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आंध्र प्रदेश: अनाथालयों से आराधनालय तक, YSRCP नेताओं पर विशाखापत्तनम में अवैध कब्जे का आरोप

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2024, 8:08 PM IST

Land Mafia in Andhra Pradesh, YSRCP Leaders Looted Lands, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में कीमती जमीनों पर अवैध कब्जे का खेल चल रहा है और विपक्ष का आरोप है कि यह गैरकानूनी खेल सत्ता में बैठी YCP पार्टी के नेता ही खेल रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि YCP के नेता मामूली कीमतों पर अब तक करीब 7,950 करोड़ की जमीनों पर अवैध कब्जा कर चुके हैं.

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विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश की कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम में जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ रहे हैं. आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी YCP नेता अवैध तरीके से जिले में कई कीमती जमीनों पर कब्जा कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि पिछले साढ़े चार साल में नेताओं ने करीब 7,950 करोड़ की जमीनों पर अवैध कब्जा किया है. जानकारी के अनुसार YCP में नंबर 2 पर रहे नेता के प्रजादरबार में जमीन मालिकों को खासतौर पर बुलाया जाता है.

यहां उन पर जमीन सस्ते दामों पर बेचने का दबाव बनाया जाता है. बताया जा रहा है कि जिस नेता को YCP में नंबर 2 पर बैठाया गया था, उसने ही अपने रिश्तेदोरों और बेनामी लोगों के नाम पर कई संपत्तियां जमा कर रखी हैं. इस नेता पर आरोप है कि उनकी बेटी और दामाद की कंपनी अवान रियलटर्स ने सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी.

अव्यान रियलटर्स ने प्रस्तावित भोगापुरम ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट रोड के किनारे 25 सर्वेक्षण संख्याओं में 87,714 वर्ग गज भूमि का अधिग्रहण किया है. आरोप हैं कि दासपल्ला भूमि के पंजीकरण के लिए आवश्यक धनराशि अवान रियलटर्स से एश्योर के पास चली गई.

जनसेना पार्टी के स्थानीय नेता मूर्ति यादव ने कहा कि मदुरवाड़ा में श्रीराम प्रॉपर्टीज के नाम पर शुरू की गई आवासीय परियोजना में विला नंबर 126 का प्लॉट अव्यान संगठन के साथ पंजीकृत था. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी. अप्रैल 2021 में अव्यान के लिए 5 हजार 87 वर्ग गज जमीन की रजिस्ट्री हुई.

आरोप है कि रुशिकोंडा इलाके में करीब एक हजार करोड़ रुपये कीमत की 50 एकड़ जमीन वाईसीपी सांसद वेमीरेड्डी प्रभाकर रेड्डी और वहां से जगन मोहन रेड्डी के भाई अनिल रेड्डी के पास चली गई. उन जमीनों को 2005 में तत्कालीन वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार द्वारा रुशिकोंडा में रेडियंट नामक कंपनी को आवंटित किया गया था.

साल 2019 में उन ज़मीनों को वुडा (विशाखा शहरी विकास प्राधिकरण) को सौंपने के लिए एक समझौता हुआ, ताकि उस कंपनी के मध्यस्थता समझौते के तहत वुडा को 90 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा सके. वाईसीपी के सत्ता में आने के बाद, रेडियंट कंपनी ने विकास के लिए जमीन सांसद वेमीरेड्डी प्रभाकर रेड्डी की वीपीआर कंपनी को दे दी. वेमिरेड्डी से संबंधित वीपीआर परियोजना उन जमीनों पर विला का निर्माण कर रही थी.

एनसीसी भूमि पर भी कब्जा: आरोप है कि विशाखापत्तनम में 1,500 करोड़ रुपये की एनसीसी जमीन पर YCP नेताओं ने कब्जा कर लिया है. एनसीसी ने 2005 में बोली के माध्यम से मदुरवाड़ा में आंध्र प्रदेश हाउसिंग बोर्ड की 97 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. जब वाईसीपी सत्ता में आई तो सरकारी नेताओं की नजर उन जमीनों पर पड़ी. इसके बाद यह प्रावधान कि एनसीसी को सरकार को 60 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा और आंध्र प्रदेश हाउसिंग बोर्ड को 11.5 प्रतिशत हिस्सा देना होगा, हटा दिया गया.

बाद में इस प्रोजेक्ट को एनसीसी कंपनी से मंत्री कोट्टू सत्यनारायण के भाई की जीआरपीएल कंपनी ने हासिल कर लिया. पंजीकरण मूल्य की गणना वर्ग गज में करने के बजाय पंजीकरण मूल्य एकड़ में तय किया गया, जिससे इसकी कीमत बहुत कम हो गई. मंत्री कोट्टू के भाई के स्वामित्व वाली जीआरपीएल ने एनसीसी की लगभग 15 सौ करोड़ रुपये कीमत की 97.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया.

हयग्रीव भूमि पर भी नजर: विशाखापत्तनम में बुजुर्गों के नाम पर लिया गया प्रोजेक्ट भी YCP नेताओं के हाथ में चला गया. 2008 में, वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार ने एंडाडा में बुजुर्गों के लिए आवासीय घर, एक वृद्धाश्रम और एक अनाथालय बनाने के लिए चिलुकुरी जगदीश्वरी के हयग्रीव संगठन को 12.44 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित की थी. पिछली सरकारों ने भूमि आवंटन रद्द करने की कोशिश की, तो मामला अदालत गया और फैसला हयग्रीव संगठन के पक्ष में हुआ.

सत्ता में आने के बाद वाईसीपी नेताओं की नजर हयग्रीव की जमीन पर पड़ी. जगदीश्वर ने सबसे पहले गड्डे ब्रह्माजी नाम के एक शख्स को हयग्रीव फर्म में पार्टनर बनाया और उसे 75 फीसदी हिस्सेदारी दी. उसके बाद इसे जगन के करीबी ऑडिटर गन्नमनेनी वेंकटेश्वर राव-जीवी के नाम पर जीपीए कर दिया गया. वीएमआरडीए (विशाखापत्तनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) की अनुमति के बिना 1000 गज की दर से 30 लोगों को जमीन बेच दी गई. इन जमीनों की कीमत भी एक हजार करोड़ से ज्यादा है.

कल्याण केंद्र परियोजना: वेलनेस सेंटर परियोजना, जो रुशिकोंडा में बेपार्क नामक 5-सितारा होटल की तरह बनाई गई थी, वाईसीपी के सत्ता में आने के बाद सरकारी नेताओं के करीबी लोगों के कब्जे में भी चली गई. उस परियोजना के लिए, वर्ष 2000 में, तत्कालीन सरकार ने पहाड़ी पर 28 एकड़ और अन्य 5.75 एकड़ कुल 33.75 एकड़ जमीन 33 वर्षों के लिए पट्टे पर दी. माना जा रहा है कि वाईसीपी सरकार इस प्रोजेक्ट की लीज को बढ़ाकर 99 साल करने की सोच रही है.

फिल्म निर्माता रामानायडू की भूमि: विशाखापत्तनम में रामानायडू के स्टूडियो के लिए निर्धारित जमीनों में से कुछ जमीन ली गई थी. 2003 में तत्कालीन सरकार ने विशाखा-भिमिली बीच रोड पर रामानायडू स्टूडियो के निर्माण के लिए पहाड़ी पर 34.44 एकड़ जमीन आवंटित की थी. इसके एक हिस्से में स्टूडियो बना तो वाईसीपी नेताओं की नजर खाली पड़ी जमीन पर पड़ी. जीवीएमसी ने हाल ही में उस भूमि के 15.18 एकड़ हिस्से पर लेआउट बनाने और बेचने और निर्माण परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति दी है. 15.18 एकड़ के प्रस्तावित लेआउट की कीमत 250 करोड़ तक है.

2 हजार करोड़ रुपए की 15 एकड़ जमीन: दासपल्ला भूमि में 2 हजार करोड़ रुपये मूल्य की अन्य 15 एकड़ जमीन विजयसाई रेड्डी के सबसे करीबी दोस्तों के हाथों में चली गई. पिछली सरकारों ने इन ज़मीनों को प्रतिबंधित सूची में रखकर संरक्षित किया. वाईसीपी सरकार में जिला कलेक्टर पर दबाव बनाकर सरकार को पत्र लिखा गया और इसे प्रतिबंधित सूची से हटा दिया गया. अब विजयसाई के करीबी दोस्त वहां एक बड़ी आवासीय और वाणिज्यिक भवन निर्माण परियोजना शुरू करने जा रहे हैं.

सेवा की आड़ में कब्जा: रुशिकोंडा में 300 करोड़ रुपये की जमीन का स्वामित्व वाईएसआर की बहन विमला रेड्डी द्वारा संचालित अल्पसंख्यक शिक्षा सोसायटी 'सेंट ल्यूक' के पास है. 2009 में जब वाईएस सीएम थे तब उस संस्थान को 7.35 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. कलेक्टर की अनुशंसा के अनुसार एक एकड़ डेढ़ करोड़ में दी जा सकती थी, लेकिन संस्था को 25 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन आवंटित की गई. यहां अस्पताल बनाकर गरीबों को इलाज देने का वादा किया गया, लेकिन अभी तक कोई निर्माण नहीं हुआ है.

एमपी भूमि व्यवसाय: विशाखापत्तनम सांसद एमवीवी सत्यनारायण के स्वामित्व वाली एमवीवी एंड एमके हाउसिंग कंपनी ने कुरमानपालम में 10.57 एकड़ क्षेत्र में एक विशाल निर्माण परियोजना शुरू की. पांच अलग-अलग सर्वेक्षण संख्याओं में उन जमीनों के संबंध में, एमवीवी जनरल पावर अटॉर्नी के साथ 8 जनवरी, 2018 को 11 मालिकों के साथ एक विकास समझौता पंजीकृत किया गया. जमीन के 11 मालिकों को कॉमन एरिया समेत कुल 14 हजार 400 वर्ग फीट जमीन देने पर सहमति बनी. 50 करोड़ प्रति एकड़ जमीन की कीमत कम से कम 500 करोड़ रुपये होती है. लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट में भूस्वामियों को मात्र 0.96 प्रतिशत ही दिया गया.

चर्च की 500 करोड़ की जमीन: आरोप है कि एमपी एमवीवी ने विशाखापत्तनम के मध्य स्थित सीबीसीएनसी चर्च की 500 करोड़ की सारी जमीन एक बेनामी कंपनी के नाम पर करा ली. सिरीपुरम में सीबीसीएनसी चर्च की सर्वे नंबर 75 में 19 हजार गज जमीन है. इसकी बाजार कीमत 500 करोड़ से ज्यादा है.

ऐसा प्रचार है कि विशाखापत्तनम में वाईसीपी नेताओं द्वारा लिया गया प्रत्येक परियोजना लेनदेन 'मुख्य नेता' की सहमति से होता है. आरोप है कि उन्हें प्रोजेक्ट में 20 फीसदी हिस्सा दिया जाता है. विपक्ष का आरोप है कि यही कारण है कि विशाखापत्तनम में YCP नेता उग्र हैं और सरकारी और निजी संपत्तियों को लूट रहे हैं.

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