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हल्द्वानी: सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से पैदा हुई बछिया

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Published : Jun 19, 2020, 9:23 PM IST

हल्द्वानी में सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के द्वारा बछिया पैदा हुई है, जिसकी वजह से पशुपालन विभाग और पशु चिकित्सक खुश नजर आ रहे हैं.

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सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से पैदा हुई बछिया.

हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार और अमेरिकी कंपनी के बीच हुई एमओयू के बाद सेक्स सॉर्टेड सीमन द्वारा बछियों को पैदा किया जा रहा है. उत्तराखंड के हल्द्वानी में सेक्स सॉर्टेड सीमन के जरिये पहली बछिया पैदा हुई है. जिसके चलते पशुपालन विभाग और पशु चिकित्सक खुश नजर आ रहा हैं.

सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से पैदा हुई बछिया.

देश में दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश के श्यामपुर गांव में देश की पहली सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रयोगशाला बनाई गई है. इस प्रयोगशाला में आधुनिक तकनीक की मदद से सिर्फ बछिया ही पैदा की जा रही हैं. इसके साथ ही पशुपालकों को सस्ती दरों पर कई नस्लों के सीमन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

उत्तराखंड में आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है. अगर सीमन के जरिए क्रोमोजोम अलग कर बछिया ही पैदा होती रही तो आम जनता को इन्हें पालने में कोई हिचक नही होगी और आवारा पशुओं का आतंक भी कम होगा. अमेरिकी तकनीकी सेक्स सॉर्टेड सीमन का नैनीताल जनपद में प्रयोग सफल रहा है और पहली बछिया स्वस्थ पैदा हुई है.

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सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से 90 प्रतिशत बछिया पैदा होगी. इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा, साथ ही पशुपालकों को भी लाभ होगा. हल्द्वानी ब्लॉक में अब तक करीब 300 गायों पर कृत्रिम गर्भाधान के जरिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है. जिससे करीब 50 से ज्यादा पशु गर्भधारण कर चुके हैं, सेक्स सॉर्टेड सीमेन में गायों में बेहतर नस्ल के सीमेन उपलब्ध हैं, जबकि भैसों के लिए 1 नस्ल का सीमेन उपलब्ध है.

सेक्स सोर्टेड सीमन क्या है

सामान्य सीमन में X और Y दोनों ही तरह के क्रोमोजोम को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं. यानी एक ही सीमन सैंपल में कुछ स्पर्म X क्रोमोसोम वाले होते हैं तथा कुछ स्पर्म क्रोमोसोम Y वाले होते हैं. ऐसे सीमन से कृत्रिम गर्भाधान करने पर यदि X क्रोमोसोम वाला स्पर्म अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछिया पैदा होती है. यदि Y क्रोमोसोम वाला अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछड़ा पैदा होता है.

सेक्स सोर्टेड सीमन में सिर्फ एक ही तरह के क्रोमोजोम X या Y को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं. यानी एक सीमन सैंपल में सभी स्पर्म X क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं या सभी स्पर्म Y क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं. X क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान करने पर बछिया पैदा होती और Y क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से AI करने पर बछड़ा पैदा होता है. इसलिए इस तकनीक के इस्तेमाल से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होती है.

260 रुपए में मिलेगा सेक्स सॉर्टेड सीमन

उत्तराखंड के पशुपालकों को सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रयोगशाला से सॉर्टेड सीमेन की एक मात्रा महज 260 रुपए में प्राप्त होगी. डॉ. डीसी जोशी के मुताबिक अभी इसकी लागत 1150 प्रति स्पर्म आ रही है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने प्रति स्पर्म 400 रुपए का अनुदान दिया और उत्तराखंड सरकार द्वारा 390 रुपए प्रति डोज का अनुदान दिया गया है. साथ ही जिला योजना 100 रुपए की सब्सिडी दे रहा है. जिसके बाद सेक्स सॉर्टेड सीमेन की एक मात्रा उत्तराखंड के पशुपालकों को 260 रुपए में प्राप्त हो पाएगी. वहीं विदेशी नस्ल का सीमन 650 रुपए में उपलब्ध होगी.

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