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भू-अधिनियम के जंजाल से मिलेगी राहत, सूबे में होगा रेवेन्यू कोड का गठन

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Published : May 31, 2019, 6:36 PM IST

भू-अधिनियम के समावेश को लेकर बीते शुक्रवार को विधानसभा में विधि आयोग के अध्यक्ष राजेश टंडन ने राजस्व परिषद की समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक की. बैठक में समिति ने आयोग के अध्यक्ष के सामने अबतक रेवन्यू कोड को लेकर किये गए कार्यों एक रिपोर्ट पेश की.

भू-अधिनियम के जंजाल से मिलेगी राहत

देहरादून:उत्तराखंड में भूमि अधिकारों को लेकर तमाम तरह के अधिनियमों का जंजाल है. भूमि सबंधी प्रक्रिया में जटिलता खड़े करने वाले इन अधिनियमों से लोगों को राहत दिलाने करने के लिए सूबे में रेवेन्यू कोड का गठन किया जा रहा है. इसको लेकर शासन, राजस्व परिषद और विधि आयोग कार्य में जुटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि तकरीबन अगले दो महीने में ये कोड बनकर तैयार हो जाएगा. रेवन्यू कोड के बनने से पूरे राज्य में एक ही भू-अधिनियम लागू होगा.

भू-अधिनियम के जंजाल से मिलेगी राहत.

भू-अधिनियम के समावेश को लेकर बीते शुक्रवार को विधानसभा में विधि आयोग के अध्यक्ष राजेश टंडन ने राजस्व परिषद की समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक की. बैठक में समिति ने आयोग के अध्यक्ष के सामने अबतक रेवन्यू कोड को लेकर किये गए कार्यों एक रिपोर्ट पेश की. बैठक के बाद राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष राजेश टंडन ने बताया कि राजस्व कोर्ड को लेकर तैयारियां जारी है. कमेटी लगातार कार्यशाला का आयोजन कर सभी भू-अधिनियम पर शोध कर रही है.

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विधि आयोग के राजेश टंडन के मुताबिक राज्य में क्षेत्रवार अलग-अलग भूमि अधिनियम हैं, जैसे जौनसार-रवांई में अलग भूमि अधिनियम है और कुमाऊं में अलग. इन सभी अधिनियमों का एक अधिनियम में समावेश करने की प्रक्रिया लगातार जारी है. अगले माह तक राजस्व परिषद की समिति इन सभी जटिल नियमों की जगह एक सरल अधिनियम लेकर आयेगी. राजेश टंडन ने बताया कि 9 जुलाई को सभी कमेटियों की एक निर्णायक बैठक होनी है, जिसके बाद अगले दो माह में राज्य को एक नया भूमि अधिनयम मिल पायेगा. उन्होंने कहा कि जल्द मुख्यमंत्री भी इस विषय को जनता के सामने लेकर आएंगे.

रेवेन्यू कोड टीम
रेवन्यू कोड के गठन के लिए राजस्व परिषद की एक 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. ये राज्य में लागू भूमि संबधी सभी अधिनियमों की स्टडी कर उन्हें आसान और एकीकृत करेगी. वहीं, शासन स्तर पर भी एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो राजस्व परिषद की कमेटी को अपने सुझाव देगी और उसके बाद राजस्व विभाग विधि आयोग के साथ मिलकर राज्य में भूमि संबधी एक नया सरल और समावेशी एक्ट लागू करेगी.

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