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पौड़ी: हार्ट की बीमारी से पीड़ित थी चार साल की दिव्यांशी, डॉक्टरों ने सर्जरी कर बचाई जान

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Published : Mar 27, 2023, 5:41 PM IST

पौड़ी के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके तहत 0-18 साल तक के पंजीकृत बच्चों का नियमित तौर पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. एवं यदि किसी बच्चे को कोई बीमारी होती है तो उसका निशुल्क इलाज किया जाता है. इसी कार्यक्रम के तहत 4 वर्ष की बच्ची दिव्यांशी के दिल का सफल ऑपरेशन किया गया.

4 साल की दिव्यांशी के दिल की बिमारी का हुआ सफल ऑपरेशन
4 साल की दिव्यांशी के दिल की बिमारी का हुआ सफल ऑपरेशन

पौड़ी: स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम नैनीडांडा ब्लॉक निवासी धीरेंद्र सिंह की 4 साल की बेटी दिव्यांशी के लिए संजीवनी साबित हुआ. इस स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्र सतखोलू नैनीडांडा में पंजीकृत 4 साल की दिव्यांशी के दिल का सफल ऑपरेशन किया गया. जिसके दिल में छेद होने की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा की गई थी.

स्वास्थ्य परीक्षण में पता चला बिमारी के बारे में:दिव्यांशी की माता सुषमा देवी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र सतखोलू में 5 दिसम्बर 2022 को स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान बेटी की बीमारी का पता चला. चिकित्सकों ने बच्चे के दिल में छेद होना बताया. विभाग की टीम से डॉ आशीष उनियाल ने दिव्यांशी के परिजनों को कार्यक्रम के तहत बेटी के निशुल्क उपचार का आश्वासन दिया.

निशुल्क किया गया बच्ची का उपचार: विभाग द्वारा बच्ची को देहरादून आने जाने के लिए चार हजार रुपए भी दिए गए. उसके बाद परिजन अपनी बेटी को देहरादून कोरोनेशन चिकित्सालय लेकर गये, जहां चिकित्सकों द्वारा मैडिट्रिना हार्ट चिकित्सालय भेजा गया. स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम बेटी के ऑपरेशन होने तक लगातार संपर्क मे रही. जहां 17 मार्च को दिव्यांशी के दिल का सफल आपरेशन हुआ. परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम का धन्यवाद दिया.

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समय-समय पर किया जाता है बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण:अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश कुंवर ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहता है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम के तहत चिन्हित 30 गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों को समय पर चिकित्सा उपचार मिल सके. इसके लिए जिले में कार्यक्रम के तहत 15 टीमें कार्यरत हैं जो कि सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर शून्य से 18 साल तक के पंजीकृत बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करती हैं. कहा कि यदि कोई बच्चा जन्मजात किसी बीमारी से ग्रसित है तो अभिभावक चिकित्सालय स्टाफ, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी व नजदीकी चिकित्सालय से संपर्क कर कार्यक्रम के तहत उपचार के लिए संपर्क कर सकते हैं.

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