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कॉलेजों में एडमिशन लेना छात्रों के लिए बना माथापच्ची, बिना सीयूईटी के प्रवेश का विकल्प समाप्त, अब यूजीसी और प्रदेश सरकार पर निगाहें

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2023, 9:44 PM IST

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में हायर एजुकेशन के लिए बिना सीयूईटी के प्रवेश की इजाजत न मिलने और समर्थ पोर्टल बंद होने पर छात्र परेशान हो रहे हैं. इसी बीच एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने चिंता व्यक्त की है.

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देहरादून: उत्तराखंड में इस बार हायर एजुकेशन के एडमिशन के लिए बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. दरअसल एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बिना सीयूईटी के प्रवेश की अनुमति न मिलने और समर्थ पोर्टल बंद होने की वजह से कई छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने छात्रों को हो रही प्रवेश संबंधी समस्या पर चिंता जताई है.

सीयूईटी की प्रवेश परीक्षा से वंचित रह रहे छात्र:डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बिना सीयूईटी के छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. जिसे लेकर लगातार छात्र आंदोलन भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि अधिकांश छात्र प्रचार के अभाव में सीयूईटी की प्रवेश परीक्षा से वंचित रह रहे हैं. ऐसे में छात्रों के पास श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश का विकल्प था, लेकिन श्री देव सुमन विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय दोनों के समर्थ पोर्टल प्रवेश के लिए 26 अगस्त को बंद हो चुके हैं. ऐसे में छात्रों के सामने दोहरी परेशानी खड़ी हो गई है.

गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बिना सीयूईटी के छात्रों को नहीं प्रवेश

15 सितंबर तक तारीख विस्तारित करने की मांग:उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश सरकार से विभिन्न स्तरों पर बातचीत करने के बाद प्रदेश सरकार का रुख सकारात्मक रहा और सरकार द्वारा कई बार प्रवेश की तारीख विस्तारित भी की गई, लेकिन प्रदेश में पिछले दो महीने से प्राकृतिक आपदाओं के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है और जगह-जगह आवागमन अवरुद्ध है. जिसके कारण अभी अधिकांश छात्र प्रवेश नहीं ले पाए हैं. इस संबंध में राज्य सरकार को फिर अवगत कराया गया है और प्रवेश हेतु 15 सितंबर तक तारीख विस्तारित करने की मांग की गई है.

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का समर्थ पोर्टल

यूजीसी और राज्य सरकार से उम्मीद :डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि यूजीसी से भी यह मांग की गई है की गढ़वाल विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाए के प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सीयूईटी की बाध्यता से प्रवेश को मुक्त किया जाए. अब वर्तमान परिस्थितियों में विश्वविद्यालयों से तो कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन यूजीसी और राज्य सरकार से यह उम्मीद है कि वह छात्र हित में उपयुक्त निर्णय लेकर छात्रों के भविष्य को सुनिश्चित करेगी.

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नए कोर्स के लिए विश्वविद्यालय का किया गया निरीक्षण:उन्होंने कहा कि इस सत्र में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबंध कुछ कॉलेजों ने नए कोर्स के लिए विश्वविद्यालय का निरीक्षण करवाया था और विश्वविद्यालय ने उन कोर्सों का अनुमोदन कर फाइलें राजभवन भेज दी थी. इसी प्रकार से कुछ कॉलेजों ने अपने कुछ कोर्स गढ़वाल विश्वविद्यालय से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में ट्रांसफर किए थे. उसमें भी विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण की कार्रवाई पूरी कर ली गई थी, लेकिन समर्थ पोर्टल में उन कॉलेजों के समक्ष उक्त कोर्स प्रदर्शित नहीं हो रहे थे. जिससे उन कोर्सों के छात्रों को कॉलेज द्वारा समर्थ पोर्टल में अपलोड नहीं किया जा सका है.

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