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रामनगर में साइकिल रैली से वन्यजीव सप्ताह का आगाज, दूसरी कक्षा की आराध्या बनी आकर्षण का केंद्र

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Published : Oct 1, 2022, 12:04 PM IST

वन्यजीव सप्ताह के पहले दिन रामनगर में कॉर्बेट प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए साइकिल रैली निकाली. साइकिल रैली में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली आराध्या ने भी प्रतिभाग किया. साइकिल रैली को विधायक और सीटीआर निदेशक ने हरी झंडी दिखाई.

Ramnagar
रामनगर

रामनगर:1 अक्टबर यानी आज से वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर साल की तरह इस साल भी वन्यजीव सप्ताह मनाया जा रहा है. कॉर्बेट प्रशासन ने साइकिल रैली से वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत की है. साइकिल रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करना है. सांवल्दे तक निकाली गई इस रैली को विधायक दीवान सिंह बिष्ट और सीटीआर निदेशक धीरज पांडे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

साइकिल रैली में आकर्षण का केंद्र दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली आराध्या रहीं. आराध्या कहती हैं कि वह वन और वन्य जीवों को बचाने के संदेश को लेकर इस रैली में प्रतिभाग कर रही हैं. इस मौके पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि ये कार्यक्रम 1 से 7 अक्टूबर तक चलेगा. पूरे सप्ताह कार्यक्रम चलना है. इसमें स्थानीय लोगों को वन्यजीओं के प्रति जागरूक बनाने का कार्य किया जाता है.

साइकिल रैली से वन्यजीव सप्ताह का आगाज

उन्होंने बताया कि साइकिल रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. पहले दिन सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर साइकिल रैली से वन्यजीव सप्ताह का आगाज हुआ. साइकिल रैली को क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्देशक धीरज पांडे द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
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वन्यजीवों के संरक्षण की भावना लोगों में जागृत करने के लिए वन्यजीव सप्ताह का आयोजन देश भर में हो रहा है. वनजीवों की विलुप्ति के कारण भारत में सर्वप्रथम 1952 को वन्य जीव सप्ताह पर विचार किया गया. साल 1972 में इंडियन वाइल्ड लाइफ बोर्ड का गठन हुआ. इसके बाद से ये कार्यक्रम लगातार आयोजित हो रहा है. आयोजन का मुख्य उद्देश्य वन्य जीव संरक्षण की भावना पैदा करना व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक करना है. वन्य जीवों के महत्व को समझने के लिए इसे एक अभियान के रूप में मनाया जाता है. पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों की प्रजातियों ने खत्म और नष्ट होने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ा तो मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा.

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