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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए विशालाक्षी के पास बनेगा नया रास्ता, प्रसाद का होगा वितरण

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 6:33 AM IST

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वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105वीं बैठक (Kashi Vishwanath Temple Trust Meeting) कमिश्नरी सभागार में हुई. इसमें कई मुद्दों पर सहमति बनी. भक्तों की सुविधा के लिए कई अहम निर्णय लिए गए.

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद की बैठक गुरुवार को हुई. इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली आय और व्यय पर मंथन हुआ. सचिव, सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने बैठक का विवरण समिति के सदस्यों के सामने प्रस्तुत किया. धाम में दर्शनार्थियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई. विशालाक्षी मंदिर तक दर्शनार्थियों के लिए सुगम रास्ता बनाए जाने पर सहमति बनी. प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने का निर्णय लिया गया.

बैठक में सड़कों के चौड़ीकरण और पार्किंग को भी लेकर चर्चा हुई. अध्यक्षता कर रहे कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि बोर्ड द्वारा सारे प्रस्ताव बनाकर धर्मार्थ कार्य लखनऊ को भेजा जाए, ताकि इन कार्यों के लिए शासन से सहमति प्रदान कर कार्य आरंभ कराया जा सके. बैठक में उपस्थित पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने मंदिर, धाम के आसपास अन्य गालियों में सीसीटीवी कैमरे को भी लगाकर गलियों और आसपास के मंदिरों की भी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने का प्रस्ताव रखा. इस पर बोर्ड ने सहमति प्रदान करते हुए इसकी फिजिबिलिटी चेक करने की बात कही गई.

बच्चों को निशुल्क पुस्तक और ड्रेस देने का प्रस्ताव पास : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105 वीं बैठक गुरुवार को कमिश्नरी सभागार में हुई. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की शुरुआत मंदिर के ट्रस्टी वेंकट रमन घनपाठी जी द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ हुई. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा की ओर से पिछली बैठक में लिए गए निर्णय और आगामी सत्र की बजट को लेकर चर्चा की गई. इस पर न्यास ने सहमति दी. बैठक में कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने संस्कृत विद्यालयों के कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के सभी बच्चों को निशुल्क पुस्तक और ड्रेस देने का प्रस्ताव रखा. इस पर न्यास ने कार्य की सराहना करते हुए तत्काल अनुमोदन और अगले एक दो माह में ही पालन करने पर सहमति व्यक्त की. मुख्य कार्यपालक ने संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी एक-एक सेट पुस्तकों की उपलब्ध कराने की बात कही. इस पर न्यास अध्यक्ष द्वारा सहमति प्रदान की गई. बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा सभी विद्यालयों में वाद्य यंत्र भी देने की बात की गई, जिस पर सहमति प्रदान की गई.

बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी.
बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी.

शहर में कई जगहों पर होगा प्रसाद वितरण : काशी विश्वनाथ मंदिर पहली बार संस्कृत प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. इसमें अंतर विद्यालय सहित सभी स्तर पर प्रतियोगिता होनी है. इसमें सैकड़ों छात्र प्रतिभाग करेंगे. काशी में मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ की आशीर्वाद से कोई भूखा नहीं सोता है. इस तर्ज पर ही शहर के स्टेशन, बस अड्डे और घाटों पर रहने वाले लोगों को प्रतिदिन बाबा का प्रसाद बनाकर वितरण करने का भी प्रस्ताव न्यास में रखा गया. इस पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि मंदिर के अन्नक्षेत्र में प्रसाद तैयार कर मंदिर के ही वाहनों से पैकेजिंग करने के बाद दोपहर में यह प्रसाद शहर के कुछ जगहों पर वितरण किया जाएगा. आगे जहां जैसी जरूरत पड़ेगी उन जगहों पर भी यह प्रसाद का पैकेट प्रतिदिन लोगों को निशुल्क रूप से कराया जा सकेगा. इस पर भी न्यास ने सहमति प्रदान की गई.

प्रसाद की एक अलग रेसिपी पर भी हुई चर्चा : न्यास की बैठक में भूमि और भवन के उपयोग के लिए एक आर्किटेक्ट कंपनी को इन पैनलमेंट करने पर भी चर्चा की गई. आगामी भविष्य में बढ़ती दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए उनकी सुविधाओं में इजाफा करने का भी निर्णय हुआ. इसमें भूमि भवन का क्रय कर सड़कों की चौड़ीकरण, पार्किंग आदि पर भी चर्चा की गई. बैठक में चार दशक बाद पुजारी सेवा नियमावली को लेकर भी चर्चा हुई. इसे न्यास परिषद ने सर्वसम्मत से सहमति प्रदान की गई. न्यास के सदस्य और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल ने संस्कृत विश्वविद्यालय की महत्व को बताते हुए न्यास परिषद को विश्वविद्यालय के कार्यों में सहयोग करने की बात कही. न्यास परिषद के अध्यक्ष ने भवन के मरम्मत और उनके रख-रखाव को लेकर एक करोड़ रुपए तक का बजट न्यास परिषद की ओर से देने की सहमति प्रदान की गई. तिरुपति बालाजी और महाकाल की तर्ज पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी प्रसाद की एक अलग रेसिपी तैयार करने की चर्चा हुई. इस पर धार्मिकता को देखते हुए प्रसाद तैयार करने को लेकर सहमति प्रदान की गई.

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