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12 फरवरी इम्तिहान की घड़ी, विधायकों से ह्वीप पर साइन करा रही है पार्टियां, एक क्लिक में जानें दिनभर की कहानी

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 10, 2024, 6:55 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 8:45 PM IST

बिहार की राजनीति अभी केन्द्र में है. नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट पास कर पाएंगे कि 'खेला' होगा, इसको लेकर बाजार गर्म है. इस तपिश को देखते हुए सभी पार्टियों ने विधायकों को एकजुट करना शुरू कर दिया है. 12 तारीख को बहुमत परीक्षण से पहले पार्टियां शक्ति परीक्षण में लगी हुई हैं. आगे पढ़ें आज क्या-क्या हुआ.

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देखें रिपोर्ट.

पटना : 12 फरवरी बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन तय होगा कि जो नई सरकार जेडीयू-बीजेपी-हम गठबंधन में बनी है, उसे विश्वास मत मिलता है या फिर 'खेला' होता है. इस विश्वास मत को लेकर बिहार में जितने दल हैं वह अलग-अलग तरीके से अपने विधायकों को सहेजने में लगे हैं. ताकि 12 तारीख को जो फैसला हो वह उनके पक्ष में हो. कोई भी विधायक उनके गठबंधन के अलावे दूसरे गठबंधन को वोट ना दें, इस पर सबकी निगाहें हैं. बताया तो यह भी जा रहा है कि किसी ना किसी बहाने विधायकों को बुलाकर ह्वीप पेपर पर साइन लिया जा रहा है, ताकि विधायक पार्टी के नियम-कानून से बंधे रहें.

भविष्य में सरकार बनाने का प्रलोभन : लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का बिहार में 79 विधायक हैं. 79 विधायकों की बदौलत राजद ने 12 फरवरी को विश्वास मत वाले दिन बड़ा 'खेला' होने का शगुफा छोड़ा है. हालांकि आरजेडी को भी इस बात का डर है कि उनके कुछ विधायक इधर-उधर ना छिटक जाएं. ऐसे में अपने विधायकों के साथ लगातार वह मीटिंग कर रहे हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी के जो विधायक आज पहुंचे थे उन्हें 12 फरवरी तक के लिए तेजस्वी आवास पर ही रुकने का आदेश दिया गया है. इस बाबत उनका सामान भी पहुंच गया है.

'तेजस्वी सीएम बनें तो सबकुछ अपने हाथ होगा' : सूत्रों के मुताबिक, राबड़ी आवास के अंदर चली बैठक में लालू यादव और तेजस्वी यादव अपने विधायकों को यह बता रहे हैं कि भविष्य में उनकी सरकार बनने वाली है. तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे तो सब कुछ अपने हाथ में रहेगा. अपने विधायकों को मजबूती से साथ रहने की हिदायत दे रहे हैं. साथ ही उन विधायकों को इस बात की भी दुहाई दे रहे हैं कि उनके बुरे समय में उन्होंने टिकट देकर उन्हें विधायक बनाया, नेता बनाया. पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बैठकों का दौर जारी है. शनिवार को भी तेजस्वी यादव ने राबड़ी देवी के आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई. इसी बहाने अपने विधायकों से ह्वीप पेपर पर साइन लिया जाएगा.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

'न टूटेंगे, न झुकेंगे' : मीटिंग को लेकर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि राज को राज रहने दीजिए. 12 तारीख की शाम में बताऊंगा. हमारे विधायक एकजुट हैं, हमारे लोग सामाजिक विचारधारा के लोग हैं, न टूटेंगे, न झुकेंगे. जिसके साथ हैं उसके साथ जीने मरने को तैयार हैं.

''वोट न भाट, अंग्रेजी बाजा, एक आदमी कह रहा है कि जब तक हम रहेंगे राजा हम ही रहेंगे. वो चाह रहे हैं कि सदन को भंग कर विधानसभा चुनाव कराना. सभी दल के विधायकों से आग्रह करूंगा कि इनके मंसूबे पर आप पानी फेरें. चूंकि 20 महीना आपका समय बचा हुआ है. ये विधान परिषद के सदस्य हैं. वैसे लोगों को ये राज्यसभा और विधान परिषद भेजते हैं, अब क्या कहें. नीतीश कुमार के पास बहुमत नहीं है.''- भाई वीरेंद्र, प्रवक्ता, आरजेडी

'ये तो ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी बाकी है' : वहीं भोज में नहीं पहुंचे जेडीयू विधायकों के सवाल पर आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि, ये तो ट्रेलर है अभी पूरी फिल्म बाकी है. देखते रहिए, 12 फरवरी का इंतजार कीजिए, पूरी फिल्म देखने को मिलेगी. हम लोग तो समाजवादी विचारधारा वाले लोग हैं और ऐसी ही सरकार चाहते हैं. वहीं मांझी की सीपीआईएमएल विधायकों से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि इंतजार कीजिए, मांझी जी सही समय पर सही फैसला करेंगे.

प्रशिक्षण के नाम पर राजगीर पहुंचे बीजेपी विधायक : बिहार में भारतीय जनता पार्टी 78 विधायक है हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद से अपना पल्ला छुड़ाकर बीजेपी के साथ नई सरकार का गठन किया है. 12 फरवरी को जेडीयू, बीजेपी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम मिलकर विश्वास मत में शामिल होंगे. सत्तारूढ़ दल होने की वजह से सबसे ज्यादा डर इन्हीं तीनों पार्टियों को ज्यादा है. ऐसे में बीजेपी ने अपने विधायकों को विश्वास मत से 2 दिन पहले बोधगया में प्रशिक्षण आयोजित करके बुला लिया है. यही नहीं इस प्रशिक्षण शिविर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वर्चुअल संबोधित भी करेंगे. अमित शाह विधायकों को एकजुट रहने का मंत्र भी देंगे. यहां विधायकों को एकजुट करके विधान सभा में अपने ताकत को पहले ही देख लेगी बीजेपी.

राजगीर में बीजेपी के विधायक.
राजगीर में बीजेपी के विधायक.

बीजेपी के पांच विधायक रहे गायब : शनिवार को बिहार के बोधगया में भाजपा के सभी 78 विधायकों के विशेष प्रशिक्षण शिविर से पांच विधायक गायब रहे. सूत्रों के अनुसार, रश्मि वर्मा, विनय बिहारी, पवन यादव समेत पांच विधायक गायब रहे. पांच विधायकों के गायब रहने के बाद रजिस्ट्रेशन कॉपी मीडिया से दूर कर दी गई. हालांकि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस तरह की बातों से पूरी तरह से दरकिनार किया है.

'जो मौजूद नहीं हैं, वो आ रहे हैं' : डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि, ''भाजपा का यह विशेष प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया है, जो रविवार को भी चलेगा. इसमें सभी 78 विधायक शामिल हुए हैं.'' हालांकि कुछ विधायकों के गायब रहने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं है, वह आ रहे हैं. रश्मि वर्मा और विनय बिहारी के नहीं आने पर कहा कि वह आ रहे हैं. सभी 78 विधायक हमारे प्रशिक्षण शिविर में शामिल होंगे.

जेडीयू की डिनर डिप्लोमैसी : जेडीयू ने राजनीति का पुराना दांव अपने विधायकों पर खेला है. भोजन कराकर अपने विधायकों के मन की बात को जानने की पुरानी कोशिश को आजमाया है. बिहार में जेडीयू के 45 विधायक हैं. लगातार पिछले 18 सालों से सत्तारूढ़ दल होने के बावजूद इस बार जदयू को विश्वास मत में ज्यादा डर लगा है. जदयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 18 सालों में 9 बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया है. सात बार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कभी भी विश्वास मत को लेकर कोई परेशानी नहीं हुई थी. लेकिन इस बार जदयू के नेताओं के चेहरे पर भी विश्वास मत को लेकर डर साफ देखा जा सकता है.

जेडीयू नेता के घर भोज.
जेडीयू नेता के घर भोज.

आज श्रमण कुमार तो कल विजय चौधरी के घर खाना : जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने शनिवार को दोपहर के भोजन पर सभी विधायकों को बुलाया तो वहीं, रविवार को जदयू के नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सबको रात के भोजन पर अपने घर बुलाया है. भोज के आधार पर जदयू तय करेगा कि उनके विधायकों का रुख किस तरफ है. इस बहाने जदयू एक तरीके से अपने विधायकों का अटेंडेंस भी लगाएगा.

JDU के 9 विधायक नहीं पहुंचे : शनिवार को मंत्री श्रवण कुमार के घर जेडीयू के 9 विधायक नहीं पहुंचे. बीमा भारती, अनिरुद्ध यादव, अशोक कुमार चौधरी, दिलीप राय, अमन हजारी, गुनजेश्वर शाह, डॉक्टर संजीव, सुदर्शन और शालिनी मिश्रा ने दूरी बनाई. गोपाल मंडल देरी से एंट्री किए. उन्होंने अपने बयान से तब और हलचल बढ़ा दी जब कहा कि, 'तेजस्वी यादव ने फोन करके मुझे ऑफर दिया है'.

''सब लोग संपर्क में है. कोई दिक्कत नहीं है. कोई नाराज नहीं है. यहां कोई बैठक नहीं थी, जो हम लोग गिनती करते कि कौन आया, कौन नहीं आया. भोज का आयोजन किया गया था. कोई विवाद नहीं है."- श्रवण कुमार, नेता, जेडीयू

भोज में क्यों नहीं पहुंचे JDU विधायक? : वहीं जेडीयू नेता विजय चौधरी ने कहा कि, सारे लोग उपस्थित थे, जो अनुपस्थित थे, हमारे संपर्क में थे. 12 तारीख को पूर्ण बहुमत से आएंगे. वहीं जीतन राम मांझी की सीपीआईएमएल नेताओं से मुलाकात पर चौधरी ने कहा कि 'मांझी बहुत पुराने नेता हैं, समझ-बुझ वाले नेता हैं. किसी से मिलने-जुलने का कोई फर्क नहीं पड़ता है.' वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि, 'कुछ विधायकों ने कहा था कि व्यक्तिगत कारणों से हम नहीं आ पाएंगे. भ्रम में मत रहिए, खेला नहीं मेला लगने वाला है.'

कांग्रेस विधायक एयरलिफ्ट करके हैदराबाद गए : बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं. सबसे ज्यादा डर इस विश्वास मत में कांग्रेस को लगा है. उन्होंने 7 दिन पहले ही अपने विधायकों को सहेजने के लिए एयरलिफ्ट कराकर हैदराबाद के रिसोर्ट में सभी को शिफ्ट कर दिया. गाहे-बगाहे बिहार की राजनीति में कांग्रेस के टूटने की बात सामने आ जाती है. राजनीति के जानकारों के मुताबिक कांग्रेस को अभी तोड़ना बेहद आसान है. 19 में से 14 विधायक यदि टूट जाते हैं तो बिहार विधानसभा में कांग्रेस टूट जाएगी. ऐसे में कांग्रेस ने पहला कदम उठाते हुए अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था. कांग्रेस लगातार अपने विधायकों पर कड़ी निगाह रखी हुई है.

राजनीति के केन्द्र में रहे मांझी : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिलहाल चार विधायकों के साथ एनडीए में है. नई सरकार बनने के साथ ही उनके पुत्र संतोष मांझी ने मंत्री पद का शपथ ले लिया. इसके बाद जीतन मांझी ने शगुफा छोड़ा कि उनके पास लगातार मुख्यमंत्री बनने का ऑफर आ रहा है. लेकिन, इन तमाम कयासों को उनके पुत्र संतोष मांझी ने विराम देते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात की और कहा कि वह एनडीए के साथ लगातार बने रहेंगे. फिर जीतन मांझी ने अपने सुर बदले और सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वह आगे एनडीए के साथ हैं, नरेंद्र मोदी के साथ हैं. हालांकि आज लेफ्ट के महबूब आलम मांझी से मिलने पहुंचे. 'खेला' की बात होने लगी.

'अब कुछ नहीं होने वाला' : हालांकि इसको लेकर मांझी ने फिर क्लीयर किया. सोशल नटवर्किंग साइट एक्स पर मांझी ने ट्वीट कर लिखा- ''जो खेला होना था हो गया अब कुछ नहीं होने वाला. मोदी जी के नेतृत्व में NDA मजबूत था है और रहेगा. वईसे फिर भी किसी को 'खेला' खेलने का मन है तो विकास जी के दुकान पर जाकर खिलौना ले ले. वहां 30% का डिस्काउंट चल रहा है, सस्ता, मजबूत एवं टिकाऊ खिलौना बेचतें हैं विकास बाबू.''

आंकड़ों का खेल ही असली खेला है : अब जरा इन आंकड़ों से बिहार की की राजनीति को समझिए. अभी फिलहाल सत्तारूढ़ दल में 128 विधायकों का समर्थन है. जिसमें 78 बीजेपी, 45 जदयू, 4 हम और निर्दलीय एक कुल मिलाकर 128 विधायक का समर्थन एनडीए सरकार को है. बिहार में जादुई आंकड़ा 122 का है. जिसमें एनडीए की सरकार के पास 6 विधायक ज्यादा है. वहीं, विपक्ष को 114 विधायक का समर्थन प्राप्त है. जिसमें 79 राजद, 19 कांग्रेस और 16 लेफ्ट और यदि एआईएमआईएम के एकमात्र विधायक ने समर्थन दे दिया तो यह आंकड़ा 115 का हो जाएगा. यह जादुई आंकड़ा से 7 विधायक कम है. जो खेल होने की बात कही जा रही है वह इन्ही आंकड़ों पर आधारित है. यदि कुछ विधायक अपने गठबंधन के अलावा दूसरे गठबंधन में वोट कर देते हैं तो, यह आंकड़े बदल जाएंगे और राजद ने जिस खेला की उम्मीद जताई थी वह खेला हो जाएगा.

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Last Updated : Feb 10, 2024, 8:45 PM IST
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