रुद्रप्रयागः चार दिन की यात्रा में 61 हजार से ज्यादा यात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. इसके साथ चार धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बार केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह का नजारा कुछ और ही देखने को मिल रहा है. पिछली बार जहां एक भक्त के प्रयासों से मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित किया गया था तो वहीं इस बार मंदिर के गर्भगृह में एक भक्त ने सोने का छत्र एवं जलधारा को चढ़ाया है.
गौर हो कि बीती 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट खोल दिए गए थे. पहले दिन जहां 18 हजार भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए तो दूसरे दिन 13,492 और तीसरे दिन 13,065 भक्त केदारनाथ धाम की यात्रा पर पहुंचे. वहीं, चौथे दिन 16,428 भक्तों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. अभी तक 61,320 हजार भक्त बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. फिलहाल, केदारनाथ धाम में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है.
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सोने का छत्र नजर आ रहा है खासःइस बार केदार का गर्भगृह भी बदला नजर आ रहा है. सोने का छत्र चढ़ने के बाद गर्भगृह की भव्यता बढ़ गई है. पिछले यात्रा सीजन में एक भक्त की ओर से मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया गया था. अब बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के ठीक ऊपर चांदी की जगह सोने का छत्र लगा दिया गया है. उधर, बाबा केदार के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग रही है. ठंड और बारिश के बीच काफी संख्या में भक्त केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं.
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ये है केदारनाथ के लिए डंडी कंडी का किरायाःवहींं, दूसरी ओर इस यात्रा सीजन के लिए जिला पंचायत ने कंडी डंडी की नई दरें तय कर दी है. गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए डंडी कंडी से 90 किलो वजन तक 8000 रुपए और वापसी का 7400 रुपए किराया है. जबकि 75 किलो वजन में एक ही दिन में गौरीकुंड से केदारनाथ व फिर वापस गौरीकुंड के लिए 10,400 रुपए किराया है. 90 किलो तक के लिए 11,400 और 90 किलो से ज्यादा वजन के लिए 13,100 रुपए किराया तय किया गया है. इसके अलावा कंडी से यात्रा करने पर गौरीकुंड से केदारनाथ व उसी दिन वापसी पर 25 किलो वजन के 4,900 रुपए, 50 किलो वजन के 8,800 रुपए तय किए गए हैं.
डंडी और कंडी श्रमिकों के लिए यात्रा मार्ग पर संचालन के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया है. बिना लाइसेंस और पंजीकरण के यात्रा मार्ग पर अगर कंडी डंडी का संचालन पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. - प्रेम सिंह रावत, प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत