कानपुर: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के खिलाफ स्पेशल सीजेएम कोर्ट में चल रहे 23 किलोग्राम सोना मिलने के मामले में मंगलवार को बड़ा फैसला आया. सोने को लेकर पूरी तरह से इंकार किए जाने और किसी तरह के साक्ष्य न मिलने पर स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बरी कर दिया. इत्र कारोबारी की ओर से कहा गया कि उनका 23 किलोग्राम सोना (मौजूदा समय में कीमत करीब 18 करोड़ रुपये) से कोई मतलब नहीं है. न ही वह किसी तरह क्लेम अपनी ओर से करना चाहते हैं. इत्र कारोबारी के बयान को देखते हुए कोर्ट ने सरकार को 23 किलो ग्राम सोना जब्तीकरण के जहां आदेश दिए, वहीं इत्र कारोबारी को पूरी तरह से राहत दे दी.
58 लाख रुपये कंपाउंडिंग शुल्क किया जमाः हालांकि इत्र कारोबारी पीयूष जैन की ओर से इस मामले में 58 लाख रुपये कंपाउंडिंग शुल्क और आठ लाख रुपये पेनाल्ट के तौर पर जमा किए गए. इसकी पुष्टि इत्र कारोबारी पीयूष जैन के अधिवक्ता अम्बरीश टंडन ने की. दरअसल, पिछले कई माह से देश के अंदर इस मामले की चर्चा जोरों पर थी. हालांकि, अब स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने माना कि इत्र कारोबारी को 23 किलोग्राम सोने से किसी तरह का मतलब नहीं है.
200 करोड़ रुपये कैश मामले में 15 को होगी सुनवाई: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के अधिवक्ता अम्बरीश टंडन ने बताया कि अब आगामी 15 मार्च को इत्र कारोबारी के घर पर डीजीजीआई टीम के सदस्यों को जो करीब 200 करोड़ रुपये कैश मिले थे, उसकी सुनवाई होगी. इस मामले में 14 लोगों की गवाही भी होनी है. उन्होंने कहा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन भी अपना पक्ष रखने के लिए तैयार हैं.