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चुनावी बॉन्ड न हुआ तो इलेक्शन में आएगा कालाधन : नितिन गडकरी

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By IANS

Published : Mar 17, 2024, 10:37 PM IST

Nitin Gadkari on Electoral Bond
नितिन गडकरी

Nitin Gadkari on Electoral Bond : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चुनावी बॉन्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है. एक इंटरव्यू में गड़करी ने कहा कि 'चुनावी बॉन्ड न हुआ तो इलेक्शन में कालाधन आएगा.' पढ़ें पूरी खबर.

नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि चुनावी बॉन्‍ड न हो तो चुनाव में कालाधन आएगा. इस पर चर्चा होनी चाहिए कि चुनावी बॉन्‍ड से बेहतर क्‍या है. उन्‍होंने कहा कि यदि आप बॉन्‍ड को स्‍वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. उन्‍होंने यह बात रविवार को एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ एक ख़ास इंटरव्‍यू में कही.

गडकरी ने कहा, 'चुनाव में पैसा लगता है, सभी पार्टियों का लगता है और आप यदि इकोनॉमी को अच्‍छा करेंगे, नंबर एक पर ले जाएंगे तो बॉन्‍ड के रूप में नंबर एक में पॉलिटिकल पार्टी को फाइनेंस होता है, इसी भावना के साथ योजना बनी थी. तब अरुण जेटली जी वित्त मंत्री थे. इसमें गलत क्‍या था.'

उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर वह कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगे. गडकरी ने कहा, 'अगर आप बॉन्‍ड को स्‍वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. मुझे लगता है कि सभी पार्टियों को इस तरह का सोर्स मिल जाएगा तो अच्‍छा होगा. दुनिया में भी कुछ जगहों पर पार्टियों को सरकार फाइनेंस करती हैं.'

चुनावी बॉन्‍ड में कालेधन को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, 'जिस पैसे से रोजगार पैदा होता है, जिस पैसे से विकास होता है और जिस पैसे से गवर्नमेंट का रेवेन्‍यू बढ़ता है, उसे हम ब्‍लैक कैसे कहें. समस्‍या है कि कोई पैसा लेकर दुनिया में कहीं दूसरी जगह डालता है.'

चुनाव के लिए सरकारी फंडिंग के सवाल पर उन्‍होंने कहा, 'अरुण जेटली जी जब यह (चुनावी बॉन्‍ड) लाए थे तो विपक्ष के लोगों से भी चर्चाएं की थीं. यह मेरा विषय नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में हम आम सहमति से ऑप्‍शन ढूंढ सकते हैं, क्‍योंकि जरूरत तो है. ऐसे में सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन कौन-सा होगा जो लोकतंत्र को गुणात्‍मक तरीके से मजबूत करेगा, तो उस बारे में सभी लोगों को सोचना चाहिए.'

गडकरी ने कहा, 'मैं 10 साल से सांसद हूं. मेरा नाम, मेरा व्‍यक्तित्‍व और मेरे काम से सभी लोग परिचित हैं तो पोस्‍टर-बैनर लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन मैं लोगों के बीच जाऊंगा और उनका आशीर्वाद लूंगा. मैं यह कोशिश कर रहा हूं कि हर वार्ड में 500-600 लोगों को निमंत्रित करके, पत्र देकर एक जगह जुटाएंगे और उनके साथ सवाल-जवाब करूंगा, बातचीत करूंगा. उनकी क्‍या अपेक्षाएं मैंने पूरी की और क्‍या करने वाला हूं, यह बताऊंगा और क्‍या करना चाहिए, इस पर उनके सुझाव लूंगा.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'रैली, कटाउट, बैनर, इसके बजाय मैंने अभी 18 लाख लोगों के फोन नंबर निकाले हैं. मेरे किए गए कार्य उन तक पहुंचेंगे और व्‍यक्तिगत संबंधों के आधार पर मैं अपने कैंपेन को ज्‍यादा चलाऊंगा, ये मेरी कोशिश है.'

गौरतलब है कि भाजपा ने नागपुर से नितिन गडकरी को चुनावी मैदान में उतारा है. गडकरी ने अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि महाराष्‍ट्र में 5 लाख करोड़ की सड़कें बनवाई हैं. साथ ही उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले विकास का मुद्दा है. उन्‍होंने कहा कि हमारा काम लोगों को दिखता है. इससे गांव, गरीब, किसानों और मजदूरों को लाभ पहुंचा है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'महाराष्ट्र में ट्रिपल इंजन की सरकार है और अपने काम की बदौलत लोकसभा चुनाव के दौरान हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे. एकनाथ शिंदे और अजित पवार की ताकत अब हमारे साथ है. जाहिर है, इस बार पिछली बार से ज्यादा सीटें मिलेंगी.'

दूसरी पार्टियों में तोड़फोड़ पर नितिन गडकरी ने कहा, 'आप जिसे तोड़ना कहते हैं, उसे हम जोड़ना कहते हैं. हम भाजपा का स्वरूप व्यापक करना चाहते हैं. इसे मास पार्टी बना रहे हैं और इसका फायदा हो रहा है. शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी को हमने नहीं तोड़ा, उनकी पार्टी की अपनी समस्या थी. यह अलग बात है कि कोई पार्टी टूटती है तो हर पार्टी इसका लाभ उठाती है. भाजपा महाराष्ट्र में अब काफी मजबूत हुई है.

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