रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में दो मजदूरों पर हमला कर मौत के घाट उतारने वाले बाघ की सैंपल रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है कि जिस बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया था, उसी बाघ ने दोनों की जान ली थी.
गौर हो कि बीती 12 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रसिद्ध ढिकाला जोन को खोलने से पहले झाड़ी कटान का काम किया जा रहा था. जहां नेपाली मूल के 22 वर्षीय श्रमिक शिवा पर बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. शिवा अपने 10 साथियों के साथ ढिकाला के मचान संख्या एक में झाड़ी कटान का काम कर रहा था. इसी बीच बाघ ने उस पर हमला कर दिया. घटना के बाद मौके पर मौजूद वन कर्मियों ने 2 से 3 राउंड हवाई फायर भी की, लेकिन तब तक बाघ उसे मार चुका था.
वहीं, बाघ ने 24 नवंबर को दोबारे कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में ही कैंपस के पास ही झाड़ी काट रहे नेपाली श्रमिक राम बहादुर (उम्र 58 वर्ष) पर हमला कर दिया था. जिसमें उसकी जान चली गई थी. राम बहादुर कॉर्बेट पार्क में करीब 35 सालों से संविदा पर मजदूरी का काम करता था. राम बहादुर भी नेपाली का मूल निवासी था.
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उधर, घटना के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर हमलावर बाघ को कुछ घंटों के बाद ही यानी 24 नवंबर को ही ट्रेंकुलाइज कर लिया गया था. पार्क के अधिकारियों की मौजूदगी में विभागीय पशु चिकित्सकों ने इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था. पकड़े गए बाघ की उम्र 2 वर्ष थी. वहीं, बाघ के डीएनए सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद CCMB Hyderabad (Centre for Cellular and Molecular Biology) भेजा गया था.
ताकि, 12 नवंबर और 24 नवंबर को जिन मजदूरों पर बाघ ने हमला किया था, उसका पता लगाया जा सके. कॉर्बेट नेशनल पार्क के उपनिदेशक दिगांत नायक ने बताया कि बाघ की सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है. इसी बाघ ने दोनों मजदूरों को हमला कर मौत के घाट उतारा था. उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि सैंपल से हो चुकी है.