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देहरादून में 'एक शाम बाबा तुलसी के नाम' कार्यक्रम, 'तुलसी रत्न' से सम्मानित होंगे कई लोग

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Published : Aug 21, 2023, 5:18 PM IST

Goswami Tulsi Jayanti Mahotsav देहरादून में 'एक शाम बाबा तुलसी के नाम' कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को 'तुलसी रत्न' से सम्मानित किया जाएगा. इतना ही नहीं कार्यक्रम में गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व को बताया जाएगा.

Tulsidas Jayanti 2023
एक शाम बाबा तुलसी के नाम

एक शाम बाबा तुलसी के नाम

देहरादूनःआगामी 23 अगस्त को श्री नरसिंह कृपा धाम और ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद की ओर से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जाने माने कवि गोस्वामी तुलसीदास और भगवान श्रीराम से जुड़े काव्य पाठ करेंगे. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को 'तुलसी रत्न' से सम्मानित किया जाएगा.

श्री नरसिंह कृपा धाम के संस्थापक एवं अध्यक्ष स्वामी शशिकांत आचार्य ने बताया कि श्रीमद गोस्वामी तुलसी जयंती महोत्सव के तहत 'एक शाम बाबा तुलसी के नाम' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यह कार्यक्रम देहरादून के टाउन हॉल में होगा. कार्यक्रम में गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विभिन्न संतों और महंतों की ओर से उद्बोधन दिया जाएगा.

इसके अलावा नगर के कवियों की ओर से काव्य पाठ किया जाएगा. जबकि, राष्ट्र और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को तुलसी रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि समारोह की अध्यक्षता श्री श्री 108 महंत कृष्णागिरि महाराज करने आ रहे हैं. इसके अलावा समारोह में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे.
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वहीं, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. मुख्य उद्बोधन ऋषिकेश के श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज का रहेगा. शशिकांत आचार्य ने बताया कि इस मौके पर देहरादून के सभी प्रतिष्ठित लोगों, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों को भी आमंत्रित किया गया है.

बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य के अत्यंत लोकप्रिय कवि रहे हैं. नाभादास ने तो तुलसीदास को 'कलिकाल का वाल्मीकि' कहा है. रामचरित मानस उनका प्रमुख ग्रंथ रहा है. उन्होंने हिंदी क्षेत्र के मध्यकाल में दोनों काव्य भाषाओं ब्रजभाषा और अवधि में समान अधिकार से रचना की. वे हिंदी साहित्य जगत के महान संत कवि रहे हैं.

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