IFOAM के सहयोग से आयोजित 'आर्गेनिक कार्यशाला' में सीएम ने लिया भाग. देहरादून: उत्तराखंड राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने को लेकर उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उत्तराखंड को 'जैविक राज्य' के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रभावी पहल कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को जैविक कृषि के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 'इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट' (IFOAM) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था के सहयोग से 'आर्गेनिक कार्यशाला' का आयोजन निश्चित रूप से समृद्ध उत्तराखंड निर्माण की संकल्पना को सार्थक करने का एक उत्कृष्ट माध्यम बनेगा.
पढ़ें-Chief Secretary Meeting: पहाड़ों पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट को मिले बढ़ावा, किसानों के उत्पादों को बाजार देने की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत का किसान वर्ग तेजी से प्रगति कर रहा है. केंद्र सरकार अनेक लाभकारी योजनाओं से देश के किसानों को समृद्ध बनाने का काम कर रही है. प्रदेश में जैविक कृषि के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'प्राकृतिक कृषि' को भी वृहद स्तर पर संचालित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है, जिसमें प्रथम चरण में इसी वर्ष से 6400 हेक्टेयर क्षेत्र में 'प्राकृतिक कृषि' की कार्ययोजना को स्वीकृत किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इसी का परिणाम है कि पिछले वर्षों में प्रदेश ने जैविक कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है. उत्तराखंड के 34 प्रतिशत भाग में जैविक कृषि की जा रही है, इसे बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. राज्य सरकार प्रदेश के समस्त 11 पर्वतीय जनपदों को पूर्ण जैविक जनपदों में परिवर्तित करने के लिए भी प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2025 तक उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा है. प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.