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जनेऊ बना राजनीतिक बहस का मुद्दा, सीएम धामी और हरीश रावत आमने-सामने

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Published : Dec 1, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 6:02 PM IST

हाल ही में सीएम धामी ने एक कार्यक्रम में जनेऊ दिखाकर कर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था, जिसके जवाब में हरीश रावत ने धामी पर तंज कसा है. हरदा ने कहा जनेऊ कोई नुमाइश की चीज नहीं है.

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जनेऊ बना राजनीतिक बहस का मुद्दा

देहरादून: 2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly elections) में महज कुछ महीने का ही वक्त बचा है. ऐसे में राजनीतिक दल हर वह हथकंडे अपना रही है, जिससे चुनावी दंगल में फतह हासिल कर सके. इन दिनों उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हिंदुत्व को लेकर सियासत (politics on hindutva) गर्म है. दरअसल, एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने अपना जनेऊ दिखाते हुए कहा था कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राम का नाम लिया है, उसके बाद से ही विपक्षी दलों में खुद को हिंदू दिखाने की होड़ शुरू हो गई है, जिसको लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत (Ex CM Harish Rawat) ने धामी पर निशाना साधा है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले धर्म और जनेऊ जैसे मुद्दे सामने आने लगे हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनेऊ दिखाया था और कहा वह बचपन से ही जनेऊ पहनते हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा वो उन दलों को जनेऊ दिखा रहे थे, जो सिर्फ चुनाव में जनेऊ (Chief Minister Pushkar Singh Dhami showed Janeu) पहनने का नाटक करते हैं. जबकि वह हिंदू धर्म के सभी नियमों का बचपन से ही पालन करते हैं. साथ ही कहा कि जब से प्रधानमंत्री ने धर्म की बात की है, लोग जनेऊ पहनने को मजबूर हो गए हैं.

जनेऊ बना राजनीतिक बहस का मुद्दा.

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वहीं, सीएम के जनेऊ वाले बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा आस्था को सार्वजनिक नहीं किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री को अपना जनेऊ दिखाने की जरूरत क्यों पड़ गयी? जबकि जनेऊ को मंत्र के साथ पहना और उतारा जाता है. साथ ही उन्होंने कहा जनेऊ के अपने संस्कार हैं, उसे जगह-जगह दिखाया नहीं जाता. आप अपनी आस्था का प्रदर्शन इस तरह से नहीं करते हैं. उसके नियम है और उसी के तहत का इसका पालन किया जाता है.

Last Updated : Dec 1, 2021, 6:02 PM IST

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