हरिद्वार: पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ अपनी 14 दिवसीय चारधाम यात्रा पूर्ण कर वापस हरिद्वार लौट आए हैं. इस दौरान वो प्रवास के लिए बैरागी कैंप स्थित निर्मोही अखाड़ा पहुंचे. उन्होंने यात्रा के दौरान उपलब्ध सुविधाओं के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया. शंकराचार्य ने यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाएं बढ़ाने के लिए भी सीएम धामी को सलाह दी. इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर हो रहे पंजीकरण को सरल किए जाने की मांग उठाई. इस दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने काशी और मथुरा के लिए मुस्लिमों को बड़ा दिल दिखाने की बात कही.
पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने अपनी यात्रा के संबंध में बताया कि उत्तराखंड की सरकार और खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने उनकी चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए उनके प्रोटोकॉल और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की. जिससे उनकी यात्रा बहुत ही सुगम हो गई. उन्होंने कहा कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के साथ-साथ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले कई अन्य धर्म स्थलों के भी दर्शन किए और ईश्वर से विश्व शांति और राष्ट्र के उन्नयन के लिए प्रार्थना की.
शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ का बयान. इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने उत्तराखंड की सरकार को चारधाम यात्रा में सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में मार्ग बहुत संकरा है. उसे चौड़ा किया जाना अति आवश्यक है. साथ ही वहां पर लगातार हो रही वर्षा से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए शेड की भी व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में रोपवे की व्यवस्था कराने के लिए सरकार से वार्ता करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र भी लिखेंगे.
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इसके साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की आवश्यकता पर बोलते हुए कहा कि पंजीकरण की व्यवस्था कुछ सरल होनी चाहिए ताकि देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु बिना दर्शन के ना लौटें. पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने ज्ञानवापी मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि जिस तरह से अयोध्या में राम का जन्म हुआ लेकिन मध्यकाल में स्थितियां बदली थी, जिनको अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा साफ कर दिया गया है और अब वहां पर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि वो मुस्लिमों से कहना चाहते हैं कि वो इस सच्चाई को समझें कि काशी भगवान विश्वनाथ और मथुरा श्रीकृष्ण की स्थली हैं और यदि वहां पर कोई अवशेष या निशानदेही है तो वो मध्यकाल में ताकत से बनवाई गई होंगी. उन्होंने यहां यह भी कहा कि वो किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय से भी यह कहना चाहते हैं कि वह काशी और मथुरा पर अपना बड़ा दिल दिखाएं, क्योंकि काशी भगवान विश्वनाथ की और मथुरा श्रीकृष्ण की स्थली है.