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'ऑपरेशन मुक्ति' कार्यक्रम में DGP ने की शिरकत, लोगों से भिक्षा नहीं, शिक्षा देने की अपील

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Published : Nov 30, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 10:48 PM IST

देहरादून पुलिस लाइन में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार ने शिरकत की. डीजीपी ने लोगों से ऐसे बच्चों को भिक्षा नहीं, शिक्षा देने की अपील की.

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देहरादून

देहरादूनः राजधानी देहरादून के पुलिस लाइन में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार ने शिरकत की. पुलिस फोर्स ने उन संस्थाओं को सम्मानित किया, जिनका सहयोग पुलिस और नौनिहालों को इस मुहिम 'ऑपेरेशन मुक्ति' के दौरान मिला. इसके अलावा जिला पुलिस द्वारा अभियान की थीम 'भिक्षा नहीं, शिक्षा दें' व Support to educate a child के तहत अधिक से अधिक लोगों को इस मुहीम से जुड़ कर बच्चों की शिक्षा और उनके पुनर्वास के लिए आगे आने की अपील की.

राज्य में 'ऑपरेशन 'मुक्ति अभियान के तहत पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त लगभग 4091 बच्चों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 1430 बच्चों का पुलिस द्वारा विभिन्न स्कूलों और डे केयर होम में दाखिला करवाया गया. कार्येक्रम के दौरान डीजीपी ने विभिन्न संस्थाओं और स्वयं सेवी संगठनों की ओर से जुटाए गए बच्चों की शिक्षा और उत्थान व उनके परिजनों की आजीविका के लिए ट्रेक सूट, स्टेशनरी, सिलाई मशीन, स्कूल बैग आदि को बच्चों व उनके परिजनों को वितरित किया.

'ऑपरेशन मुक्ति' कार्यक्रम में DGP ने की शिरकत

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान का मुख्य लक्ष्य समाज को बाल भिक्षावृत्ति के इस अभिश्राप से मुक्त कराना है. इस अभियान के दौरान मुख्य रूप से जो चुनौतियां पुलिस के सामने आई, उनमें से एक है ऐसे बच्चों को शिक्षा और उसके महत्वों के प्रति प्रेरित करना. क्योंकि उन्हें इसकी आदत नहीं होती और उन्हें स्कूल में डालना बहुत मुश्किल होता है. दूसरी समस्या माता-पिता द्वारा बच्चों को स्कूलों से निकालकर वापस भिक्षावृत्ति की ओर ले जाना है. क्योंकि ऐसे अभिभावकों के लिए बच्चे ही आय का मुख्य साधन होते हैं. ऐसे में बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर करने के लिए उनके अभिभावकों के लिए आजीविका के साधनों को ढूंढना भी एक चुनौती है. जिसकी दिशा में भी पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास कर रही है.

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कार्यक्रम के दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के तहत पुलिस द्वारा अन्य कार्यदायी संस्थाओं के साथ मिलकर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में काफी अच्छा प्रयास किया गया है. पर पुलिस की इस मुहिम को और आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को यह समझना होगा कि भिक्षावृत्ति में लिप्त ऐसे बच्चों को भी पूरे सम्मान के साथ जीवन यापन करने का पूरा अधिकार है. पर जब भी हम किसी बच्चे को भिक्षा देते हैं, तो हम उसे दया का पात्र बनाते हुऐ अन्जाने में ही सही पर उसे जिंदगी भर के लिए भिक्षुक बना देते हैं. इससे उन्हें भिक्षावृत्ति की आदत पड़ जाती है. भिक्षावृत्ति में लिप्त कई परिवार इसे अपनी आय के स्त्रोत के रूप में लेते हुए बच्चों को पैदा कर उनसे उनका बचपन छीन कर उन्हें भीख मांगने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं. पर समाज के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम सभी को यह समझना होगा कि उन बच्चों के समाज में सम्मान के साथ जीने के लिए उन्हें भिक्षा नहीं शिक्षा की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि यदि हम दिल से उनके लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो उन्हें भिक्षा न देकर उनके बेहतर भविष्य के लिए उन्हें अच्छे स्कूल में दाखिल कर उन्हें शिक्षा दिलाएं. उन्हें गोद लेते हुए उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी लें, जिससे कि बड़े होकर वह अपने पैरों पर खड़ें होकर एक सम्मानजनक जिंदगी जी सकें. इसके लिए हमें अपने इस विचार को समाज में अधिक से अधिक लोगों के मध्य प्रसारित करते हुए उन्हें इसके प्रति जागरूक करना होगा. तभी हम इस पूरे समाज से बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त कर सकेंगे.

Last Updated :Nov 30, 2021, 10:48 PM IST

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