उत्तराखंड

uttarakhand

चोपता में इस साल की पहली बर्फबारी से दिलकश हुआ नजारा, देखें वीडियो

By

Published : Jan 6, 2022, 3:57 PM IST

Updated : Jan 6, 2022, 5:20 PM IST

मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में विश्व विख्यात चोपता दुगलबिट्टा में सीजन की तीसरी और इस साल की पहली बर्फबारी जमकर हुई है. वहीं केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी (kedarnath snowfall) का दौर जारी है. बारिश और बर्फबारी से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

rudraprayag
rudraprayag

रुद्रप्रयाग:मिनी स्विट्जरलैंड चोपता में जमकर बर्फबारी हुई है. चोपता के बुग्याल और पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गये हैं. चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग भी अत्यधिक बर्फबारी के कारण बंद हो गया है. चोपता दुगलबिट्टा में लगभग 2 फीट तक बर्फबारी हुई है. वहीं चोपता में सीजन की तीसरी और इस साल की पहली बर्फबारी चोपता में हुई है. वहीं केदारघाटी में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

वहीं बर्फबारी से चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग भी बंद हो गया है. बंद मार्ग को खोलने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि की मशीनें जुटी हुई हैं. स्थानीय निवासी आशीष नौटियाल ने बताया कि चोपता में इस साल की पहली बर्फबारी हुई है. बर्फबारी इतनी ज्यादा हुई है कि दुगबिट्टा से चोपता के बीच राजमार्ग बाधित हो गया है. हालांकि मार्ग को खोलने के लिए एनएच विभाग की मशीनें लगी हुई हैं.

चोपता में इस साल की पहली बर्फबारी से दिलकश हुआ नजारा.

वहीं केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी (kedarnath snowfall) व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हिमालयी क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी होने से मैदानी क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है. निचले क्षेत्रों में लगातार बारिश होने से ग्रामीण घरों में कैद रहने को विवश हो गये हैं. शहरी क्षेत्रों में जनमानस अलाव के सहारे दिन गुजार रहे हैं. आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमांत क्षेत्रों में भी बर्फबारी शुरू हो जायेगी.

केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में दो दिनों से हल्की बर्फबारी हो रही है. इससे केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, वासुकी ताल, मनणामाई तीर्थ, पाण्डव सेरा, नन्दी कुण्ड, विसुणीताल, राकसीडांडा सहित ऊंचाई वाले क्षेत्र बर्फबारी से लकदक हो गये हैं. हिमालयी क्षेत्रों सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस की जा रही है. बर्फबारी व बारिश होने से सीमांत गांवों के पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.

पढ़ें-बर्फबारी के बाद खिली धूप तो चांदी सा चमका चमोली, दो फीट तक जमी है बर्फ

पशुपालकों के सामने चारा पत्ती का संकट बना हुआ है. निचले क्षेत्रों में निरन्तर बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से ग्रामीण घरों में कैद होने के लिए विवश हो गये हैं. आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी तरह रहा तो त्रियुगीनारायण, गौरीकुंड, चैमासी, गौंडार, गड़गू, सारी, देवरियाल, मोहनखाल, कार्तिक स्वामी, घिमतोली सहित ऊंचाई वाले हिल स्टेशन व गांव बर्फबारी से लकदक होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

बुरुवा गांव के भेड़ पालक बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि मदमहेश्वर घाटी के निचले इलाकों में बारिश होने से पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. तल्ला नागपुर ग्वांस की काश्तकार उमा देवी ने बताया कि क्षेत्र में हो रही बारिश काश्तकारों की फसलों के लिए शुभ मानी जा रही है. मगर ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस की जा रही है. तोषी निवासी जगत सिंह रावत ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी होने से लोग घरों में कैद हो गये हैं.

राऊलैंक निवासी राकेश नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर धाम के यात्रा पड़ाव नानौ भी बर्फबारी से लकदक हो गया है. मोहनखाल के व्यापारी वासुदेव सिंह ने बताया कि राकसीडांडा तक बर्फबारी हो चुकी है और आने दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो मोहनखाल में भी बर्फबारी शुरू हा जायेगी.

Last Updated : Jan 6, 2022, 5:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details