की टिकट पर लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य चुनावी मैदान में हैं. सारण में उनका मुकाबला बीजेपी के वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रुडी से है. रुडी 2014 और 2019 से लगातार सांसद बन रहे हैं. सारण लालू प्रसाद का परंपरागत सीट है. लालू प्रसाद यहां से 4 बार सांसद रह चुके हैं. राजीव प्रताप रुडी भी सारण से अब तक 4 बार सांसद रह चुके हैं. इस बार रोहिणी का मुकाबला फिर से रुडी से है. लेकिन इस बार सारण की लड़ाई कांटे की है. लालू प्रसाद को किडनी दान देने के कारण रोहिणी सुर्खियों में हैं. रोहिणी को इस बार सिम्पैथी वोट मिलने की बात कही जा रही है.

दरभंगा में ब्राह्मण के सामने यादव : दरभंगा से ललित यादव को आरजेडी ने अपना उम्मदीवार बनाया है. ललित यादव दरभंगा के मनीगाछी से विधायक हैं. वे लगातार 6 बार से आरजेडी के विधायक बन रहे हैं. दरभंगा सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 2009 और 2014 में कीर्ति आजाद यहां से चुनाव जीते थे. 2019 में गोपालजी ठाकुर चुनाव जीते. इस बार गोपालजी ठाकुर से ललित यादव का सीधा मुकाबला है. ललित यादव 2005 से अबतक विधायक का चुनाव कभी नहीं हारे. इस लिए 2024 का चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है.

मधुबनी में फातमी पर जताया भरोसा : मधुबनी से अली अशरफ फातमी को आरजेडी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.अली अशरफ फातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. इस बार फातिमी को आरजेडी ने मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के सांसद अशोक कुमार यादव से है. 2019 में अशोक कुमार यादव 4 लाख से अधिक मतों से सांसद चुने गए थे. इस बार भी अशोक यादव का पलड़ा भारी दिख रहा है.

बक्सर से ताल ठोक रहे सुधाकर सिंह : बक्सर से आरजेडी ने जगदानंद सिंह के पुत्र और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. सुधाकर सिंह का मुकाबला बीजेपी के मिथिलेश तिवारी से है. बक्सर से बीजेपी ने अश्विनी चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया है. सुधाकर सिंह किसानों की समस्या के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार बक्सर में कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

उजियारपुर में नित्यानंद राय के सामने आलोक मेहता : उजियारपुर से आलोक कुमार मेहता को आरजेडी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जहां उनका मुकाबला बीजेपी के दिग्गज और वर्तमान में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से है. आलोक मेहता एक बार समस्तीपुर से लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में आलोक मेहता उजियारपुर मुकाबला कर रहे हैं. हालांकि अभी भी नित्यानंद राय का पलड़ा भारी दिख रहा है.

औरंगाबाद में JDU से आए अभय कुशवाहा पर भरोसा : औरंगाबाद से अभय कुमार कुशवाहा पर आरजेडी ने भरोसा जताया है. औरंगाबाद सीट को राजपूतों का चित्तौरगढ़ कहा जाता है. यहाँ से सुशील सिंह 2009 में जदयू से 2014 और 2019 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इस बार आरजेडी ने कुशवाहा वोटरों को ध्यान रखते हुए अभय कुशवाहा को टिकट दिया है, लेकिन इस बार भी बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है.

''बिहार में बीजेपी और आरजेडी में 9 सीट पर सीधा मुकाबला है. इन सभी सीटों पर बीजेपी रिकॉर्ड वोट से जीतेगी. मिथिला की सभी परंपरागत सीट पर बीजेपी 5 लाख वोट से जीत हासिल करेगी. सारण, औरंगाबाद और नवादा हमारी परंपरागत सीट है, जहां से इस बार बीजेपी फिर से जीत हासिल करेगी. 2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी का बिहार में खाता तक नहीं खुलेगा.''- कुंतल कृष्ण, बीजेपी प्रवक्ता

9 सीट पर जदयू और राजद में टक्कर : 2024 लोकसभा चुनाव में 9 सीट पर जदयू का राजद से मुकाबला है. बांका, पूर्णिया, सुपौल, जहानाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर, वाल्मीकि नगर, मुंगेर और मधेपुरा सीट पर जेडीयू और राजद के बीच में सीधी लड़ाई है.

पूर्णिया में बीमा भारती की एंट्री : पूर्णिया से बीमा भारती को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. 2024 लोकसभा चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला पूर्णिया में देखने को मिलेगा. 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा यहां से चुनाव जीत रहे हैं. इस बार भी जदयू ने संतोष कुशवाहा को अपना प्रत्यशी बनाया है. लेकिन इस बार पप्पू यादव इस सीट के सबसे चर्चित उम्मीदवार हैं. पप्पू यादव यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. भले ही बीमा भारती को राजद ने उम्मीदवार बनाया है, लेकिन 2024 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी का मुकाबला निर्दलीय पप्पू यादव से ही होने की संभावना है.

बांका JP यादव पर भरोसा : बांका जय प्रकाश यादव पर राजद ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. बांका में जयप्रकाश यादव का सीधा मुकाबला जदयू के निवर्तमान सांसद गिरिधारी यादव से है. पिछले चुनाव में जयप्रकाश यादव को ही हरा कर गिरिधारी यादव सांसद बने थे.

सुपौल की जंग : सुपौल से चंद्रहास चौपाल को राजद ने पहली बार अपना उम्मीदवार बनाया है. सुपौल सीट पर अतिपिछड़ा उम्मीदवार जीत होती रही है. 2019 में जदयू के दिलेश्वर कामत यहां से चुनाव जीते थे. इस बार भी जदयू ने दिलेश्वर कामत को ही अपना उम्मदीवार बनाया है. राजद ने इसबार चौपाल बिरादरी के नेता को अपना उम्मदीवार बनाया है. लेकिन इस बार भी जतीय समीकरण के हिसाब से जदयू का पलड़ा भारी दिख रहा है.

अररिया में तस्लीमुद्दीन के बेटे को टिकट : अररिया से शाहनवाज आलम को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. शाहनवाज आलम सीमांचल के राजद के दिग्गज नेता रहे तस्लीमुद्दीन के छोटे पुत्र हैं. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के सांसद प्रदीप सिंह से है. इस बार यहां कांटे की टक्कर है.

जहानाबाद की जंग : जहानाबाद से सुरेंद्र प्रसाद यादव को राजद ने फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. 2019 लोकसभा चुनाव में जदयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार उनका पलड़ा भारी दिख रहा है. क्योंकि NDA के वोट में विखराव की संभावना दिख रही है. कुछ निर्दलीय प्रत्यशी जदयू का खेल बिगाड़ सकते हैं.

मुंगेर में बाहुबली की पत्नी को टिकट : मुंगेर से अनिता देवी महतो को राजद ने टिकट दिया है. बाहुबली अशोक महतो ने इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए खरमास महीने में अनिता देवी से शादी की थी. मुंगेर में अनिता देवी का मुकाबला जदयू के दिग्गज नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से है. 2024 चुनाव में यहां पर सीधी लड़ाई है, लेकिन अभी भी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पलड़ा भारी दिख रहा है.

सीतामढ़ी में किसको मिलेगी संसद की सीढ़ी? : सीतामढ़ी से अर्जुन राय को राजद ने एक बार फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार जदयू ने अपने सिटिंग सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार सीतामढ़ी में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है.

वाल्मीकिनगर में दीपक यादव पर भरोसा : वाल्मीकिनगर से दीपक यादव को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जहां उनका मुकाबला जदयू के वर्तमान सांसद सुनील कुमार से है. सुनील कुमार के पिता बैद्यनाथ महतो भी यहां से सांसद रह चुके हैं. इस बार यहां कांटे की लड़ाई है.

शिवहर में रितु जायसवाल Vs लवली आनंद : शिवहर से रितु जायसवाल को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. रितु जायसवाल का मुकाबला बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद से है. आरजेडी को उम्मीद है कि उनके MY समीकरण के अलावा वैश्य समुदाय का वोट उनको मिलेगा. शिवहर में इस बार कांटे का मुकाबला दिख रहा है.

मधेपुरा में चंद्रदीप के सामने दिनेश चंद्र : मधेपुरा से कुमार चंद्रदीप को राजद ने अपना प्रत्याशी बनाया है. जहां उनका मुकाबला जदयू के वरिष्ठ नेता और वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव से है. इस बार जदयू और राजद की सीधी लड़ाई में जदयू के पलड़ा भारी दिख रहा है.

''बिहार में बड़ी मुश्किल से राजद प्रत्याशी का चयन कर सका है. राजद को उम्मीदवार मिलना मुश्किल था. एक तरफ NDA का मजबूत गठबंधन है तो दूसरी तरफ ठगबंधन है. अभी तक घोषित 22 सीट में 9 सीटों पर राजद का सीधा मुकाबला जदयू से है. सीतामढ़ी, शिवहर, बांका, मुंगेर, मधेपुरा के अलावे अन्य सभी सीटों पर 2019 के चुनाव में जदयू की बड़े मार्जिन से जीत हुई थी. इस बार भी जदयू का लक्ष्य है इन सभी सीटों पर 4 लाख से अधिक वोट से जीत का. राजद के सामने चुनौती होगी अपना जमानत बचाने की.''- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

क्या है राजद का दावा : आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का मानना है कि इस बार बिहार की 23 सीटों पर राजद चुनाव लड़ रही है. 22 सीट पर प्रत्याशी का चयन हो गया है. 9 सीटों पर भाजपा के साथ, 9 सीट पर जदयू के साथ और 4 सीट पर अन्य पार्टीयों से मुकाबला है. राजद इन तमाम सीटों पर जीत हासिल करेगी.

''अपने 17 महीने के कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने जिस तरीके से रोजगार को लेकर एक रोड बनाया है, उससे लोगों में आशा जगी है. नौकरी में आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है. यही कारण है कि लोग तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विकास की किरण देख रहे हैं. बीजेपी, जदयू के नेता क्या बोलते हैं इससे उनलोगों को कई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि बीजेपी, जेडीयू, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन मांझी और चिराग पासवान को इस बात का अहसास है कि 2024 की लोकसभा चुनाव में इस बार राजद के साथ कड़ा मुकाबला है. 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगी.''- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

हाजीपुर में चिराग के सामने शिवचंद्र राम : हाजीपुर से शिवचंद्र राम को एक बार फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. हजीपुर सीट की पहचान रामविलास पासवान की सीट के रूप में होती है. इस बार उनके पुत्र चिराग पासवान जमुई के बदले हजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. रामविलास पासवान की सीट और उनके द्वारा किये गए काम के कारण हजीपुर लोजपा का सबसे मजबूत गढ़ है. इस बार भी यहां चिराग पासवान का पलड़ा भारी दिख रहा है.

वैशाली से मुन्ना शुक्ला मैदान में : वैशाली से विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार राजद ने भूमिहार वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश की है. वैशाली में मुन्ना शुक्ला का मुकाबला वर्तमान सांसद वीणा देवी से है. लोजपा (रामविलास) की प्रत्याशी वीणा देवी 2019 में भी यहां से सांसद बनी थी. इसबार वैशाली में कांटे की टक्कर होने की संभावना है.

जमुई (सु) में अर्चना रविदास दे रहीं टक्कर : जमुई से अर्चना रविदास को राजद ने अपना प्रत्याशी बनाया है. जमुई सीट पहले से हाई प्रोफाइल रही है. 2014 और 2019 में चिराग पासवान यहां से सांसद चुने गए थे. 2024 में चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को यहां से उम्मीदवार बनाया है. इसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. अर्चना रविदास को टिकट देकर राजद ने रविदास (चमार) वोटरों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया है.

गया में जीतन राम बनाम सर्वजीत : गया से कुमार सर्वजीत पासवान को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. कुमार सर्वजीत बिहार सरकार में कृषि मंत्री थे. वहां उनका मुकाबला हम पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से है.

विश्लेषक का क्या कहना है? : वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि राजद की 22 सीट में 9 सीट पर बीजेपी से सीधा मुकाबला है. चाहे नवादा हो, दरभंगा हो, बक्सर हो सारण हो, पाटलिपुत्र हो इन सभी सीटों पर भाजपा के साथ आरजेडी का वन टू वन मुकाबला होगा. बक्सर में कभी जगदानंद सिंह चुनाव लड़ते थे और सारण में लालू प्रसाद यादव राबड़ी देवी या चंद्रिका राय भी चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय भी बीजेपी के साथ सीधा मुकाबला होता था. इस बार भी कमोबेश यही स्थिति नजर आ रही है.

इसके अलावा अभी तक घोषित 22 सीटों में 9 सीट पर राजद और जदयू के बीच सीधा मुकाबला है. पूर्णिया सुपौल बांका के अलावे इन 9 सीटों में भी सीधा मुकाबला जदयू राजद के बीच होता दिख रहा है. गया सीट पर जीतनराम मांझी और राजद के बीच में मुकाबला है. वहीं कुछ सीटों पर लोजपा और जदयू के बीच सीधा मुकाबला है. अभी तक जो स्थिति सामने आ रही है उसमें एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई हो रही है. अभी जो स्थिति है उसमें एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है.

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