देहरादूनः राजधानी देहरादून के पुलिस लाइन में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार ने शिरकत की. पुलिस फोर्स ने उन संस्थाओं को सम्मानित किया, जिनका सहयोग पुलिस और नौनिहालों को इस मुहिम 'ऑपेरेशन मुक्ति' के दौरान मिला. इसके अलावा जिला पुलिस द्वारा अभियान की थीम 'भिक्षा नहीं, शिक्षा दें' व Support to educate a child के तहत अधिक से अधिक लोगों को इस मुहीम से जुड़ कर बच्चों की शिक्षा और उनके पुनर्वास के लिए आगे आने की अपील की.
राज्य में 'ऑपरेशन 'मुक्ति अभियान के तहत पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त लगभग 4091 बच्चों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 1430 बच्चों का पुलिस द्वारा विभिन्न स्कूलों और डे केयर होम में दाखिला करवाया गया. कार्येक्रम के दौरान डीजीपी ने विभिन्न संस्थाओं और स्वयं सेवी संगठनों की ओर से जुटाए गए बच्चों की शिक्षा और उत्थान व उनके परिजनों की आजीविका के लिए ट्रेक सूट, स्टेशनरी, सिलाई मशीन, स्कूल बैग आदि को बच्चों व उनके परिजनों को वितरित किया.
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान का मुख्य लक्ष्य समाज को बाल भिक्षावृत्ति के इस अभिश्राप से मुक्त कराना है. इस अभियान के दौरान मुख्य रूप से जो चुनौतियां पुलिस के सामने आई, उनमें से एक है ऐसे बच्चों को शिक्षा और उसके महत्वों के प्रति प्रेरित करना. क्योंकि उन्हें इसकी आदत नहीं होती और उन्हें स्कूल में डालना बहुत मुश्किल होता है. दूसरी समस्या माता-पिता द्वारा बच्चों को स्कूलों से निकालकर वापस भिक्षावृत्ति की ओर ले जाना है. क्योंकि ऐसे अभिभावकों के लिए बच्चे ही आय का मुख्य साधन होते हैं. ऐसे में बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर करने के लिए उनके अभिभावकों के लिए आजीविका के साधनों को ढूंढना भी एक चुनौती है. जिसकी दिशा में भी पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास कर रही है.