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30 साल पहले लड़की की हुई मौत, परिवार ने उसकी शादी के लिए अखबार में छपवाया इश्तिहार, जानें वजह - Marriage of ghosts

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 16, 2024, 8:06 PM IST

Search for dead groom in Karnataka : मंगलुरु में एक परिवार ने अखबार में एक विज्ञापन दिया है. इसमें उसने 30 साल पहले मर चुकी एक लड़की के लिए 'आत्मा दूल्हे' को लेकर एक एड दिया है. यह वैवाहिक विज्ञापन सोशल मीडिया पर काफी वायरल है.

Search for dead groom in Karnataka
भूतिया विवाह (ETV Bharat)

मंगलुरु (कर्नाटक) : क्या आपने कभी भूत-प्रेत की शादी होते देखी है या फिर उसके लिए दूल्हे की तलाश की बात सुनी है? शायद नहीं, लेकिन यह सच है. भूतों की शादी के लिए भी अब दूल्हे की तलाश की जा रही है. परिवार में इस शादी को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. बाकायदा इसके लिए न्यूज पेपर में विज्ञापन भी छपवाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि वर का भी भूत होना जरुरी है.

भूतिया विवाह का यह मामला कर्नाटक के दक्षिणी कन्नड़ जिले का है, जहां अखबार में शादी का एक एडवरटाइजमेंट दिया हुआ है. अखबार में छपे शादी का यह विज्ञापन काफी चर्चा का मुद्दा बना हुआ है क्योंकि इसमें तीन दशक पहले मर चुकी एक लड़की के लिए सुयोग्य लड़का चाहिए, ऐसा प्रकाशित किया गया है. यह अजीब विज्ञापन दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित पुत्तुर के एक परिवार ने दिया है, जिनका मानना है कि उनकी दिवंगत बेटी की शादी नहीं होने की वजह से परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट रहा है. परिवार के अनुसार, करीब 30 साल पहले नवजात बच्ची की मौत हो गई थी और तब से ही उन्हें (परिवार को) अप्रत्याशित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये विज्ञापन हर किसी को अजीब लग रहा होगा. लेकिन आपकों बता दें, इसे 'प्रेत कल्याण' (भूतों का विवाह) कहा जाता है, यह प्रथा दक्षिण कन्नड़ जिले और केरल के कासरगोड जिले के सीमावर्ती गांवों के कई समुदायों में अभी भी प्रचलित है. कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के तुलुनाडु तटीय क्षेत्र में सालों से भूतों की शादी कराई जाती है. यहां लोगों का मानना है कि मरने के बाद भी लोग उनके साथ रहते हैं इसलिए वह मृत लोगों की भी शादी कराते हैं.

दरअसल, यहां के तुलु भाषा बोलने वाले लोग मानते हैं कि अगर किसी युवक या युवती की शादी से पहले मृत्यु हो जाती तो शादी की उम्र में उसकी भी शादी कराई जाए. इसलिए यहां के लोग आटी माह (अषाढ़) में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं और इस महीने में आटी अमावस्या को भूतों की शादी कराते हैं. इसके लिए वे एक-दो महीने पहले से ही अपने आसपास के क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार मृत युवक या युवती की खोज करते हैं और फिर दोनों परिवारों की सहमति के बाद दोनों की शादी कराते हैं.

तुलुवा परंपरा की इस शादी में सारी रस्में बिल्कुल असली शादी की तरह ही निभाई जाती हैं, केवल दूल्हा-दुल्हन जीवित नहीं रहते. इस शादी में परिवार के लोग दूल्हे के घर जाते हैं जहां चांदी या चावल के दो पुतलों को दूल्हा दुल्हन के रूप में आसन पर बिठाकर शादी कराई जाती है. इतना ही नहीं, सांकेतिक रूप से दूल्हे द्वारा दुल्हन को मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है. इसके बाद शादी में आए लोगों के लिए भोज का आयोजन किया जाता है. आटी महीने में निभाई जाने वाली परंपरा इसे एक अनोखी पहचान दिलाती है.

यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है. यह लोगों के बीच एक भावनात्मक मुद्दा है. लोगों की यह दृढ़ मान्यता है कि यदि कोई लड़की या लड़का अविवाहित मर जाता है, तो वे अपने जीवन में संतुष्ट नहीं हो पाते हैं. भूत विवाह एक विवाह समारोह के रूप में इस विश्वास के साथ किया जाता है कि मृत व्यक्ति अदृश्य रूप में अपने परिवार के साथ हमेशा जीवित रहते हैं. अविवाहित मरने वालों की शादी परिवार वाले करते है. परिवार के सदस्य अपने अन्य जीवित बच्चों की तरह ही विवाह करते है. ऐसी भी मान्यता है कि कुछ अविवाहित मृत लड़का या लड़की परिवार के लोगों सताते हैं और उन्हें उनकी शादी करने की याद दिलाते हैं. इसलिए, यदि दोनों पक्ष जाति और अन्य कारकों पर सहमत हों तो परिवार के सदस्य भूत विवाह करते हैं.

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