ETV Bharat / bharat

हिमाचल में सियासी संकट: कांग्रेस के लिए सरकार बचाना चुनौती लेकिन सुक्खू की कुर्सी जाना तय

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 12:42 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 12:58 PM IST

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट आ गया है. 6 विधायकों समेत कुल 9 विधायकों ने मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की है जिसके बाद सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं. जानकार मानते हैं कि सरकार भले बच जाए लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी जाना तय है.

हिमाचल में सियासी संकट
हिमाचल में सियासी संकट

शिमला: मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल में सियासी भूचाल आ गया है. पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद चुनाव हारना किसी फजीहत से कम नहीं है. ऐसे में सरकार के सामने साख के साथ-साथ सत्ता बचाने का संकट भी पैदा हो गया है. बुधवार सुबह कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस सरकार की पोल खोलकर रख दी. विधायकों की अनदेखी समेत कई आरोप लगाते हुए विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है.

सुखविंदर सुक्खू की विदाई तय !

सूत्रों की मानें तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए सरकार बचाना चुनौती है लेकिन इससे पार पाया जा सकता है क्योंकि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले बगावती विधायकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है. सूत्रों के मुताबिक क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक पार्टी के समर्थन में खड़े हैं लेकिन वो सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी जाना तय है, क्योंकि उनकी विदाई से ही कांग्रेस की सरकार को संजीवनी मिल सकेगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

हिमाचल पर आलाकमान की नजर

हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत में कांग्रेस शासित इकलौता राज्य है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की नजर पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई है. संकटमोचक के रूप में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को शिमला बेजा गया है. जो नाराज विधायकों से मुलाकात करके उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक बगावत का झंडा बुलंद कर चुके कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री का चेहरा बदले जाने की मांग पर अड़े हुए हैं.

कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?

पहली नजर में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर सरकार बचाने का सौदा हर किसी को ठीक लग रहा है. आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद सवाल उठता है कि सुक्खू की विदाई के बाद आखिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा. सूत्रों के मुताबिक हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन आलाकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक विधायकों की नब्ज टटोल रहे हैं. गौरतलब है कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जब कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला था तो मुकेश अग्निहोत्री का नाम सीएम पद की रेस में था लेकिन सुखविंदर सुक्खू ये रेस जीत गए थे. लेकिन 14 महीने बाद ही प्रदेश में ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि आलाकमान को फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा खोजना पड़ रहा है.

हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री

इन विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग

हिमाचल में पिछले लंबे समय से कई विधायक नाराज थे. खासकर धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा पिछले कई दिनों से खुलकर सरकार के खिलाफ बोल रहे थे. उनकी सोशल मीडिया पोस्टों में भी नाराजगी झलक रही थी. दोनों ही विधायक मंत्री पद की रेस में माने जा रहे थे लेकिन 14 महीने बाद दोनों ने ही कुछ दिन पहले मंत्री बनने से इनकार कर दिया था.

मंगलवार को सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा के अलावा कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा ने क्रॉस वोटिंग की. इसके अलावा निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर ने भी बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को ही वोट दिया था. कांग्रेस विधायकों राज्यसभा की वोटिंग के बाद हरियाणा के पंचकूला में डेरा डाल दिया था. सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की सुरक्षा में ये विधायक हरियाणा पहुंचे थे. इस तरह 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों की नाराजगी ने सुक्खू सरकार को मझधार में फंसा दिया है.

राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ था?

मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव में कुल 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. जिसकी बदौलत कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले थे. जिसके बाद लॉटरी के जरिये राज्यसभा की रेस बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने जीत ली. कांग्रेस के लिए ये फजीहत इसलिये थी क्योंकि प्रदेश में 40 विधायकों के साथ कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार थी. जबकि बीजेपी के सिर्फ 25 और 3 निर्दलीय विधायक थे. हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में जीत का आंकड़ा 35 था. जो बीजेपी से कोसों दूर था लेकिन कांग्रेस विधायकों ने ऐसा खेला किया की कांग्रेस जीती हुई बाजी हार गई. निर्दलीय विधायक भी सरकार के साथ माने जा रहे थे लेकिन 3 निर्दलीय और 6 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवार को 34 वोट दिला दिए.

ये भी पढ़ें: विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, सुक्खू सरकार पर किया बड़ा हमला, कहा- विधायकों की अनदेखी का है ये नतीजा

Last Updated : Feb 28, 2024, 12:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.