उत्तराखंड

uttarakhand

Uttarakhand Water Hero: 1 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए, 5 हजार तालों को किया जिंदा, अपने काम से महके 'चंदन'

By

Published : Jan 28, 2023, 9:33 AM IST

Updated : Jan 28, 2023, 11:04 AM IST

नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक में नाई गांव, चामा पंतोली निवासी चंदन सिंह नयाल पर्यावरण संरक्षण के लिए खास मुहिम चलाए हुए हैं. उनके पर्यावरण संरक्षण के जज्बे को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय उन्हें सम्मानित कर चुका है. चंदन गांव के आसपास के जंगलों को लगातार हरा-भरा करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

नैनीताल जिले में अपने काम से महके 'चंदन'

हल्द्वानी: कहते हैं कि हौसला बुलंद हो तो हर मंजिल तक पहुंचना आसान होता है. ऐसा ही कर दिखाया है नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक में नाई गांव, चामा पंतोली निवासी किसान और पर्यावरणविद चंदन सिंह नयाल ने. चंदन पिछले 10 सालों से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में जुटे हुए हैं. उनकी इस मुहिम में अब लोग भी साथ देने लगे हैं. इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद इंजीनियरिंग में करियर बनाने की जगह चंदन नयाल नें पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाया है. जल, जंगल को बचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने का मन बनाया है. उनके कार्य को देखते हुए उन्हें जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दो साल पहले वाटर हीरो सम्मान भी मिल चुका है.

चंदन ने जंगल को किया हरा-भरा:क्षेत्र में चंदन सिंह नयाल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. कोई उन्हें पर्यावरण पुत्र तो कोई वाटर हीरो करता है. चंदन बिना किसी सरकारी मदद के पहाड़ के जल जंगल को बचाने की मुहिम में पिछले 10 सालों से काम कर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि आज नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक की वीरान पहाड़िया हरी-भरी नजर आ रही हैं. चंदन नयाल और उनकी टीम ने अभी तक एक लाख 13 हजार से अधिक फलदार, छायादार और जंगली पौधे लगाए हैं. इसमे बांज के पेड़ सबसे अधिक हैं. चंदन ने खुद अपने हाथों से 53 हजार से अधिक पौध लगाकर पहाड़ को हरा-भरा करने का काम किया है. इसके अलावा अभी तक उनकी टीम 5 हजार से अधिक पोखर, चाल-खाल, तैयार कर चुकी है. इससे पहाड़ के जल स्रोत को पुनर्जीवित करने का काम किया है.
पढ़ें-13 साल की आस्था ने शुरू की पर्यावरण संरक्षण मुहिम, फ्री में दुकानदारों को बांट रही कागज के थैले

बचपन से रहा है प्रकृति प्रेम:पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल ने बताया कि पहाड़ को हरा-भरा बनाने के लिए उन्होंने मुहिम चलायी है. उनकी मुहिम में ग्रामीण भी साथ दे रहे हैं. जिसका नतीजा है कि आज बिना किसी सरकारी मदद के खुद अपनी नर्सरी में पौधे तैयार कर जंगलों में लगाने का काम कर रहे हैं. जिससे पहाड़ को और हरा-भरा किया जा सके. इसके अलावा टीम जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता अभियान भी चला रही है. जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर सकें. 29 वर्षीय चंदन बचपन से ही प्रकृति प्रेमी रहे. 2012 में बांज के पेड़ों की अहमियत समझी. सबसे पहले नाई गांव से सटे तीन हेक्टेयर जंगल में बांज के पौध रोपे और आज गांव से सटे 3 हेक्टेयर का जंगल पूरी तरह से हरा भरा है.
पढ़ें-ऋषिकेश: बीज बम अभियान से चलाई जा रही पर्यावरण संरक्षण की मुहिम

बिना सहायता के संवारा जंगल:चंदन नयाल ने बताया कि 2020 में कोरोना की शुरुआत के साथ उनकी टीम ने पर्वतीय क्षेत्र में चाल-खाल व छोटे-छोटे पोखर बनाने शुरू किये और गांव के युवाओं का पूरा सहयोग मिला. उसका नतीजा है कि पांच हजार चाल-खाल व छोटे-छोटे पोखर तैयार हो चुके हैं. 12 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र में तैयार जल संचय के इन संसाधनों में बरसात के दौरान पानी भर जाता है. जिससे गर्मियों में वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिए पानी मिलता है. चंदन सिंह नयाल सामाजिक कार्यों से भी जुड़े रहते हैं. इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद इंजीनियरिंग में करियर बनाने की जगह चंदन नयाल ने पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाया है. साथ ही उन्होंने अपना शरीर भी हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया है. जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दो साल पहले चंदन को वाटर हीरो सम्मान भी मिल चुका है.

Last Updated : Jan 28, 2023, 11:04 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details