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सुप्रीम कोर्ट से की चंद्रबाबू से जुड़े मामले की तत्काल सुनवाई की अपील

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2024, 10:53 PM IST

AP seeks urgent Hearing : आंध्र प्रदेश सरकार ने फाइबरनेट घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि गवाहों के बयान से पता चलता है नायडू की इसमें भूमिका थी. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सुमित सक्सेना की रिपोर्ट.

AP seeks urgent Hearing
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके एक दिन बाद अब राज्य ने फाइबरनेट घोटाला मामले में नायडू की अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

पिछले साल अक्टूबर में नायडू ने फाइबरनेट घोटाला मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए एक पत्र भेजा है. राज्य ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए 31 जनवरी को लिस्टिंग करने का अनुरोध किया है.

राज्य के जवाबी हलफनामे में कहा गया, 'उपरोक्त घोटाले की जांच और विभिन्न गवाहों की जांच के बाद, याचिकाकर्ता द्वारा निभाई गई भूमिका का पता चला. इसमें टेरा को अवैध तरीके से टेंडर देने की सुविधा देने और इसके लिए विभिन्न अधिकारियों को अनुचित तरीके से प्रभावित करने से लेकर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का लाभार्थी बनने तक का मामला सामने आया था.'

इसमें कहा गया है कि 'कम से कम 3 गवाहों ने बयान दिए हैं जिनमें यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि नायडू ने घोटाले को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.' राज्य ने उल्लेख किया कि मामला 17 जनवरी को एक विशेष पीठ के समक्ष आना था, लेकिन वह एकत्रित नहीं हुई.

राज्य सरकार द्वारा शीर्ष अदालत को आश्वासन दिए जाने के बाद नायडू को फिलहाल फाइबरनेट मामले में गिरफ्तारी से बचाया गया है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि मामला अदालत में लंबित है.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हाई कोर्ट के 10 जनवरी, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य की राजधानी में इनर रिंग रोड की योजना बनाने में घोटाले के संबंध में 2022 में दर्ज एफआईआर के संबंध में नायडू को अग्रिम जमानत दी गई थी.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, 'हमारा ध्यान 7 नवंबर, 2022 के एक आदेश की ओर आकर्षित किया गया है, जो 2022 की एफआईआर में सह-अभियुक्तों के मामले में एक अपील में पारित किया गया था. उपरोक्त स्थिति को देखते हुए हम वर्तमान विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में नोटिस जारी करने के इच्छुक नहीं हैं और उसे खारिज कर दिया गया है.

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