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आखिर नेहरू की जमीन पर क्यों सूख गई कांग्रेस की फसल, अमिताभ के बाद ख्वाब ही देख रही पार्टी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 8, 2024, 7:58 PM IST

इलाहाबाद लोकसभा सीट
इलाहाबाद लोकसभा सीट

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. सभी राजनीतिक दल जीत की चाह में दिन-रात एक किए हुए हैं. इसके साथ ही समीकरण बैठाने में लगे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि नेहरू की जमीन वाली इलाहाबाद सीट पर आखिर कांग्रेस को क्यों नहीं मिल रही सफलता?

प्रयागराजः लोकसभा चुनाव की कवायद लगभग शुरू हो चुकी है, सिर्फ घोषणा होनी बाकी है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसके साथ ही इतिहास और भूगोल को जोड़कर जीत का समीकरण बनाने में जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में प्रयागराज क्षेत्र का राजनीति में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. आज़ादी की लड़ाई से लेकर उसके बाद देश को कई प्रधानमंत्री देने वाला शहर रहा है. नेहरू गांधी परिवार पैतृक घर वाला यह शहर कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था. लेकिन आज लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी के पास एक मजबूत उम्मीदवार तक नहीं है. 1984 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर सुपर स्टार अमिताभ बच्चन इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद बनकर संसद में गए थे. लेकिन इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस का कोई भी नेता चुनाव नहीं जीत सका है. अब एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करने के बाद कांग्रेस इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी की तलाश में जुटी हुई है.

इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का इतिहास.
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का इतिहास.

पूर्व प्रधानमंत्री के दो बेटे भी नहीं पहुंच पाए सांसद
बता दें कि सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर यूपी के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को चुनाव में शिकस्त दी थी. अमिताभ बच्चन चुनाव जीतकर सांसद तो बन गए थे. लेकिन इसके बाद वह यहां की जनता का दिल नहीं जीत सके. जिसका नतीजा हुआ कि आजतक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी को जीत नसीब नहीं हो सकी है. 1984 से लेकर 2019 तक के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जीतना तो दूर कई बार जमानत तक नहीं बचा पायी है. जबकि कांग्रेस के टिकट पर केंद्रीय मंत्री स्तर तक के नेता चुनाव मैदान में उतरे थे. यही नहीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल और सुनील शास्त्री ने भी इस सीट पर कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए ताल ठोंकी लेकिन कामयाब नहीं हुए. 1984 से लेकर 2014 तक देश में कांग्रेस की सत्ता रही है लेकिन संगम नगरी प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वनवास 1984 से ही शुरू हो चुका है जो अभी तक जारी है.अब देखना ये होगा कि इस शहर में कांग्रेस पार्टी को जीत का सेहरा बांधने का मौका कैसे और किस नेता के जरिये मिलेगा.

प्रयागराज में राहुल गांधी की न्याय यात्रा (फाइल फोटो)
प्रयागराज में राहुल गांधी की न्याय यात्रा (फाइल फोटो)
1984 के बाद नेताओं एक एक वोट के लिए करनी पड़ी मशक्कत1947 में देश के आज़ाद होने के बाद जितने भी लोकसभा चुनाव 1984 तक हुए उनमें सबसे ज्यादा वोट सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने पर मिला था. 1984 के चुनाव में इलाहाबाद लोकसभा सीट के मतदाताओं ने अमिताभ बच्चन को 2 लाख 97 हजार 461 वोट दिए थे.जबकि कुल 4 लाख 36 हजार 120 वोट ही पड़े थे. जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत वोट अमिताभ बच्चन के खाते में गए. जबकि उनको टक्कर दे रहे यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा को सिर्फ 1 लाख 9 हजार 666 वोट ही मिल सके थे. माना जाता है कि उस चुनाव के बाद इलाहाबाद के सांसद चुने गए अमिताभ बच्चन की संगम नगरी की आम जनता से ऐसी दूरी बनी कि उसका खामियाजा आज तक कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. 1984 के बाद हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जीतने लायक वोट मिलना तो पिछले कई चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जमानत तक नहीं बच पा रही है.
चुनावकांग्रेस उम्मीदवार वोट संख्या
2019योगेश शुक्ला 31953
2014 नंद गोपाल गुप्ता नंदी1,02453
2009 श्याम कृष्ण पांडेय 33,0027
2004 सत्य प्रकाश मालवीय40,545
1999 रीता बहुगुणा जोशी1,33428
1998 दल बहादुर सिंह 29092
1996 जगदीश नारायण मिश्रा 30007
1991 अनिल शास्त्री61488
1989कमला बहुगुणा1,39568
1988सुनील शास्त्री 92245
1984 अमिताभ बच्चन 2,97461


कांग्रेस तलाश रही मजबूत उम्मीदवार

कांग्रेस पार्टी का 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हुआ है.ऐसे में इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस पार्टी ऐसे उम्मीदवारों की तलाश में जुटी है जो पार्टी को जीत दिला सकें. इसी कड़ी में संगम नगरी प्रयागराज की दो लोकसभा सीटों में से एक फूलपुर सपा को मिली है. दूसरी इलाहाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी को मिली है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी सपा के मतदाताओं का भी वोट हासिल कर चुनाव जीतने की जुगत लगा रही है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी में टिकट के लिए जिन 9 नेताओं ने उम्मीदवारी के लिए दावेदारी की है. इनके अलावा कई दूसरे नामों पर भी चर्चा शुरू हो गयी है. कांग्रेस से टिकट पाने के लिए आवेदन करने वालों में प्रमोद पटेल, मनीष मिश्रा, सुरेश यादव, विवेकानंद पाठक, मुकुंद तिवारी, अरुण तिवारी और एसपी सिंह पटेल समेत कुल 9 नाम शामिल हैं. इसके अलावा सपा और बसपा के कुछ बड़े नेता भी कांग्रेस पार्टी से टिकट हासिल करने के प्रयास में लगे हुए हैं. इस वजह से कांग्रेस पार्टी अभी भी ऐसे उम्मीदवार की तलाश में जुटी हुई है, जो 40 सालों बाद इस सीट पर कांग्रेस को जीत दिलवा सके.

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