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Bhagat Singh Koshyari: भगत दा बोले- चलो गांव की ओर, कहा- मैं खुद गांव नहीं जाऊंगा तो कितने लोग वापस लौटेंगे?

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Published : Mar 5, 2023, 10:08 AM IST

उत्तराखंड में पलायन की वजह आज कई गांव भूतहा यानी खाली हो गए हैं. महाराष्ट्र से लौटे भगत सिंह कोश्यारी ने भी पलायन पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि हमें 'चलो गांव की ओर' के संदेश के साथ रिवर्स पलायन पर काम करना होगा. अगर वो खुद ही नहीं जाएंगे तो कितने लोग गांव लौटेंगे? ऐसे में अब वो उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे.

Bhagat Singh Koshyari
भगत सिंह कोश्यारी ने भी पलायन पर चिंता जताई

पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बयान

खटीमाःमहाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड लौटने के बाद पहली बार खटीमा दौरे पर पहुंचे. जहां लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर उत्तराखंड और रिवर्स पलायन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर मैं खुद गांव न जाकर भाषण ही देता रहूं तो कितने लोग गांव जाएंगे? ऐसे में अब वो रिवर्स पलायन पर काम करेंगे. ताकि, पलायन पर रोक लगे सके और गांव फिर से आबाद हो सके.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोग अक्सर बड़ा पद मिलने पर ही किसी का स्वागत अभिनंदन करते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड पहुंचने पर उनका जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है. जो प्यार उन्हें जनता को मिल रहा है, उससे वो अभिभूत हैं. कोश्यारी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से राज्यपाल का पद छोड़ने की बात कही थी. ऐसे में उनके जीवन के जो दिन बचे, वो उसे उत्तराखंड को समर्पित करना चाहते हैं. उत्तराखंड को सिर्फ राजनीति नहीं अन्य माध्यम से भी आगे बढ़ाया जा सकता है. इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब बाकी का जीवन उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने और पलायन समेत विभिन्न सामाजिक क्षेत्र में काम करेंगे.
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चलो गांव की ओर: भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के लिए बेहतर काम कर रहे हैं. अब वो भी महाराष्ट्र से उत्तराखंड आ गए हैं. उन्होंने कहा कि अब रिवर्स पलायन करना है. 'चलो गांव की ओर' पर जोर देना है. उत्तराखंड में फल उत्पादन, फूलों की खेती आदि से पलायन को रोका जा सकता है. लिहाजा, वो पलायन रोकथाम समेत अन्य माध्यम से उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. वहीं, खटीमा में बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कोश्यारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के घर पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री की माताजी को शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया. जिसके बाद वे चंपावत के लिए रवाना हुए.

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