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21 फरवरी को हरियाणा में बीजेपी दफ्तरों को घेरेंगे किसान, चढ़ूनी की सरकार को चेतावनी, तिलहन-बाजरे के लिए MSP की डिमांड

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 19, 2024, 9:08 PM IST

Jind SKM Meeting : हरियाणा में किसान आंदोलन शांत होते हुए नहीं दिख रहा है. जींद में संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक हुई जिसमें 21 फरवरी को बीजेपी दफ्तरों को घेरने का प्लान तैयार किया गया है. वहीं गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार को चेतावनी देते हुए तिलहन-बाजरे के लिए भी एमएसपी की डिमांड की है.

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हरियाणा में 21 को बीजेपी ऑफिस घेरेंगे किसान

जींद / कुरुक्षेत्र : हरियाणा के जींद में किसान भवन में संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक हुई जिसमें बड़ा फैसला लिया गया. हरियाणा के बीजेपी ऑफिसों का 21 फरवरी को घेराव किया जाएगा और पुतले फूंके जाएंगे.

बीजेपी दफ्तरों का होगा घेराव : जींद के किसान भवन में हुई बैठक में किसान नेता फूल सिंह श्योकंद, प्रहलाद भैरोखेड़ा, मनदीप नथवान मौजूद थे. इस दौरान सभी ने सर्वसम्मति से गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करने की मांग की और फैसला लिया कि संयुक्त किसान मोर्चा 21 फरवरी को पूरे हरियाणा में बीजेपी जिला दफ्तरों का घेराव करेगा और पुतले फूंकेगा. इसके बाद 22 फरवरी को राष्ट्रीय बैठक में आगे के आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी. इस दौरान सभी संगठनों से किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए एकजुट होने का आह्वान भी किया गया.

सरकार पर धोखे का आरोप : किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एमएसपी, बिजली कानून रद्द करने, कर्जा मुक्ति, लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को न्याय देने की मांग पर सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है. ऐसे में किसान आंदोलन को मजबूर है. संयुक्त किसान मोर्चा अब आंदोलन को मजबूत करने के लिए सभी किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, सामाजिक संगठनों को एकजुट करने की कोशिश करेगा. बैठक में इंटरनेट पाबंदी लगाने, किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने, वॉटर कैनन के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की गई. इस दौरान सरकार से सीमाओं के रास्तों को खोलने की मांग भी की गई.

चढ़ूनी की चेतावनी : वहीं कुरुक्षेत्र में मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि सरकार के पास 21 फरवरी तक का वक्त है. MSP कैटेगरी में दालों, मक्का और कपास के साथ सरकार को तिलहन और बाजरा को भी शामिल करना चाहिए क्योंकि किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है और हरियाणा में इन फसलों का काफी महत्व है. अगर इन दोनों फसलों को एमएसपी में शामिल नहीं किया गया तो 21 फरवरी से हरियाणा भी किसान आंदोलन में शामिल हो जाएगा.

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