देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले हरिद्वार धर्म में संसद हेट स्पीच (Haridwar Dharma Sansad hate speech case) का जो विवाद खड़ा हुआ है, वो रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हरिद्वार धर्म संसद में विवादित बयान को लेकर जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) समेत कई लोगों के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मामला भी दर्ज किया गया है. वहीं अब चुनावी माहौल में इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे हैं. उत्तराखंड में इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस भी शुरू हो गई है.
उत्तराखंड समेत देश के पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों से ठीक पहले हरिद्वार में हुई धर्म संसद में जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) का विवादित बयान बीजेपी-कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल हो गया है.
हेट स्पीच मामले में कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानबाजी. पढ़ें-Hate speech case: संतों में दो फाड़, अखाड़ा परिषद ने बयान को बताया गलत, स्वामी परमानंद बोले- मुकदमे से डरने वाले नहीं
जितेंद्र नारायण त्यागी का वायरल वीडियो समाज में नफरत फैलाने के रूप में देखा जा रहा है. उनका भड़काऊ भाषण यूं तो धर्म संसद के दौरान एक निजी राय के रूप में बताया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले वसीम रिजवी के इस वायरल होते बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले तुष्टिकरण की राजनीति के तहत इस बयान को जारी किया गया है. कांग्रेस तो कुछ इसी तरह के आरोप भाजपा पर लगा रही है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतराम कहते हैं कि भाजपा का चुनाव से पहले हमेशा यह प्रयास होता है कि तुष्टीकरण की राजनीति कर चुनाव में उसका लाभ लिया जाए और इसके लिए भाजपा हमेशा तत्पर दिखाई देती है.
जीतराम ने कहा कि बीजेपी को लग रहा है कि उत्तराखंड, यूपी और पंजाब समेत अन्य राज्यों में वे चुनाव हार रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जा रही है. बीजेपी ही कुछ लोगों को आगे करके इस तरह का आयोजन कराती है और इसका राजनीतिक लाभ लेती है.
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वैसे तो बीजेपी के एजेंडे में हमेशा से ही हिंदुत्व रहा है. कांग्रेस भी मानती है कि बीजेपी को तुष्टिकरण का लाभ भी मिलता है. हालांकि बीजेपी इससे इत्तेफाक नहीं रखती है. उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल कहते हैं कि भाजपा को ऐसे बयानों और तुष्टिकरण की राजनीति से कोई सरोकार नहीं है. उल्टा कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण को हथियार बनाया है. कांग्रेस ने हमेशा केंद्र से लेकर राज्य तक में ऐसे एजेंडे चला कर सत्ता हासिल की है. बीजेपी ने जो काम किए है, वो सभी वर्गों के लिए किए हैं.