नई दिल्ली: मध्य एशिया के राज्यों के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे चार दिवसीय उज्बेकिस्तान यात्रा पर हैं. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे 15 से18 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान की यात्रा पर रहेंगे. सेना प्रमुख का उज्बेकिस्तान दौरा भारत और उज्बेकिस्तान गणराज्य के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उनके यात्रा कार्यक्रम में उज्बेकिस्तान सेना के लिए भारत द्वारा स्थापित एक आईटी लैब का उद्घाटन करना और दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच एक संयुक्त प्रयास, डस्टलिक अभ्यास के पांचवें पुनरावृत्ति की देखरेख करना शामिल है. गौरतलब है कि भारत और उज्बेकिस्तान दोनों ही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ संगठन) के सक्रिय सदस्य हैं.
इसी के तहत आज सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उज्बेकिस्तान में उज़्बेक अकादमी ऑफ आर्म्ड फोर्सेज में एक उच्च तकनीक आईटी प्रयोगशाला का उद्घाटन किया. बता दें, नया आईटी प्रयोगशाला अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है, जिसमें नौ कमरे हैं जिनमें दो व्याख्यान कक्ष, एक अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा लैब, एक हार्डवेयर प्रोग्रामिंग लैब, एक ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैब, एक वेब प्रोग्रामिंग लैब, एक सर्वर कक्ष है., एक मल्टीमीडिया कक्ष, और एक आभासी वास्तविकता कक्ष है.
इसके अलावा सुविधाओं में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टर्मिनल, इंटरैक्टिव पैनल, नेटवर्किंग डिवाइस और प्रिंटर, कैमरा, स्कैनर और स्टोरेज डिवाइस जैसे आवश्यक बाह्य उपकरणों के साथ-साथ बड़ी संख्या में उच्च अंत पीसी, वर्कस्टेशन और लैपटॉप सहित कंप्यूटिंग उपकरणों का वर्गीकरण शामिल है. यह सहयोगात्मक पहल न केवल उज़्बेकिस्तान की रक्षा अकादमी के लिए तकनीकी प्रगति में एक छलांग है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी को मजबूत करने वाला एक पुल भी है, जो रक्षा और प्रौद्योगिकी में सहयोग के भविष्य का वादा करता है.
आईटी लैब की स्थापना से उज़्बेक सशस्त्र बलों के लिए उपलब्ध प्रशिक्षण संसाधनों को समृद्ध करने और आने वाले वर्षों में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच गहरी समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. जनरल पांडे की यात्रा का मुख्य आकर्षण एक्स डस्टलिक (15-28 अप्रैल) होगा जो सोमवार से दोनों देशों के बीच शुरू हुआ और उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ में आयोजित किया जा रहा है.
गुरुवार को आर्मी चीफ खुद टर्मेज में मौजूद रहेंगे और दोनों देशों के संयुक्त अभ्यास की समीक्षा करेंगे. यह दोनों देशों के बीच वार्षिक एक्स डस्टलिक अभ्यास का पांचवां संस्करण है. यह अभ्यास एक साल भारत में और एक साल उज्बेकिस्तान में होता है. मध्य एशियाई राज्य, जिन्हें कई लोग सोसाइटी यूनियन के पतन के बाद भी क्रेमलिन के रूप में रूसी संघ के पिछवाड़े के रूप में देखते हैं, इस क्षेत्र को अपनी परिधि के रूप में मानते हैं, पिछले कुछ वर्षों से नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है
इसके अलावा, मध्य एशिया एशिया और यूरोप के बीच एक भूमि पुल के रूप में कार्य करता है, और प्राकृतिक संसाधनों में बहुत समृद्ध है. पिछले कुछ वर्षों से, विशेष रूप से 2012 की भारत की कनेक्ट सेंट्रल एशिया (सीएए) नीति के बाद, भारत और मध्य एशिया के बीच जुड़ाव बढ़ रहा है.
वहीं, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जनरल पांडे उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव, प्रथम उप रक्षा मंत्री और सशस्त्र बलों एवं जनरल स्टाफ के प्रमुख मेजर जनरल खलमुखामेदोव शुखरत सहित वरिष्ठ सैन्य नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. दोनों देशों के बीच का यह संवाद मजबूत सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं.