ETV Bharat / bharat

एडीआर ने मतदाता आंकड़ों के तत्काल प्रकाशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका - ADR moves Supreme court

author img

By Sumit Saxena

Published : May 10, 2024, 4:06 PM IST

Updated : May 10, 2024, 4:21 PM IST

ADR moves Supreme Court: वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से यह याचिका दायर की गई है. आवेदन में कहा गया है कि, चुनाव आयोग के 30 अप्रैल 2024 के प्रेस नोट में असामान्य रूप से उच्च संशोधन (5 फीसदी से अधिक) और अनुपस्थिति के साथ अंतिम मतदाता डेटा जारी करने में अत्यधिक देरी हुई.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (IANS)

नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मतदाता आंकड़ों के तत्काल प्रकाशन के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है. एडीआर की याचिका में मांग की गई है कि, शीर्ष न्यायालय चुनाव आयोग को यह निर्देश दे कि वह अपनी वेबसाइट पर सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17C पार्ट-1 (रिकॉर्ड किए गए वोटों का हिसाब) की स्कैन की गई लेजिबल कॉपी (सुपाठ्य प्रतियों) का प्रकाशन मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर करे. जिसमें डाले गए वोटों के प्रमाणित आंकड़े शामिल हों.

दायर याचिका में कहा गया है कि, पूर्ण संख्या में अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के आंकड़ों ने उक्त डेटा की शुद्धता के विषय में चिंताएं और सार्वजनिक संदेह बढ़ा दिया है. आवेदनों में कहा गया है कि 30 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित डेटा, 19 अप्रैल और 26 अप्रैल के प्रारंभिक डेटा के साथ तुलना की जाती है, तो लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई देती है. 'ईसीआई द्वारा डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या जारी नहीं करने के साथ-साथ डाले गए वोटों के आंकड़े जारी करने में अनुचित देरी के कारण मतदाताओं के मन में प्रारंभिक डेटा और 30 अप्रैल को जारी किए गए डेटा के बीच तेज वृद्धि के बारे में आशंकाएं पैदा हो गई हैं.' आवेदन में कहा गया है, इसका समाधान किया जाए.

आवेदन में कहा गया है कि डेटा की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के अनुसार मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को पूर्ण संख्या और प्रतिशत के रूप में सारणीबद्ध किया जाना चाहिए.

आवेदन में इस बात पर जोर दिया गया है कि मतदाता मतदान डेटा की पूर्ण संख्या के बिना, आम जनता परिणामों में घोषित वोटों की गिनती के साथ डाले गए वोटों की संख्या की तुलना नहीं कर सकती है. जब तक सटीक आंकड़े सार्वजनिक डोमेन में नहीं लाए जाते, तब तक मतदाता के लिए प्रतिशत आंकड़े अर्थहीन हैं. आवेदन में ईसीआई को मौजूदा 2024 लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17 सी भाग- I में दर्ज वोटों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार डेटा प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आग की वजह से एक फीसदी से भी कम वन्यजीव प्रभावित

Last Updated : May 10, 2024, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.