देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने मसूरी में हिमालय दर्शन योजना(Himalaya Darshan Scheme) का पायलेट प्रोजेक्ट का सफल संचालन किया. जिसके बाद अब पर्यटन विभाग पिथौरागढ़ और चंपावत से भी हिमालय दर्शन योजना की शुरुआत करने जा रहा है. फिलहाल, पर्यटन विभाग इसके लिए प्लान तैयार करने में जुटा है.
उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा चलाई जा रही हिमालय दर्शन योजना के तहत राज्य के कुछ चिन्हित हाई एल्टीट्यूड वाले शहरों से हेलीकॉप्टर के माध्यम से पर्यटकों को विशाल हिमालय के दीदार करवाए जाते हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पर्यटन विभाग ने सबसे पहले इस योजना को मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट से शुरू किया. इस योजना को लेकर पर्यटकों ने काफी उत्साह दिखाया. जिसके बाद अब विभाग पिथौरागढ़ और चंपावत में भी इस योजना को शुरू करने जा रहा है.
मसूरी के बाद अब पिथौरागढ़ और चंपावत में शुरू होगी हिमालय दर्शन योजना. पढ़ें-विंटर टूरिज्म पर उत्तराखंड सरकार का फोकस, पर्यटकों को आकर्षित करेगी ये योजनाएं
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे (Tourism Secretary Sachin Kurve) ने बताया हिमालय दर्शन योजना को लेकर चंपावत और पिथौरागढ़ जिले के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. इस योजना के तहत हेलीकॉप्टर संचालन के लिए डीजीसीए के कुछ अनुमतियां चाहिए होती हैं, जिसको लेकर होमवर्क किया जा रहा है.
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे (Tourism Secretary Sachin Kurve) ने बताया आने वाले निकट भविष्य में पर्यटक जिस तरह से मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट से हेलीकॉप्टर राइड के माध्यम से हिमालय के दर्शन कर पाते हैं, उसी तरह से अब कुमाऊं क्षेत्र में पिथौरागढ़ और चंपावत से भी हिमालय दर्शन योजना के तहत पर्यटक कुमाऊं क्षेत्र की चोटियों के दीदार कर पाएंगे.
क्या है हिमालय दर्शन योजना: उत्तराखंड सरकार के अनुसार हिमालय दर्शन योजना (What is Himalaya Darshan Scheme) सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उत्तराखंड सरकार की ‘हिमालय दर्शन योजना’ आम नागरिक को कम खर्च में हिमालय दर्शन कराने का प्रयास है. इससे प्रदेश में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके तहत पांच हजार के टूर पैकेज में 40 मिनट और 10 हजार रुपये में सैलानी डेढ़ घंटे की उड़ान का लुत्फ उठा सकेंगे.