हल्द्वानी:केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट(Union Minister of State for Defense Ajay Bhatt) आज हल्द्वानी पहुंचे. उन्होंने बताया वे सीधे कोचीन से यहां पहुंच रहे हैं.रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया आज सबसे बड़ा युद्धपोत आईएनएस विक्रांत(Largest warship INS Vikrant) देश को समर्पित किया गया है. उन्होंने कहा आज देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने बताया युद्धपोत आईएनएस विक्रांत 20 हजार करोड़ की लागत से बना देश का स्वदेशी समुंद्री युद्धपोत है.
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट(Union Minister of State for Defense Ajay Bhatt) ने बताया आईएनएस विक्रांत हर सुविधा से लैस है. अजय भट्ट ने कहा आईएनएस विक्रांत के भारतीय सेना में शामिल(Largest warship INS Vikrant inducted into Army) होने के बाद विश्व में भारत का दबदबा बढ़ा है. रक्षा के क्षेत्र में भारत अब अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी की सोच ने यह सब साकार किया है. अजय भट्ट ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह देश सशक्त और रक्षा के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बना है.
आईएनएस विक्रांत को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने बताया देश की ताकत पढे़ं- अब उतरेगा BJP नेता मेहताब का नशा, अफसर को दी थी ट्रांसफर की धमकी, मुकदमा दर्ज गौरतलब है कि भारतीय नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को आज सेना में शामिल किया गया है. कोचीन के शिपयार्ड में तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत का निर्माण 20 हजार करोड़ की लागत से हुआ है. इसके आज आधिकारिक रूप से सेना में शामिल होने के बाद नौसेना की ताकत दोगुनी हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस युद्धपोत को सेना को समर्पित(PM Modi dedicated INS Vikrant to the Army) किया.
INS VIKRANT को जानिए: 62 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा यह जहाज 28 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है. 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह जंबो जहाज 30-30 टन के 30 प्लेन लेकर चल सकता है. इस पोत पर 1700 से ज्यादा क्रू मेबर्स की क्षमता है. जिसमें महिला अधिकारियों के लिए स्पेशल केबिन भी शामिल हैं. भारतीय नौसेना के इस सूरमा को ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस किया गया है. भारत और चीन की नौसेना की तुलना हो सकती है लेकिन भारत की ताकत के आगे पाकिस्तान कहीं भी नहीं ठहरता. उसके पास एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है. भारत के पास 2 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. आईएनएस विक्रमादित्य, आईएनएस विक्रांत. चीन के दो कैरियर पहले से हैं.