ETV Bharat / bharat

चाइल्ड ट्रैफिकिंग केसः 36 घंटे और 15 दिन के दो बच्चों को बेचने की थी तैयारी, जानिए कैसे काम करता था गैंग - Delhi Child Trafficking Case

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 7, 2024, 7:25 AM IST

Updated : Apr 7, 2024, 7:33 AM IST

दिल्ली में बच्चा चोरी गैंग के खुलासे के बाद अब सीबीआई ने इसके नेटवर्क को तलाशना शुरू किया है. पकड़े गए 7 आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इस गैंग का नेटवर्क दूसरे राज्यों में फैले होने की जानकारी मिली है. जांच टीम की पूछताछ गैंग की मॉडस ऑपरेंडी भी पता चली है.

चाइल्ड ट्रैफिकिंग केस.
नवजात को रेस्क्यू करके ले जाती सीबीआई की टीम

नई दिल्लीः दिल्ली में बच्चा चोरी गैंग के पकड़े जाने से सभी हैरान हैं. दरअसल, छापेमारी वाले दिन जिस आरोपी महिला के घर से दो बच्चे मिले, उनको बेचने की तैयारी थी. इन बच्चों में से एक की उम्र 36 घंटे जबकि दूसरी की 15 दिन थी. जानकारी यह भी मिली है कि आरोपी महिला 500 रुपए एक दिन के हिसाब से बच्चों को अपने यहां रखती थी. बच्चों की कीमत उनके उम्र के हिसाब से लगाई जाती थी, जितना कम समय का बच्चा, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होती थी. गैंग के लोग 50 हजार से लेकर 6 लाख रुपए तक की सौदेबाजी करते थे.

बता दें कि सीबीआई बच्चों की डिटेल खंगालने में जुटी है. इस बात का पता लगाया जा रहा है कि बच्चों को कहां-कहां से खरीदा गया और फिर किसे बचाया गया. दूसरे राज्यों तक फैले नेटवर्क का भी पता लगाया जा रहा है.

अब तक क्या-क्या हुआ

  • सीबीआई ने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और रोहिणी इलाके में शनिवार को छापेमारी की.
  • 8 बच्चों को शनिवार को रेस्क्यू किया, दो बच्चे एक ही घर से मिले.
  • अस्पताल से बच्चा चोरी के आरोप में एक वार्ड बॉय गिरफ्तार.
  • बच्चों को किराये पर अपने घर में रखने के आरोप में एक महिला गिरफ्तार.
  • अब तक 7 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
  • सोनीपत हरियाणा का नीरज, पश्चिम विहार दिल्ली की इंदु पवार, पटेल नगर दिल्ली का असलम, नारंग कॉलोनी दिल्ली की पूजा कश्यप, कराला निवासी रितु, मालवीय नगर निवासी अंजलि और दिल्ली निवासी कविता शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में नवजात बच्चे चुराने वाले गैंग का पर्दाफाश: CBI की छापेमारी में एक घर से मिले 8 बच्चे

ऐसे काम करता था गैंग
अब तक की जांच से पता चला है कि गैंग के सदस्य बच्चा गोद लेने के इच्छुक दंपतियों के संपर्क में रहते थे. इसके लिए विज्ञापन भी देते थे. व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर एक्टिव थे. साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का भी इस्तेमाल करते थे. बताया जा रहा है कि यह गैंग उन माता-पिताओं की मजबूरी का फायदा उठाता था, जिन्हें पैसों की जरूरत होती थी. इनसे कम पैसे में बच्चा लेकर ज्यादा पैसे में अमीर लोगों को बेचते थे. अस्पताल से बच्चा चुराने के लिए वार्ड बॉय और स्टाफ को पैसे देकर अपने साथ मिलाकर रखते थे.

Last Updated : Apr 7, 2024, 7:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.