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AASU के 30 अन्य समूह असम में CAA विरोधी प्रदर्शन शुरू करेंगे

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 1, 2024, 11:43 AM IST

AASU Launch Anti CAA Protests
बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 आदिवासी संगठनों के नेता.

AASU Launch Anti CAA Protests : राज्य, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और 30 अन्य समूहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 9 मार्च को सभी जिलों में 12 घंटे की भूख हड़ताल सहित कई आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की.

गुवाहाटी : ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 आदिवासी संगठनों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ नए सिरे से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है. गुरुवार को गुवाहाटी में AASU और 30 आदिवासी संगठनों की बैठक हुई. बैठक में कई फैसले लिए गए. बैठक के अंत में AASU के मुख्य सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य, अध्यक्ष उत्पल शर्मा और महासचिव शंकरज्योति बरुआ सहित 30 आदिवासी संगठनों के नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

इस दौरान एएएसयू और 30 आदिवासी संगठनों ने राज्य में सीएए के कार्यान्वयन के खिलाफ कई आंदोलनों की घोषणा की. सीएए लागू होने के खिलाफ 4 मार्च को राज्य भर में बाइक रैलियां आयोजित की जाएंगी. ये बाइक रैलियां हर जिले में आयोजित की जाएंगी. इसी तरह जिस दिन नियम लागू होंगे उस दिन 'सीएए' नियमों की प्रतियां जलाई जाएंगी. वहीं, सीएए नियम लागू होने के अगले दिन जिला मुख्यालय पर मशाल रैली निकाली जाएगी.

आठ मार्च को प्रधानमंत्री के असम दौरे को ध्यान में रखते हुए विरोधी आंदोलन के पांच शहीदों की छवि के सामने औपचारिक रूप से दीपक चला कर उन्हें याद करेगा. इसके अलावा 9 मार्च को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे की भूख हड़ताल भी की जाएगी. वहीं, राज्य भर के हर जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह किया जाएगा. इसके बाद के कार्यक्रम की घोषणा बाद में AASU और 30 आदिवासी संगठनों की ओर से की जाएगी.

AASU Launch Anti CAA Protests
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 आदिवासी संगठनों ने की बैठक.

आंदोलन के एजेंडे की घोषणा करते हुए AASU के मुख्य सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार असम के प्रति अन्याय कर रही है जिसे किसी भी कारण से स्वीकार नहीं किया जाएगा. सरकार के खिलाफ संघर्ष चलता रहेगा. सीएए के खिलाफ असम और पूर्वोत्तर में अहिंसक आंदोलन और कानूनी लड़ाई जारी है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को फिर से चेतावनी दी कि वे असम के मूल लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें.

भट्टाचार्य ने कहा कि हमने सीएए को स्वीकार नहीं किया है और हम इसका पालन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अवैध बांग्लादेशियों के संरक्षक, असंवैधानिक, सांप्रदायिक, मूलनिवासी विरोधी, असम समझौते का उल्लंघन करने वाले 'सीएए' के खिलाफ आंदोलन पहले भी था और आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि छात्रों के शैक्षणिक जीवन को प्रभावित किए बिना आंदोलन जारी रहेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान AASU और 30 आदिवासी संगठनों ने स्पष्ट किया कि वे समान विचारधारा वाले संगठनों के परामर्श से एकजुट होकर इस अहिंसक संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। एएएसयू के अध्यक्ष उत्पल सरमा और महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने कहा कि इस असम विरोधी और असमिया विरोधी कानून को किसी भी कारण से स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया कि असम किसी भी हालत में विदेशियों का बोझ नहीं उठाएगा.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 मार्च से असम की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे. इस दौरान वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी करेंगे. वह 17वीं सदी के अहोम सेना कमांडर लाचित बोरफुकन की 125 फुट की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. वह शिवसागर मेडिकल कॉलेज और 5.5 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) घरों की क्रमश: आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे किया.

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैन, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है.

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