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कभी अनंत सिंह ने कहा था 'ललन सिंह हार गए तो अयोध्या जाकर सन्यास ले लूंगा', सवाल- बाहर आकर एक बार फिर झंडा उठाते दिखेंगे 'छोटे सरकार'? - Anant Singh For Lalan Singh

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 4, 2024, 6:57 PM IST

Anant Singh For Lalan Singh: लोकसभा चुनाव 2014 में पूरी ताकत के बावजूद अनंत सिंह ललन सिंह को मुंगेर लोकसभा सीट से जीत नहीं दिला पाए थे. अपने बयान के मुताबिक उन्होंने अयोध्या जाकर सन्यास भी नहीं लिया था. एक बार फिर अनंत सिंह ललन सिंह के लिए झंडा उठाते नजर आएंगे. बहुत जल्द जेल में बंद अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आ सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

मुंगेर लोकसभा सीट
मुंगेर लोकसभा सीट (मुंगेर लोकसभा सीट)

पटनाः बिहार की राजनीति में बाहुबली की एंट्री कोई नई बात नहीं है. लोकसभा चुनाव में कई बाहुबली जेल से आने के बाद चुनावी मैदान में हैं. खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन अपनी पत्नी के लिए खूब प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इसी बीच छोटे सरकार नाम से मशहूर अनंत सिंह के भी जेल से बाहर आने की चर्चा तेज हो गई है. बहुत जल्द अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आ सकते हैं. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है.

2014 में ललन सिंह के लिए किया था प्रचारः एक बार फिर अनंत सिंह ललन सिंह के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2014 में भी अनंत सिंह ने ललन सिंह के लिए मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार किया था. उन्होंने मीडिया को दिए बयान में ललन सिंह के जीत का दावा किया था. कहा था कि अगर ललन सिंह हार गए तो वे अयोध्या जाकर राजनीति से सन्यास ले लेंगे.

ललन सिंह को मिली थी हारः लोकसभा चुनाव 2014 का रिजल्ट आने के बाद ललन सिंह को वीणा देवी (लोजपा) ने हरा दी थी. 2014 के चुनाव में वीणा देवी को 352911 वोट मिले थे जबकि ललन सिंह को 2 लाख 43827 वोट मिले थे. वीणा देवी ने ललन सिंह को 110000 से अधिक मतों से हराया था. ललन सिंह की तो हार हो गई लेकिन अनंत सिंह अपने बयान से मुकर गए. हालांकि 2015 में उन्होंने जदयू छोड़ दिया था और निर्दलीय मोकामा से विधायक बने थे.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

बीमार होने के बहाने आ सकते हैं बाहरः कुछ दिन पहले खबर आयी थी कि आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद अनंत सिंह बीमार हैं. उन्हें पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था. इसी बीच खबर यह भी है कि अनंत सिंह को पैरोल पर बाहर निकालने जाने की तैयारी की जा रही है. अनंत सिंह एक बार फिर ललन सिंह के लिए प्रचार-प्रसार करते नजर आएंगे.

ललन सिंह के लिए अशोक महतो चुनौतीः मुंगेर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग है. एनडीए से जदयू प्रत्याशी ललन सिंह का सामना महागठबंधन की राजद प्रत्याशी अनिता कुमारी से है. अनिता देवी हाल में जेल से बाहर आए बाहुबली अशोक महतो की पत्नी है. अशोक महतो ने हाल में ही अनिता कुमारी से शादी करने के बाद राजद से टिकट दिलवाया. अशोक महतो अपनी पत्नी के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं.

इसलिए अनंत सिंह को बाहर लाना जरूरीः लालू प्रसाद यादव ने अति पिछड़ा कार्ड खेला है. अशोक महतो के बाहुबली छवि का भी फायदा राजद को मिलेगा. कहीं न कहीं एनडीए के लिए यह खतरे की घंटी साबित हो सकती है. इसी को देखते हुए अब एनडीए अनंत सिंह को जेल से बाहर लाने की तैयारी में है. अनंत सिंह के बहाने एनडीए मुंगेर के मतदाता को रिझाने की कोशिश करेगा. यानि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में दो बाहुबली प्रचार प्रसार की कमान संभाले नजर आने वाले हैं.

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ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

पहली बार 2005 में विधायक बने थे अनंत सिंहः बता दें कि अनंत सिंह 2005 में पहली बार मोकामा जदयू के टिकट पर विधायक बने थे. 2005 से 2020 तक लगातार चार बार विधायक रहे. एक बार 2015 में उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव जीत गए थे. 2020 में जदयू के टिकट से विधायक बने लेकिन आर्म्स एक्ट में 10 साल की सजा होने के बाद इनकी राजनीतिक करियर पर विराम लग गया. वर्तमान में अनंत सिंह पत्नी नीलम देवी मोकामा से विधायक है.

ललन सिंह ने भी किया था प्रचारः नीलम देवी नीलम देवी राजद से विधायक है लेकिन महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद एनडीए के पक्ष में वोट की थी. बता दें कि नीलम देवी 2019 में मुंगेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर ललन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ी थी. लेकिन ललन सिंह को यहां से जीत मिली थी. इसके बाद नीलम देवी ने राजद की टिकट पर मोकामा विधानसभा से उपचुनाव लड़ी थी. महागठबंधन की सरकार होने के नाते ललन सिंह ने नीलम देवी के लिए प्रचार किया था. नीलम देवी की जीत हुई थी.

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ललन सिंह को कितना फायदा? अनंत सिंह के बाहर आने से ललन सिंह को कितना फायदा होगा इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार ने बात की. डॉ संजय कुमार ने बताया कि ललन सिंह और अनंत सिंह में गहरे रिश्ते हैं. दोनों एक दूसरे को राजनीति में मदद करते रहते हैं. कहीं न कहीं ललन सिंह के लिए चुनौती को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है. यानि अनंत सिंह ललन सिंह के लिए संकटमोचन की भूमिका निभा सकते हैं.

"ललन सिंह के लिए लालू प्रसाद यादव ने जातिगत आधार पर उम्मीदवार देकर मुश्किल खड़ी कर दी है. बाहुबली नेता अनंत सिंह ललन सिंह के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं. उनकी जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता. लोकसभा चुनाव के दौरान कई बार अनंत सिंह ने ललन सिंह के लिए संकटमोचन की भूमिका निभाई है." -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

अनंत सिंह का आपराधिक इतिहासः बाहुबली अनंत सिंह का शुरू से आपराधिक इतिहास रहा है. कई मामलों में उनके नाम जुड़ चुके हैं. खुद अपने शपथ पत्र में अनंत सिंह ने बताया था कि 1979 में पहली बार हत्या के मामले में आरोपी बने थे. उनके खिलाफ हत्या का पहला केस पटना के बाढ़ थाने में दर्ज हुआ था. अबतक का उनका आपराधिक रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उनके खिलाफ कुल 38 मामले दर्ज हैं. बाहुबली विधायक अनंत सिंह 28 करोड़ के मालिक हैं.

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