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फैलता जा रहा है सेक्सटॉर्शन का जाल, हर दिन 500 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाने की कोशिश, बचाव के लिए उठाएं ये उपाय - Sextortion cases in Jharkhand

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 30, 2024, 12:58 PM IST

Sextortion cases in Jharkhand
Sextortion cases in Jharkhand

Sextortion cases in Jharkhand. झारखंड में सेक्सटॉर्शन का जाल लगातार फैलता जा रहा है. अपराधी सोशल साइट्स और वीडियो कॉलिंग ऐप्स के जरिए लोगों को हनी ट्रैप में फंसाते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं. इसे रोकने का सबसे प्रभावी तरीका सेल्फ कंट्रोल है.

रांची : झारखंड की राजधानी रांची समेत कई शहरों में सेक्सटॉर्शन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. फेसबुक और व्हाट्सएप समेत कई वीडियो कॉल ऐप्स इसका बाजार बन गए हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि लोग अब सेक्स के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ मुखर हो रहे हैं और पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज करा रहे हैं.

हर दिन 500 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाने की कोशिश

साइबर क्राइम पोर्टल पर आने वाली साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों में अगर सिर्फ सेक्सटॉर्शन के आंकड़ों की बात करें तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आती है. साइबर क्राइम ब्रांच के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड में हर दिन साइबर अपराधी करीब 500 लोगों को सेक्स चैट में फंसाकर ब्लैकमेल कर ठगी करने की कोशिश करते हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि 500 में से सिर्फ 2 से 3 लोग ही सेक्सटॉर्शन का शिकार बने हैं. कोई भी साइबर अपराधियों के जाल में नहीं फंसा.

फरवरी 2021 से शुरू हुए सेक्सटॉर्शन के मामले

फरवरी 2021 में झारखंड में व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य वीडियो ऐप के जरिए सेक्सटॉर्शन के मामले शुरू हुए. पहले लोग लोक-लाज के डर से साइबर अपराधियों को पैसे दे देते थे और पुलिस को शिकायत भी नहीं करते थे. लेकिन साल 2022 में साइबर अपराधियों ने रांची में एक आर्मी मेजर से सेक्सटॉर्शन कर पैसे ठगने शुरू कर दिए. मेजर ने हिम्मत दिखाई और रांची के सदर थाना में एफआईआर दर्ज कराई.

साइबर पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो सदर इलाके में ही छापेमारी कर विक्की कुमार आर्या को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार विक्की कुमार आर्या ने जो खुलासे किये वो बेहद चौंकाने वाले थे.

साइबर पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान विक्की ने बताया कि झारखंड के हजारीबाग, जामताड़ा, देवघर और गिरिडीह जैसे शहरों में साइबर अपराधी वहां के युवाओं को सेक्सटॉर्शन के तरीके सिखाते हैं. सेक्सटॉर्शन कैसे करना है और कौन से ऐप का इस्तेमाल करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जाती है.

जिसके बाद ट्रेंड युवा स्कोका जैसी एडल्ट डेटिंग साइट्स का इस्तेमाल करते हैं और सेक्स के नाम पर ब्लैकमेल कर धोखाधड़ी करते हैं. हाल के दिनों में जिन लोगों से ठगी की गई है, उनमें सेना के मेजर, राजनेता, अधिकारी और यहां तक कि आम लोग भी शामिल हैं.

हरियाणा और राजस्थान से की जाती थी ठगी

साइबर क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान रांची समेत राज्य के अन्य जिलों में सेक्सटॉर्शन के मामले सामने आये थे. जांच के दौरान पता चला कि हरियाणा और राजस्थान के कुछ साइबर अपराधी वहीं बैटकर गिरोह चला रहे हैं. इसी बीच झारखंड सीआईडी की सूचना पर हरियाणा और राजस्थान में छापेमारी कर इस गिरोह के कई साइबर अपराधियों को पकड़ा गया.

पुलिस की बढ़ती दबिश को देखते हुए साइबर अपराधियों ने झारखंड के साइबर अपराधियों को सेक्सटॉर्शन करने की ट्रेनिंग देकर बकायदा उन्हें झारखंड भेज दिया. अब ट्रेनिंग ले चुके वही युवा झारखंड के अलग-अलग जिलों में बैठकर नये लड़कों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और ठगी भी कर रहे हैं.

जाल बिछाकर चंगुल में फंसाते हैं अपराधी

साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार के मुताबिक, सेक्सटॉर्शन का सबसे आसान तरीका सोशल और डेटिंग साइट्स हैं. इस काम में साइबर अपराधी फेसबुक, स्काइप या किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल कर अपने शिकार को फंसाते हैं. पहले वे इंटरनेट पर नकली पहचान बनाते हैं, फिर खूबसूरत लड़कों और लड़कियों को हनी ट्रैप के रूप में इस्तेमाल कर अपने शिकार से दोस्ती कराते हैं. उन्हें बहुत करीब आने और दोस्ती बढ़ाने के लिए उकसाते हैं.

वे धीरे-धीरे अपने शिकार को वेबकैम या मोबाइल कैमरे के सामने सेक्सुअल एक्ट करने, कपड़े बदलने और कपड़े उतारने के लिए उकसाते हैं. हैरानी की बात तो यह है कि ज्यादातर लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं. यही कारण है कि इनके शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.

राहुल कुमार ने बताया कि इन अपराधियों को अपने शिकार को फंसाने में 10 दिन से लेकर कई महीने तक का समय लग जाता है. ज्यादातर गैंग बेहद प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं. सबसे पहले इंटरनेट पर दोस्ती की जाती है. फिर दोनों की सहमति से वेबकैम के सामने कपड़े बदलने और सेक्सुअल एक्ट करने का सिलसिला शुरू होता है. बाद में यह एपिसोड ब्लैकमेलिंग में बदल जाता है.

दो तरीके से होती है ठगी

साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार ने बताया कि अब तक दो तरह से सेक्सटॉर्शन के मामले सामने आ चुके हैं. पहले मामले में साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के लिए कुछ लड़कियों का इस्तेमाल करते हैं और फिर अश्लील हरकतें रिकॉर्ड कर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं.

दूसरे तरीके से डमी पॉर्न वीडियो और लाइव चैटिंग के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता है. इसमें साइबर अपराधियों द्वारा लैपटॉप पर अश्लील वीडियो चलाये जाते हैं, वीडियो को इस तरह प्रसारित किया जाता है कि सामने वाले को लगे कि उसमें अश्लील हरकतें कर रही लड़की असली है.

सेल्फ कंट्रोल ही बचाव का अंतिम उपाय

राहुल कुमार ने बताया कि सेक्सटॉर्शन से बचने का एकमात्र उपाय सेल्फ कंट्रोल है. अगर इंटरनेट के मायाजाल में फंस कर आप अपना सेल्फ कंट्रोल खोते हैं तो आपका जाल में फंसना तय है. इसलिए ठगी के शुरुआती दौर में ही संयम रखें, वही ऐसे ठगी से बचने का सबसे कारगर तरीका है.

अगर आप शिकार बन जाएं तो क्या करें

  • सबसे पहले मामले की सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल को दें.
  • यह बात अपने परिवार के किसी सदस्य को जरूर बताएं, आपको बताने में शर्मिंदगी महसूस हो सकती है, लेकिन यह आपको कई समस्याओं से बचाएगा.
  • जिस आईडी का इस्तेमाल कर आपको ब्लैकमेल किया गया है उसे तुरंत ब्लॉक करें.
  • तुरंत अपने इंटरनेट एडमिन को सूचित करें और ब्लैकमेलर की आईडी के बारे में जानकारी प्राप्त करें. अगर आप फेसबुक पर सेक्सटॉर्शन का शिकार हो गए हैं तो तुरंत फेसबुक एडमिनिस्ट्रेटर को इसकी जानकारी दें.
  • उस प्लेटफॉर्म को कुछ समय के लिए डीएक्टिवेट कर दें जिस पर आपको शिकार बनाया गया है.
  • ध्यान रखें कि आप जितना डरेंगे, उतना ही अधिक आपको डराया जाएगा.
  • ब्लैकमेलर के साथ आपकी जो भी चैट हुई है उसका स्क्रीन शॉट ले लें.
  • अगर आपने ब्लैकमेलिंग के लिए ऑनलाइन पेमेंट किया है तो पेमेंट कहां गई है, यह देखकर पुलिस को सूचना दें.
  • ब्लैकमेलर के जरिए दी गई किसी भी जानकारी का पूरा रिकॉर्ड रखें. जैसे स्काइप नेम, आईडी, फेसबुक यूआरएल, वेस्टर्न यूनियन या मनीग्राम का मनी ट्रांसफर कंट्रोल नंबर.
  • यह मत सोचिए कि एक बार पैसे चुकाने से आप बच जाएंगे. हो सकता है और डिमांड आनी शुरू हो जाए. आपसे गलती हुई है, इसलिए उसका सामना करें. आत्मविश्वास के साथ लड़ें.
  • किसी भी रिकॉर्डिंग, बातचीत, मेल को कभी भी डिलीट न करें. दरअसल, ये लिंक आगे चलकर पुलिस के काम आएंगे.
  • अधिकांश साइबर गिरोह सेक्स रिकॉर्डिंग की तस्वीरें या क्लिपिंग भेजने के लिए मेल का उपयोग करते हैं, कोशिश करें कि उन पर बार-बार न देखें. आप परेशान होंगे.
  • पैसे बिल्कुल न दें, एक बार देने पर भी मांग आ सकती है. इतना ही नहीं, यह भी संभव है कि ब्लैकमेलर पैसे लेने के बाद आपका सेक्स वीडियो वायरल भी कर दे.

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