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नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, अब जेल में पीसेगा चक्की

Jail to the accused of raping a minor girl in Haldwani हल्द्वानी में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के दोषी को पॉक्सो अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है. दुष्कर्म का दोषी शख्स नशे का आदी था. जब उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया तो उससे एक दिन पहले ही वो नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था.

Haldwani crime news
हल्द्वानी अपराध समाचार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2023, 8:00 AM IST

हल्द्वानी:विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह रावत की कोर्ट ने कक्षा 8 की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

नशेड़ी ने नाबालिग छात्रा से किया दुष्कर्म:शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला 9 नवंबर 2020 का है. शहर की एक महिला की 13 वर्षीय कक्षा आठ में पढ़ने वाली नाबालिग बेटी शाम को साइकिल से घर जा रही थी. इसी बीच वेलेजली लॉज का रहने वाला अतुल नाथ गोस्वामी नाबालिग को रोक कर जबरदस्ती घसीटते हुए सुनसान जगह पर ले गया. इसके बाद उसने बच्ची के साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया. संयोग से इस दौरान बच्ची की बहन उधर से जा रही थी और उसने साइकिल देखी तो आवाज लगाई. आवाज सुनकर दुष्कर्मी भाग निकला.

एक दिन पहले ही नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था:पीड़िता की मां ने हल्द्वानी कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इस बीच पुलिस ने संदिग्ध लोगों की छानबीन करते हुए नाबालिग किशोरी को आरोपी की फोटो दिखाई तो उसने उसे पहचान लिया. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की. आरोपी 8 नवंबर को ही नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था. एक दिन बाद ही उसने नाबालिग से दुष्कर्म की इस घटना को अंजाम दिया.

दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की जेल:पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी. शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पूरे मामले में 9 गवाहों का परीक्षण किया गया. न्यायालय ने मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी अतुल नाथ गोस्वामी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास और ₹20,000 का अर्थ दंड लगाया है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को विधिक सेवा प्राधिकरण से ₹400,000 की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है.
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