ETV Bharat / bharat

ऐसा क्या हुआ Google पर सबसे ज्यादा सर्च किए जा रहे सैम पित्रोदा और विरासत कर ? - inheritance tax

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 25, 2024, 4:58 PM IST

Sam Pitrod
सैम पित्रोदा

inheritance tax and Sam Pitroda : लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर बयान दिया, जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं. आम लोग भी इसके बारे में जानना चहते हैं. यही वजह है कि गूगल पर सैम पित्रोदा और विरासत टैक्स को लेकर खूब सर्च किया जा रहा है. पिछले 20 वर्षों की बात की जाए तो इसकी सर्च उच्चतम स्तर पर है.

हैदराबाद : देश की संपत्ति पर किसका कब्जा है, इसका पता लगाने के लिए वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण कराने और फिर संपत्ति का पुनर्वितरण करने की कवायद करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वादे पर विवाद के ठीक बाद एक अन्य वरिष्ठ नेता, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने इसे और भड़का दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी सहयोगी रहे सैम पित्रोदा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में विरासत कर को एक 'दिलचस्प कानून' बताया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति छीन लेगी.

भाजपा ने झटक लिया मुद्दा: दरअसल सैम पित्रोदा ने भाजपा को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है. भाजपा इसे लेकर अब निशाना साध रही है वहीं, एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि भारत में विरासत कर एक बुरा विचार है. सार्वजनिक मामलों के एक टिप्पणीकार, लेखक कंचन गुप्ता ने भी इसे लेकर 'एक्स' पर लिखा, 'हर कोई इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष माओ और मुख्य नीति-निर्माता की तलाश में है@राहुल गांधी और शाही परिवार के अनुचर सैम पित्रोदा, जिन्होंने 'विरासत कर' को खतरे से बाहर कर दिया है. सैम पित्रोदा को गूगल पर 20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया जा रहा है.'

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'गूगल पर 'विरासत कर' की खोज 20 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर है. टीम@राहुल गांधी कांग्रेस ने अपने डरावने 'विरासत कर' विचार के साथ एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है: इसने भारत में लाखों लोगों में तेजी से बढ़ते डर को जन्म दिया है.'

कैसै उठी विरासत कर की बात : दरअसल आय असमानता को दूर करने के लिए धन के पुनर्वितरण के रूप में विरासत कर (inheritance tax) के उपयोग पर व्यापक रूप से चर्चा, सैम पित्रोदा के बयान के बाद शुरू हुई. उन्होंने कहा कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए.

क्या था विरासत कर? : भारत में एक समय विरासत (या मृत्यु) कर था. कर, जिसे संपत्ति शुल्क के रूप में जाना जाता था. यह संपत्ति शुल्क कर का एक रूप था जिसकी गणना किसी व्यक्ति की मृत्यु के समय की जाती थी, इसे संपत्ति शुल्क अधिनियम, 1953 के माध्यम से पेश किया गया था. भारत में संपत्तियों पर यह 85% तक निर्धारित किया गया था. कम से कम ₹ 1.5 लाख मूल्य की संपत्तियों पर 7.5% की दर से कर लगाया गया. इसका उद्देश्य आय असमानता को कम करना था लेकिन 1985 में इसे खत्म कर दिया गया.

विरासत कर अपने वादे पर खरा क्यों नहीं उतरता?जबकि ऊपरी तौर पर विरासत कर समझ में आता है क्योंकि यह केवल अत्यधिक अमीरों पर लगाया जाता है और बड़े संग्रह का वादा करता है, लेकिन वास्तव में यह अपने वादे पर खरा उतरने में विफल रहता है. कई एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में विरासत कर एक बुरा विचार है.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.