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Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाष की जयंती पर राज्यपाल और सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि

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Published : Jan 23, 2023, 10:53 AM IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. उनका नारा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, आज भी देशवासियों के भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करता है. नेताजी ने भारत की आजादी के लिए न सिर्फ देश के अंदर बल्कि दूसरों मुल्कों में जाकर भी संघर्ष किया था. उत्तराखंड के सीएम धामी और राज्यपाल ने उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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देहरादून: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज जयंती है. पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. सुभाष चंद्र बोस की जयंती 2021 से 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मनायी जाती रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रद्धांजलि दी. सीएम धामी ने ट्वीट कर लिखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही उनके योगदान को याद किया.

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने दी श्रद्धांजलि:उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ट्वीट कर लिखा कि आजाद हिंद फौज के संस्थापक और स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती पर शत्-शत् नमन. उन्होंने असाधारण नेतृत्व कौशल और अद्भुत संगठन क्षमता से स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दिखाई. आपके ओजपूर्ण विचार सदैव युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे.
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स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान: नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 'आजाद हिंद फौज' के संस्थापक के रूप में जाना जाता है. उनकने नारे 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' ने पूरे देश में क्रांति ला दी और अंग्रेजी हुकूमत के चूलें हिला दीं थी. ऐसा कहा जाता है कि 18 अगस्त, 1944 को ताइवान के एक अस्पताल में एक विमान दुर्घटना में झुलसने के बाद नेताजी की मृत्यु हो गई थी. हालांकि इसका प्रमाण आज तक नहीं मिल पाया.

2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों का डिजिटल संस्करण सार्वजनिक किया, जो दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में मौजूद हैं. नेताजी असाधारण नेतृत्व कौशल और करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई योगदान दिए. पूरा देश आज भी उनके बलिदान को याद करता है.

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