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नरेंद्रनगर राजमहल में सुहागिन महिलाओं ने पिरोया तिल का तेल, भगवान बदरी विशाल का होगा लेप

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Published : Apr 12, 2023, 2:26 PM IST

Updated : Apr 13, 2023, 1:23 PM IST

टिहरी जिले के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में तिल से तेल निकालने की प्रक्रिया संपन्न हुई. राजपरिवार और डिमरी समाज की सुहागिन महिलाओं ने अपने हाथों से तेल को निकाला. सुहागिन महिलाओं के हाथों से पिरोये तेल से भगवान बदरी विशाल का लेप किया जाता है. साथ ही अखंड ज्योति भी जलाई जाती है.

Married Women Extracted Sesame Oil
तिल का तेल निकालने की परंपरा

नरेंद्रनगर राजमहल में सुहागिनों ने पिरोया तेल.

टिहरी/ऋषिकेशःविश्व प्रसिद्धभगवान बदरी विशाल के लेप और अखंड ज्योति के लिए तिल का तेल निकाल लिया गया है. यह परंपरा काफी पुरानी है, जिसे आज भी निभाया जा रहा है. इस बार भी गाडू घड़ा कलश यात्रा और तेल पिरोने को लेकर नरेंद्रनगर के राजमहल को दुल्हन की तरह सजाया गया. राजमहल में सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक पीले वस्त्र धारण कर भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए मूसल और सिलबट्टे से तिलों का तेल पिरोया.

तिल का तेल निकालने की है पुरानी परंपरा.

बता दें कि भगवान बदरी विशाल के लेप और अखंड ज्योति जलाने के लिए उपयोग होने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में महारानी की अगुवाई में बड़ी ही पवित्रता से राजपरिवार और डिमरी समाज की सुहागिन महिलाओं के हाथों से निकाला जाता है. ये तेल बिना किसी मशीन के पिरोये जाता है. तेल को परंपरागत तरीके कोल्हू और हाथों से ही निकाला जाता है. तेल निकालने की यह परंपरा काफी पुरानी है. इसे ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया की शुरुआत माना जाता है.

भगवान बदरीनाथ के लेप और अखंड ज्योति के लिए इस्तेमाल होता है ये तिल का तेल.
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तिलों का यह तेल भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए प्रयोग किया जाता है. गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा और भगवान बदरी विशाल के कपाट खोलने की तिथि बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाराजा की जन्म कुंडली व ग्रह नक्षत्रों की गणना करके राजपुरोहित की ओर से निकाली गई थी. इस बार भगवान बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आगामी 27 अप्रैल को सुबह 7:10 बजे खोल दिए जाएंगे.

तिल को पीसकर निकाला जाता है तेल.

क्या होता है गाडू घड़ाःतिल से तेल निकालने के बाद इसे गाडू घड़ा में डाला जाता है. जिसके बाद यह गाडू घड़ा कलश यात्रा विभिन्न कस्बों और मार्गों से होकर बदरीनाथ धाम पहुंचती है. जहां बदरी विशाल का लेप किया जाता है. साथ ही अखंड ज्योति में इसका इस्तेमाल किया जाता है.

Last Updated : Apr 13, 2023, 1:23 PM IST

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