देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लेकर सियासत गरमा गई है. एक तरफ धामी सरकार फरवरी के पहले हफ्ते में यूसीसी लागू करने की कवायद में है तो दूसरी तरफ विपक्ष मामले को लेकर हमलावर हो गई है. अब कांग्रेस नेता हरीश रावत ने समान नागरिक संहिता को पैसा बर्बाद करने वाला बताया है. साथ ही धामी सरकार को घेरा है.
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#WATCH | Uttarakhand: On the implementation of UCC in the state, Congress leader Harish Rawat says, "We first need to see the draft...UCC means that its implementation should be in the entire country...What kind of Civil Code is this which is being implemented state wise...If… pic.twitter.com/yr7GHPRrWQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 30, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हरीश रावत ने समान नागरिक संहिता पर कही ये बात: दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने समान नागरिक संहिता पर बयान दिया है. हरीश रावत का कहना है कि 'हमें सबसे पहले यूसीसी का ड्राफ्ट देखना होगा. यूसीसी का मतलब है कि इसका क्रियान्वयन पूरे देश में होना चाहिए. यह कैसा नागरिक संहिता है, जो राज्यवार लागू किया जा रहा है.'
हरीश रावत ने आगे कहा कि 'अगर वे इस कानून को लागू करना चाहते हैं तो इसे दिल्ली में बनाएं. इसे केंद्र सरकार बनाएं. इसका कोई मकसद नहीं है. केवल प्रचारात्मक महत्व है. वे सिर्फ चुनाव के लिए राज्य का पैसा बर्बाद कर रहे हैं.' वहीं, अब हरीश रावत के इस कड़े बयान पर बवाल मचने की आशंका है. क्योंकि, हरदा ने इसे पैसा बर्बाद करना करार दिया है.
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समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी 2 फरवरी को ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी। हम देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं।#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/SDfIdv6azN
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 29, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उधर, उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं. साथ ही कहते नजर आ रहे हैं कि 'हम देवभूमि उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं.' सीएम धामी का कहना है कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी आगामी 2 फरवरी को ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी. जिसके बाद इस पर मुहर लगाई जाएगी.
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में यूसीसी को लागू करने की बात कही थी. सरकार बनते ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. जिसे 2 फरवरी को सरकार को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद सरकार रिपोर्ट का आकलन करेगी और एक्ट बनाने को लेकर कार्रवाई करेगी.
समान नागरिक संहिता क्या है? यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का मतलब हर व्यक्ति के लिए एक समान कानून है. चाहे वो किसी भी जाति या धर्म का क्यों न हो, सभी पर एक जैसा ही कानून लागू होगा. इसके तहत शादी, तलाक और जमीन जायदाद आदि के बंटवारे के मामले में सभी धर्मों के लिए एक ही तरह का कानून लागू होगा. यूसीसी एक निष्पक्ष कानून होगा, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं होगा.
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