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धार्मिक यात्रा पर 7 की मौत; 8 साल बाद राजस्थान गए थे मन्नत पूरी करने, पूरा परिवार हो गया खत्म - Accident Inside Story

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 15, 2024, 12:02 PM IST

Updated : Apr 15, 2024, 5:05 PM IST

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राजस्थान के सीकर में मेरठ के 7 लोगों की कार में जिंदा जलकर मौत हो गई थी. परिवार के सभी लोग सालासर बालाजी के दर्शन के लिए गए थे. मरने वालों में एक ही परिवार के 5 लोग शामिल थे. अन्य दो लोग दिल्ली आरके पुरम के रहने वाले रिश्तेदार थे. मरने वाले मेरठ के पूर्व विधायक सत्यप्रकाश के करीबी रिश्तेदार हैं.

मेरठ: राजस्थान के चूरू में मेरठ के सात लोगों की बीते दिन कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. मेरठ शहर में हर कोई इस घटना से क्षुब्ध है. राजस्थान के सीकर जिले में चुरू-सालासर राजमार्ग पर कार ट्रक से टकरा गई थी जिससे कार में बैठे सभी 7 लोगों की मौत हो गई थी. घर वापसी पर मेरठ में इस परिवार ने माता की चौकी का कार्यक्रम करने का प्लान बनाया था.

लेकिन, किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि वह जहां धार्मिक यात्रा के लिए जा रहे हैं वहां से फिर कभी नहीं लौटेंगे. अपने पिता नरेंद्र बिंदल की मौत के बाद हार्दिक ही जिम्मेदारी निभा रहे थे. मेरठ के ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के शिवशंकरपुरी में हार्दिक का पैतृक आवास है, जिसमें मकान के ऊपर के हिस्से में हार्दिक का परिवार रहता था. वहीं नीचे के हिस्से में हार्दिक के ताऊ संतकुमार, ताई कमलेश अपने बेटे सत्यम के साथ रहते हैं.

हार्दिक ने ही धार्मिक यात्रा का प्लान किया था. हार्दिक का मेरठ में कपड़ों का होलसेल का कारोबार था. एक कैफे भी वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर चला रहे थे. हार्दिक के ताऊ संतकुमार ने बताया कि हार्दिक दो बहनों का अकेला भाई था. छोटी बहन की शादी बुलंदशहर के स्याना में हुई थी. जबकि, दूसरी बहन महक की हापुड़ में शादी हुई थी.

उन्होंने बताया कि कई साल पहले उसने माता रानी के दर्शन के लिए जाने की बात कही थी. जिसके बाद शनिवार को हार्दिक अपनी मां मंजू बिंदल, पत्नी स्वाति, दो बेटियों सिदीक्षा और रितिशा के अलावा अपनी मौसी नीलम गोयल पत्नी मुकेश गोयल और मौसेरे भाई आशुतोष गोयल को साथ लेकर राजस्थान के लिए गए थे.

रविवार दिन में बात हुई थी तब बच्चों ने बताया था कि पहले राजस्थान में जीण माता के दर्शन किए, इसके बाद कार से रानी सती के दर्शन को जाने की बात कही थी. उसके बाद जो खबर आई तो सब कुछ खत्म हो गया.

बता दें कि चुरू हाईवे पर हार्दिक की कार अचानक रुई लदे ट्रक में जा टकराई थी. कार में सीएनजी लगी थी. टक्कर लगते ही वहां आग लगी और जब तक कोई कुछ समझ पाता सब कुछ खत्म हो गया.

माना जा रहा है कि टक्कर लगने के तुरंत बाद कार क्योंकि सेंट्रल लॉक थी तो वह खुल नहीं पाई. जिस कारण से सभी उसमें फंसे रह गए और जान चली गई. हार्दिक के ताऊ ने बताया कि शादी से पहले हार्दिक ने एक साथ तीर्थ यात्रा करने का संकल्प लिया था.

जिसके लिए अब आठ साल बाद वह परिवार के साथ गया था. घर में वापस आने पर माता की चौकी का कार्यक्रम भी तय था, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. संतकुमार ने बताया, हार्दिक की मौसी नीलम दिल्ली के आरकेपुरम में रहती हैं. वह भी अपने इकलौते बेटे आशुतोष को लेकर हार्दिक के कहने पर गई थीं. कार भी हार्दिक की मौसी का बेटा ही लेकर आया था.

हार्दिक के भाई शुभम ने बताया कि ये मेरठ से जाने के बाद रात्रि में जीण माता मंदिर में ही सब लोग रुके थे और रविवार सवेरे दर्शन किए, इसके बाद सालासर (चुरू) के पास मालासी भैंरू के दर्शन किए. फिर जहां से झुंझुनूं रानी सती जाने के लिए निकले थे. बता दें कि यह परिवार मूल रूप से सीकर जिले के ही भातवाड़ी गांव का रहने वाला था और हार्दिक सभी को लेकर गांव भी जाना चाहते थे.

हार्दिक के ताऊ के मुताबिक करीब छह दशक पूर्व मेरठ के ब्रह्मपुरी में आ गए थे. इस हादसे में जिनकी जान गई है. उनमें हार्दिक बिंदल (37) पुत्र नरेंद्र अपनी पत्नी स्वाति बिंदल (32), मां मंजू बिंदल (58) पत्नी नरेंद्र बिंदल, बेटी सिदिक्षा (7), चार साल की रिदीक्षा, मौसी नीलम गोयल (55) पत्नी मुकेश गोयल और मौसरे भाई आशुतोष गोयल (35) पुत्र मुकेश गोयल के साथ जीण माता के जात लगाने आए थे.

हार्दिक के अलावा उसकी मौसी का बेटा आशुतोष भी अपने घर का इकलौता चिराग था, उसकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है, वहीं जबकि आशुतोष की भी पांच साल पहले शादी हुई थी. उसका 4 साल का बच्चा है. फिलहाल इस घटना से हर दुःखी है, किसी के पास बोलने को शब्द ही नहीं हैं.

घटना से क्षुब्ध स्थानीय लोग पूरी तरह खामोश हैं, सभी का कहना है कि यह लोग तो अच्छे कार्य के लिए गये थे, लेकिन जिस तरह से पूरी घटना हुई उससे हर कोई हैरान और परेशान हैं.

बता दें कि मेरठ कैंट से चार बार विधायक रहे सत्यप्रकाश अग्रवाल के दूर के रिश्ते में यह परिवार लगता है. इस दुर्घटना के बाद उन्होंने राजस्थान के गर्वर्नर समेत मेरठ के आधिकारियों से भी बात की है, ताकि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में समय न लगे और समय से सभी के शव मेरठ आ जाएं.

एक ही माह में मेरठ जिले के रहने वाले लोगों के साथ यह दूसरी बड़ी घटना है. इससे पूर्व बीते माह 28 मार्च को भी हरियाणा के मेवात में मेरठ से धार्मिक यात्रा पर गये जिले के थाना बहसूमा क्षेत्र के एक परिवार के 4 सदस्यों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. जबकी तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.

अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन ने शोक जताया: मेरठ के वैश्य परिवार के सात लोगों की कार में ही जिंदा जलकर मौत होने पर अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. नीरज बोरा ने प्रार्थना करते हुए कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे. साथ ही परिजनों को इस हृदय विदारक घटना को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.

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Last Updated :Apr 15, 2024, 5:05 PM IST
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