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हेली सेवा से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन शुरू, पहले दिन 16 यात्रियों ने करीब से निहारा पवित्र स्थल - Adi Kailash And Om Parvat Darshan

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 1, 2024, 6:19 PM IST

Updated : Apr 1, 2024, 9:29 PM IST

Adi Kailash And Om Parvat Darshan By Helicopter in Uttarakhand उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भगवान शिव का वास स्थल माने जाने वाले आदि कैलाश और ओम पर्वत का दर्शन करना अब आसान हो गया है. आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन अब हेलीकॉप्टर से कर सकेंगे. जिसकी शुरुआत आज से हो गई है. पहले विभिन्न राज्यों के 16 यात्रियों ने पवित्र स्थल को करीब से निहारा. जिसे देख सभी अभिभूत हो गए.

Adi Kailash And Om Parvat Darshan
आदि कैलाश और ओम पर्वत का दर्शन

हेली सेवा से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन शुरू

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): भारत चीन सीमा पर स्थित पवित्र स्थल आदि कैलाश और ओम पर्वत का दर्शन करना आसान हो गया है. जी हां, अब हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले गुजरात, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, दिल्ली और हरियाणा से 16 यात्रियों ने आदि कैलाश व ओम पर्वत के दर्शन किए. जिसके 9 पुरुष और 7 महिलाएं साक्षी बनीं. वहीं, आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर यात्री गदगद नजर आए.

Om Parvat
ओम पर्वत

दरअसल, पिथौरागढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से रुद्राक्ष एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, ट्रिप टू टेंपल और कुमाऊं मंडल विकास निगम के सहयोग से एक दिवसीय हेली दर्शन यात्रा करवाई जा रही है. जिसका आगाज आज यानी 1 अप्रैल से शुरू हो गई है. पहले दिन भारत के विभिन्न राज्यों जिसमें गुजरात, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, दिल्ली और हरियाणा के 16 यात्रियों ने पिथौरागढ़ से हेलीकॉप्टर के जरिए आदि कैलाश और ॐ यानी ओम पर्वत को करीब से निहारा.

भक्तिमय नजर आया नैनी सैनी एयरपोर्ट परिसर: वहीं, आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट पहुंचे यात्री काफी गदगद नजर आए. जहां यात्रियों में गजब की शिव भक्ति देखने को मिली. पूरा एयरपोर्ट परिसर बम-बम भोले की जयकारों से गूंज उठा. यात्रियों ने जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और एयर अथॉरिटी की भी सराहना की.

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पिथौरागढ़ का सीमांत क्षेत्र

यात्रियों का कहना था कि उन्होंने आदि कैलाश और ओम पर्वत के करीब से दर्शन किए. अब वो अपने शहर के लोगों को भगवान शंकर के निवास स्थान आदि कैलाश और ओम पर्वत के बारे में बताएंगे. साथ ही कहा कि निश्चित रूप से आने वाले समय में उत्तराखंड में पर्यटन बढ़ेगा.

पिथौरागढ़ जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि निकट भविष्य में धार्मिक पर्यटन बढ़ाने की काफी ज्यादा संभावना है. इस योजना के अंतर्गत स्थानीय होम स्टे संचालकों को जोड़ा जाएगा. जिससे स्थानीय स्तर पर पलायन रुकेगा और लोगों को स्वरोजगार मिलेगा. जिसका लाभ सभी पंजीकृत स्थानीय होम स्टे स्वामियों को मिलेगा. यात्रियों को रात्रि विश्राम भी स्थानीय होम स्टे में कराया जाएगा.

अब 5 दिन की होगी यात्रा: कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि अगला बैच 3 अप्रैल को आदि कैलाश और ओम पर्वत जाएगा. इसके बाद आगामी 15 अप्रैल से 10 मई के बीच आदि कैलाश व ओम पर्वत की 5 दिन एवं 4 रात्रि की यात्रा कराई जाएगी. जिसके तहत पहले दिन दिल्ली से पिथौरागढ़ की यात्रा सड़क मार्ग से होगी. दूसरे दिन पिथौरागढ़ से गुंजी तर हेली सेवा से यात्रियों को पहुंचाया जाएगा.

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आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर वापस लौटे यात्री

तीसरे दिन हेलीकॉप्टर से ही गुंजी ज्योंलिंगकांग तक की यात्रा करवाई जाएगी. इसके अलावा एटीवी यानी ऑल टेरेन वाहन के जरिए पार्वती सरोवर, शिव पार्वती मंदिर और आदि कैलाश के दर्शन करवाया जाएगा. जिसके बाद यात्रियों को हेलीकॉप्टर से गुंजी वापस लाया जाएगा.

वहीं, चौथे दिन गुंजी से हेलीकॉप्टर से नाभीढांग ले जाया जाएगा. जहां यात्रियों से ओम पर्वत के दर्शन करवाए जाएंगे. इसके बाद नाभी, गुंजी, नपल्व्यू में रात्रि विश्राम करवाया जाएगा. इसके बाद पांचवें दिन यानी आखिरी दिन यात्रियों को हेली सेवा के जरिए गुंजी से पिथौरागढ़ लाया जाएगा. वहीं, इसकी बुकिंग कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से की जा रही है.

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हेली सेवा से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन

इन यात्रियों ने किए आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन: पहले दिन संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष कुमार मिश्रा, व्यासदेव राणा, जनकृत आचार्य, आचार्य एकता, यवन मेहता, भावनाबेन मेहता, रमाबेन रावल, जिगनेषा रावल, आनंद गोखले, अपूर्व गोखले, अपर्णा गोखले ने आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन किए. बता दें कि बीते 5 सालों से कैलाश मानसरोवर की यात्रा बंद पड़ी हुई है. ऐसे में यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर आ रहे हैं.

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Last Updated : Apr 1, 2024, 9:29 PM IST
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