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IUML नेता सैय्यद सादिक बोले- राम मंदिर और प्रस्तावित मस्जिद से मजबूत होगी धर्मनिरपेक्षता, छिड़ा विवाद

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By PTI

Published : Feb 4, 2024, 6:05 PM IST

IUML leader P Sayyid Sadiq Ali Shihab Thangal
आईयूएमएल पी. सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल

IUML leader P Sayyid Sadiq Ali Shihab Thangal : आईयूएमएल नेता पी सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रस्तावित मस्जिद से धर्मनिरपेक्षता मजबूत होगी. उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. उनके बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

मलप्पुरम : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की केरल इकाई के अध्यक्ष पी. सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल राम मंदिर के बारे में अपने बयान को लेकर रविवार को विवादों में घिर गए. थंगल ने हाल में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है और नया मंदिर तथा प्रस्तावित मस्जिद, दोनों ही देश में धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करेंगे.

आईयूएमएल केरल में विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का एक प्रमुख सहयोगी और मुस्लिम समुदाय के बीच अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाला राजनीतिक दल है. थंगल ने यह बयान 24 जनवरी को यहां पास में मंजेरी में एक कार्यक्रम के दौरान दिया था, जिसका एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के गठबंधन सहयोगी इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) ने आईयूएमएल नेता पर निशाना साधा है, वहीं कांग्रेस और आईयूएमएल ने थंगल का बचाव करते हुए कहा कि वह नफरत और समाज को बांटने के प्रयासों से संबंधित अभियान को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

मंजेरी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, थंगल ने कहा था कि राम मंदिर एक वास्तविकता है और देश की बहुसंख्यक आबादी उसमें श्रद्धा रखती है. थंगल ने वीडियो में कहा, 'हमें इसका विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है. मंदिर, अदालत के आदेश के आधार पर बना और बाबरी मस्जिद का निर्माण होने वाला है. ये दोनों अब भारत का हिस्सा हैं. राम मंदिर और प्रस्तावित बाबरी मस्जिद हमारे देश की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाने के दो सबसे अच्छे उदाहरण हैं.'

उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि इसे (बाबरी मस्जिद को) कारसेवकों ने नष्ट कर दिया था और हमने उस समय इसका विरोध किया था.' उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों ने इस मामले में परिपक्वता दिखाई. इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) के केरल राज्य सचिवालय के सदस्य एन. के. अब्दुल अजीज ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि राजनीतिक नेता इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं हैं कि महात्मा गांधी का 'राम राज्य' आरएसएस के 'राम राज्य' से अलग है.

अजीज ने कहा, 'आस्तिक का आध्यात्मिक हिंदू धर्म आरएसएस के राजनीतिक हिंदुत्व से अलग है और राजनीतिक नेता इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं हैं. फिर भी वे अपने समर्थकों को मूर्ख बना रहे हैं. यह विश्वास करना संभव नहीं है कि आईयूएमएल के कार्यकर्ता इस रुख को स्वीकार करेंगे. इस बीच, नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन और आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने थंगल का समर्थन करते हुए कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया.

कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि भाजपा अयोध्या मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है और थंगल लोगों को उस जाल में न फंसने की चेतावनी देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन इसकी गलत व्याख्या की गई.' सतीसन ने कहा, 'यह समझना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा. जब कुछ लोग पानी में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं, तो थंगल उसे बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. वह नफरत और विभाजन के अभियान के खिलाफ बोल रहे थे.'

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