देहरादून:बीते एक साल में जब से उत्तराखंड के भर्ती आयोगों में नकल माफियाओं के हस्तक्षेप का भंडाफोड़ हुआ है, तब से लेकर अब तक उत्तराखंड में मौजूद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों को व्यथित होकर इस्तीफा देना पड़ा है. पिछले साल जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, तो ईमानदार अधिकारी के रूप में काम करने वाले एस राजू को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके अलावा ईमानदार अधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार ने लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. ऐसे में यह दोनों घटनाएं बताती हैं कि किस तरह से आयोगों में नकल सिंडिकेट का असर है और इस असर को बरकरार देखते हुए कहीं ना कहीं आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को पीड़ा हो रही है.
अध्यक्ष के इस्तीफे से भर्ती प्रक्रिया पर नहीं कोई असर:वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने बताया कि नकल माफियाओं की आयोगों में बेहद अंदर तक जड़ें मजबूत हो चुकी थी और यही वजह है कि आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी इससे व्यथित हो रहे हैं. वहीं, लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे से आयोग की गतिविधियों और आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा और भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी. जल्द ही किसी वरिष्ठ अधिकारी को अध्यक्ष का प्रभार दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोग ने कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं सफलता पूर्वक संपन्न करवाई हैं, जिसमें पटवारी भर्ती परीक्षा, कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, वन आरक्षी आदि परीक्षाएं शामिल हैं. जिसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं दी थी और इनके परिणाम की प्रक्रिया आयोग में गतिमान हैं.
दोनों आयोगों में क्या है भर्तियों का स्टेटस:गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं में औसतन एक परीक्षा में 1 से डेढ़ लाख अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा दी गई और इस तरह से हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा 5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाई गई है. इसके अलावा लोक सेवा आयोग में प्रयोगशाला सहायक के अलावा कुछ दो-तीन छोटी भर्तियों को लेकर विज्ञापन की तैयारी की जा रही है. वहीं, लोक सेवा आयोग का कहना है कि लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं भी लगातार करवाई जा रही हैं. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं लोक सेवा आयोग से लगातार करवाई जाएंगी या नहीं करवाई जाएंगी, इसको लेकर लोक सेवा आयोग पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है.