बांसवाड़ा की सभा में पीएम मोदी के बयान पर सीपीआई(एम) ने जताई आपत्ति, जयपुर के सदर थाने में लेकर पहुंचे शिकायत - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 23, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Apr 23, 2024, 5:36 PM IST

पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति
पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति ()

लोकसभा चुनाव के रण में नेताओं की बयानबाजी जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री के बयान पर आपत्ति जताते हुए सीपीआई(एम) ने जयपुर के सदर थाने में शिकायत दी है. इसमें पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.

जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में नेताओं की बयानबाजी जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले दिनों बांसवाड़ा में हुई सभा में दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए सीपीआई(एम) ने जयपुर के सदर थाने में शिकायत दी है. इसमें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.

इस संबंध में सदर थानाधिकारी बलवीर सिंह का कहना है कि सीपीआई(एम) के पदाधिकारी शिकायत लेकर आए थे. लेकिन जिस सभा का वे जिक्र कर रहे थे. वो बांसवाड़ा में हुई थी. इसलिए नियमानुसार, शिकायत वहीं दी जा सकती है जहां की घटना हो. सीपीआई(एम) की राज्य साचिक मंडल की सदस्य सुमित्रा चोपड़ा और जिला कमेटी के सचिव संजय माधव के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी सभा में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर मतदाताओं को प्रभावित करने और भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153(ए),153(बी), 191, 201, 500, 504, 505, 506 के तहत अपराध कारित करने के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए जयपुर के सदर थाने में शिकायत दी गई है.

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यह हैं आदर्श आचार संहिता के प्रावधान : सुमित्रा चोपड़ा और संजय माधव का कहना है कि चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आदर्श आचार संहिता का पूरी तरह से पालना करना अनिवार्य है. कोई भी पार्टी या नेता प्रचार में जनता के बीच जाति, धर्म, नस्ल, क्षेत्र के आधार पर घृणा फैलाते हुए अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोट हासिल करने का प्रयास करता है तो ऐसे प्रचारक को आईपीसी और जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत दोषी करार दिया जा सकता है. चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि उस राजनीतिक पार्टी के नामांकन को रद्द किया जा सकता है. ऐसे प्रचारकों के खिलाफ आईपीसी के तहत फौजदारी का मुकदमा भी हो सकता है.

पीएम के इस बयान पर जताई आपत्ति : उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, 'अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा, हमारी बहनों के पास सोना कितना है. उसकी जांच की जाएगी. उसका हिसाब लगाया जाएगा. हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है. सिल्वर कितना है. उसका हिसाब लगाया जाएगा. यह सब को समान रूप से बांट दी जाएगी. हमारी माता-बहनों का मंगलसूत्र वह एक सोने की कीमत का मुद्दा नहीं है. वह उसके जीवन के सपनों से जुड़ा है और तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में? पहले जब उनकी सरकार थी. उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे.'

गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं कांग्रेस-सीपीआई(एम) : कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन का सीपीआई(एम) भी हिस्सा है. राजस्थान में भी सीपीआई(एम) और कांग्रेस गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. सीकर की सीट कांग्रेस ने सीपीआई(एम) के लिए छोड़ी है. जहां सीपीआई(एम) के प्रत्याशी अमराराम को कांग्रेस ने समर्थन दिया है. सीकर में पहले चरण में मतदान हो चुका है और नतीजे 4 जून को आएंगे.

मुख्य चुनाव आयुक्त को भी लिखा पत्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए सीपीआई(एम) ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भी पत्र लिखा है. सीपीआई(एम) ने पीएम मोदी के इस बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण झूठ पर आधारित है और दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाला है, जो आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाता है.

Last Updated :Apr 23, 2024, 5:36 PM IST
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