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राम मंदिर को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए : केशव प्रसाद मौर्य

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 4:27 PM IST

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अयोध्या में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. सभी तैयारियां पूरी (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) कर ली गई हैं. वहीं राम मंदिर आंदोलन में ताला खुलने से लेकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के गवाह बनने वाले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से खास बातचीत.

ईटीवी भारत के यूपी के ब्यूरो चीफ की उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से खास बातचीत

लखनऊ : दो दिन बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने वाला है. सरकार ने वहां बड़े स्तर पर विकास के काम तो किए ही हैं. साथ ही इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए अयोध्या को दिन-रात एक कर सजाया और संवारा जा रहा है. राम मंदिर आंदोलन में ताला खुलने से लेकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के गवाह बनने वाले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से हमने बात की. देखिए पूरा साक्षात्कार...


प्रश्न : आपने राम मंदिर आंदोलन में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी. आप अशोक सिंघल जी के साथ लगातार सक्रिय रहे थे. उस दौर में आंदोलन और अपनी भूमिका के विषय में बताइए.

उत्तर : देखिए, यह मेरे जीवन का सौभाग्य है कि रामलला, जहां आज भव्य मंदिर तैयार हो रहा है, उसी स्थान पर एक कलंकित ढांचे के अंदर ताले में बंद थे. जो राम भक्त अयोध्या जाते थे, वह यह दृश्य देखकर दर्द से कराह उठते थे. हम जिनका नाम लेकर अपनी जीवन की अंतिम यात्रा पूरी करते हैं, वह भगवान राम ताले में बंद हैं. मैं उस आंदोलन से भी जुड़ा रहा, जब नारा दिया गया था 'आगे बढ़ो जोर से बोलो, श्री राम जन्मभूमि का ताला खोलो.' उस समय देश और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी. उस आंदोलन के सामने सरकार को झुकना पड़ा और एक फरवरी 1986 को रामलला का ताला खोल दिया गया.


प्रश्न : जब विवादित ढांचा ढहाया गया और कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं, उस दौरान तमाम कारसेवकों की लाशों को पत्थरों से बांध कर सरयू में प्रवाहित कर दिया गया था. शायद आप वहां रहे हों और वह दृश्य देखा हो?

उत्तर : निश्चित रूप से मैं अयोध्या में पहुंचा हुआ था. जहां गोली कांड हुआ था, संयोग से मैं वहां नहीं था. उस समय राम भक्तों के साथ बड़ी ही निर्ममता का व्यवहार किया गया. राम भक्त निहत्थे थे. मुलायम सिंह की सरकार थी प्रदेश में उन्होंने गोली चलवाई और राम भक्तों की लाशों का ढेर लगा दिया गया. बाद में कल्याण सिंह जी की अगुवाई में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. सरकार बनने के बाद छह दिसंबर 1992 को फिर कारसेवा का एलान हुआ. लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंचे. मैं भी पहुंचा. मुझे भी ढांचा ढहाने में सेवा करने का सौभाग्य मिला.


प्रश्न : इस पूरे आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा आदि की भी बड़ी भूमिका रही थी. यह लोग रथ यात्रा के दौरान कैसे लोगों में जोश भरते थे?

उत्तर : मुझे आज इस बात का गर्व है कि देश में भाजपा की सरकार है और मैं उपमुख्यमंत्री हूं. 1990 में लालकृष्ण आडवाणी जी की अगुवाई में सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा चली थी. उस यात्रा में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल और सूत्रधार थे. सोमनाथ से बिहार के समस्तीपुर तक की यात्रा में उन्होंने लोगों का दर्द देखा. उनकी भक्ति और गुस्सा देखा. 2014 में देश की जनता ने आशीर्वाद दिया हमारे प्रधानमंत्री जी को. आज प्रधान सेवक के रूप में वह देश की बागडोर संभाल रहे हैं. यहीं से राम मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं दूर होने लगीं.


प्रश्न : इस समय अयोध्या में देश-दुनिया से हजारों मेहमान आ रहे हैं. लोगों को भी उम्मीद नहीं थी कि कभी अयोध्या पुराने वैभव को प्राप्त करेगी. आपके लिए व्यक्तिगत रूप से यह कितनी बड़ी खुशी का मौका है?

उत्तर : देखिए यह मेरे लिए कितनी बड़ी खुशी है, उसके लिए शब्द भी खोजना कठिन होगा. मैं यही कहता हूं कि जैसे कोई रात में स्वप्न देखा जाए और जब आंख खुलती है, तो वैसा कुछ नहीं होता है. हालांकि जो स्वप्न श्री राम मंदिर निर्माण के लिए देखा गया, वह सच हो गया है और हम लोग अपनी आंखों से देख पा रहे हैं. मैं और मेरे जैसे करोड़ों राम भक्त भी देख पा रहे हैं.


प्रश्न : राम मंदिर को लेकर देश के करोड़ों हिंदू भी आपकी ही तरह से खुश हैं, लेकिन एक थोड़ा सा मलाल भी रह गया कि शंकराचार्यों को आमंत्रित नहीं किया गया या वह इससे दुखी हैं कि पूरा मंदिर बनने से पहले ही प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा है. इसे आप कैसे देखते हैं?

उत्तर : देखिए एक राम भक्त और उप मुख्यमंत्री के रूप में मैं अपने शंकराचार्यों के चरणों में अपना प्रणाम निवेदित करता हूं. निमंत्रण भेजने का काम ट्रस्ट का है और मुझे लगता है कि सभी के पास निमंत्रण पहुंचा है. कोई विरोध नहीं है. सपा और कांग्रेस की राजनीति करने वाले ऐसा दुष्प्रचार कर रहे हैं.


प्रश्न : चूंकि आप एक राजनेता भी हैं, तो कृपया यह बताएं कि आगामी लोकसभा का चुनाव क्या राममय रहने वाला है?

उत्तर : देखिए, अयोध्या में रामलला का जो भव्य मंदिर है, उसे मैं राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखता. राम हमारे आस्था, श्रद्धा और विश्वास हैं. वह अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक हैं. इसलिए रामलला के मंदिर को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. 2024 में हम प्रदेश में सभी अस्सी सीटें जीतेंगे. नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए हमारे काम के दम पर बहुत वोट मिलेगा. हां, यदि राम के नाम पर कोई वोट देगा, तो हमें खुशी होगी.


प्रश्न : यदि आप प्रदेश की सभी अस्सी सीटें जीतने वाले हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा को विपक्ष के गठबंधन से कोई भय नहीं है?

उत्तर : गठबंधन कहां, यह तो ठगबंधन है. यह परिवारों का मिलन कार्यक्रम है. अधिकांश भ्रष्टाचार के आरोपियों का गठबंधन है. जेल जाने से बचने के लिए वह उपाय खोज रहे हैं.


प्रश्न : यदि आप कह रहे हैं कि मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे, तो यह बताइए कि केंद्र और राज्य की ऐसी कौन सी बड़ी योजनाएं हैं, जिनके दम पर आप तीसरी बार केंद्र में सरकार बना लेंगे?

उत्तर : जो काम उत्तर प्रदेश के अंदर पूर्व की गैर भाजपाई सरकारों ने मिलकर नहीं किया, उससे अधिक हमारी सरकार ने काम किए हैं. नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी जो काम किए हैं, उनके दम पर पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है. आत्मनिर्भर भारत बन रहा है. शक्तिशाली भारत बन रहा है. 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं.


प्रश्न : यदि इतना कुछ है, तो दक्षिण भारत में आपकी पार्टी क्यों सफल नहीं हो पाती?

उत्तर : आप देखिएगा. इस बार उत्तर भी जीतेंगे और दक्षिण भी जीतेंगे. पूरे भारत में इस बार जैसे कमल खिलेगा लोगों को उसका अंदाजा ही नहीं है. आज राम की भक्ति की शक्ति देश में गूंज रही है. आज मंदिरों की स्वच्छता के कार्यक्रमों में आम लोग लगे हुए हैं.

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