हल्द्वानी:उत्तराखंड में उत्तरायणी पर्व का धूम है. जगह-जगह उत्तरायणी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जहां कुमाऊंनी और गढ़वाली संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है. लालकुआं में आयोजित तीन दिवसीय उत्तरायणी मेले के दूसरे दिन उत्तराखंड की जानी मानी लोक गायिका माया उपाध्याय ने अपने गीतों पर लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया. कड़ाके की ठंड के बीच भारी संख्या में महिलाएं और बच्चों ने गीतों का जमकर लुत्फ उठाया.
Haldwani Cultural Program: माया उपाध्याय के गीतों पर देर रात तक थिरके लोग, देखें जबरदस्त वीडियो
मकर संक्रांति पर हल्द्वानी लालाकुआं में सांस्कृतिक कार्यक्रम में देवभूमि की झलक देखने को मिली. कार्यक्रम में माया उपाध्याय के गानों पर दर्शक देर रात तक थिरकते रहे. इस मौके पर माया उपाध्याय ने उत्तराखंड की बोली-भाषा को बढ़ावा देने की बात कही.
कार्यक्रम में जहां महिलाओं ने झोड़ा-चाचरी पर पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए. लोक गायिका माया उपाध्याय ने कुमाऊंनी भक्ति गीतों से प्रस्तुति दी. जहां देर रात तक दर्शक माया उपाध्याय के गीतों पर झूमते नजर आए. ठंड होने के बाद भी लोगों की भारी भीड़ मौजूद रही. माया उपाध्याय ने 'आज का दिना तू होली घर पना, क्रीम पाउडर घसनी किले न, बैंठ बाना मेरी गाड़ी में, हाई काकड़ी झिलमा जैसे आदि गानों में लोग जमकर नाचे. माया उपाध्याय ने लोगों को उत्तरायणी और घुघुतिया का बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के सभी युवाओं को अपनी बोली नहीं भूलनी चाहिए वह गानों के जरिए उत्तराखंड की संस्कृति, यहां की परंपरा और यहां की भाषा को संरक्षित करके रखना चाहती हैं.
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माया उपाध्याय ने कहा कि जिस तरह पहाड़ के लोग अन्य राज्यों और देशों की बोली सुनना पसंद करते हैं, उसी तरह वह यहां के लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग पसंद करते हैं. लोगों को अपनी बोली भाषा नहीं भूलनी चाहिए. उत्तरायणी के पूर्व संध्या पर हल्द्वानी लालकुआं सहित कई जगह पर शोभायात्रा भी निकाली गई. जहां शोभायात्रा में कुमाऊं और गढ़वाल झांकियां देखने को मिली. पर्वतीय उत्थान मंच से शोभा यात्रा निकाली गई, जहां पूरे हल्द्वानी शहर में घूमते हुए पर्वतीय उत्थान वापस पहुंची. जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. लालकुआं में भी उत्तरायणी कमेटी द्वारा शोभायात्रा निकाली गई, जहां भारी संख्या में महिलाएं पारंपरिक कुमाऊंनी वेशभूषा में शामिल हुई.