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GST पंजीकरण के लिए पांच राज्य करना चाह रहे आधार प्रमाणीकरण लागू - Aadhaar based authentication

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By PTI

Published : May 13, 2024, 7:41 PM IST

GST Registration: कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित पांच राज्य आधार-आधारित जीएसटी पंजीकरण की योजना बना रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि राज्यों को डेटा उपलब्ध कराया गया है. मूल्यांकन के आधार पर, प्रस्ताव की मंजूरी के लिए आगे राज्य मंत्रिमंडलों के समक्ष रखना होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)

नई दिल्ली: इस महीने की शुरुआत में वरिष्ठ केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों की तीसरी राष्ट्रीय समन्वय बैठक में बायोमेट्रिक-आधारित प्रमाणीकरण पर चर्चा की गई थी. एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित पांच राज्यों ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण शुरू करने में रुचि दिखाई है. वर्तमान में, दो राज्यों गुजरात, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने पायलट आधार पर करदाताओं का आधार प्रमाणीकरण शुरू किया है.

एक अधिकारी ने प्राइवेट न्यूज एजंसी को बताया, 'कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित लगभग पांच राज्यों ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण लागू करने में रुचि दिखाई है'. अधिकारी ने आगे कहा कि ये राज्य पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की आवश्यकता को लागू करने के लिए शामिल लागत, बुनियादी ढांचे और जनशक्ति की आवश्यकता का आकलन करना चाहते थे. उन्हें डेटा उपलब्ध कराया गया है. मूल्यांकन के आधार पर, इन राज्यों को प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडलों के समक्ष रखना होगा.

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी अब तक पंजीकरण चाहने वाले आवेदकों की पहचान स्थापित करने के लिए ओटीपी-आधारित आधार प्रमाणीकरण का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि, ऐसे मामले सामने आने के साथ जिनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने के लिए फर्जी फर्म बनाने के लिए अन्य लोगों की पहचान का दुरुपयोग किया गया था, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की ओर बढ़ने का फैसला किया था. इसके तहत कुछ संदिग्ध मामलों में, पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति को अपने बायोमेट्रिक्स सत्यापन के लिए आधार केंद्र पर जाने के लिए कहा जाएगा.

अप्रैल जीएसटी रेवेन्यू के विश्लेषण के अनुसार, कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है. इसके बाद उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं. माह के दौरान महाराष्ट्र ने राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा अर्जित किया. एकीकृत कर प्रणाली के लागू होने के बाद से अप्रैल में एक महीने में जीएसटी संग्रह, जिसमें केंद्र और राज्य संग्रह शामिल है, 2 लाख करोड़ रुपये के मील के पत्थर को पार कर गया. अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 12.4 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. राजस्व वृद्धि को मजबूत आर्थिक गति और बढ़े हुए घरेलू लेनदेन और आयात से सहायता मिली.

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